गुरुग्राम 9/8/22 ; तरविंदर सैनी (माईकल सैनी) आम आदमी पार्टी नेता गुरुग्राम अनुसार जितनी महत्वपूर्ण तिथि पाँच अगस्त को मानती है भाजपा धारा 370 हटाने और राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास को उपलब्धियों वाला ऐतिहासिक दिन मानकर  तो आज का दिन यानी 9 अगस्त भी कम ऐतिहासिक नहीं रहा  इन्हें भूलना नहीं चाहिए था , क्या कुछ खास घटित हुआ देश दुनिया में आज ही के दिन आइए जानते हैं  माईकल सैनी के साथ :- 

9/8/1942 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने उस समय के मलाया (अब मलेशिया ) में जापान की मदद से आई,एन,ए की स्थापना की थी !

9/8/1925 के प्रसिद्ध काकोरी कांड की घटना आज ही के दिन घटित हुई थी !

9/8/1942 – मुंबई में भारत छोड़ो आंदोलन के साथ करो या मरो’ का नारा देने के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को उनके 50 समर्थकों के साथ गिरफ्तार किया गया था !

9/8/1971 आज ही के दिन भारत पाकिस्तान मैत्री संधि हुई थी !

9/8/1996 को सचिन तेंदुलकर को भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था !

9/8/1945 को ही अमेरिका ने जापान के नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया था !

और भी असंख्य घटनाएं 9 अगस्त वाली तिथि से जुड़ी हुई हैं इसलिए भी यह दिन बहुत ही अहमियत रखता है   और आज ही से  भाजपा से मुक्ति पाने वाले अभियान की शुरुआत हो रही है  वो भी मगध की धरा से जहाँ साशन था सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य और उनके अंश सम्राट अशोका का जिन्होंने अखंड भारत का निर्माण किया   खैर……./

जिस नमक के ऊपर टैक्स लगाने से अंग्रेजों से लड़ पड़ा था देश  भारत छोड़ो आंदोलन खड़ा करके  आज उसी भारत में सभी प्रकार की खाद्य सामग्रीयों पर टैक्स पर टैक्स लगाए जा रहे हैं जनसुविधाएं देने के स्थान पर लोगों को सताया जा रहा है , दबाया और कुचला जा रहा हैं  न्याय प्रणाली ध्वज हो चुकी है ,शिक्षा, स्वास्थ्य पर कोई गौर करने वाला नहीं है तो कहीं न कहीं से किसी ने तो बिगुल फूंकना ही था  आखिर कबतल्क सहन करेगी देश का आवाम महंगाई  बेरोजगारी , गरीबी , भुखमरी जैसी दैत्याकार समस्याओं को ?

अंग्रेजों से मुक्ति का कारण भी यही था जो माईकल सैनी ने पाँच अगस्त को लिखा था कि कुछ अंग्रेज अफसर और चंद गुलाम चाटुकारों की ही चलती थी , उन्हीं के द्वारा थोपे गए कानूनों को मानने की बाध्यता होती थी जिससे पार पाने के लिए ही भारत छोड़ो आंदोलन की नींव महात्मा गांधी जी ने रखी थी  करो या मरो का नारा लगाते हुए – ठीक उसी प्रकार आज भी दो लोगों के हाथों में देश है और चंद मुनाफाखोर ,मौकापरस्त गुलाम हैं जिनकी चल रही है  बाकि आमजन के हालात दयनीय स्थिति में पहुंच गए हैं  जिससे पार पाने की चाह में संभवत आज ही के ऐतिहासिक दिन से काले अंग्रेजों की सत्ता से मुक्ति पाने की शुरुआत हो रही है  और कहिं न कहीं देश की जनता भी आज बिहार में नीतीश कुमार जी के निर्णय पर   नजरें जमाए हुए हैं  ! खैर…../

जिसे चाणक्य कहा जा रहा था आज के युग का उनके दिमाग की धार आकर बिहार  कुंद हो जा रही है  सभी रणनीतियां विफल हो जा रही हैं !

अब नीतीश कुमार जी के लिए यही कहा जाएगा कि  हुजूर देर आए दुरुस्त नहीं , दुरुस्त आते तो महारष्ट्र प्रयोग नहीं होता ।।

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