राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर से करीबन 2 किलोमीटर दूर राजस्थान की सीमा में यात्रा रुकी हुई है. जिस यात्रा में करीबन 300 लोग बस और गाड़ियों में सवार है. वहीं हरियाणा में प्रवेश को लेकर हरियाणा पुलिस की सांस फूली हुई है. रेवाड़ी – विभिन्न संगठनों द्वारा गुजरात से शुरु की गई भीम रुदन यात्रा को लेकर हरियाणा पुलिस के हाथ-पैर फूल गए और राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बाल तैनात किया गया. साउथ रेंज के एडीजीपी खुद बॉर्डर पर मौजूद रहे है और तीन जिलों से पुलिस के जवानों को बुलाकर बॉर्डर पर तैनात किया गया. इस मामले में मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों और एसडीएम बावल ने कोई भी जानकारी ना देकर मौन धारण कर लिया. बॉर्डर पर बैरिकेट्स करने से हाइवे पर वाहन रेंग–रेंग के चलते नजर आए और जाम जैसे हालत बने रहे. दोपहर से ही पुलिस बॉर्डर पर तैनात रही. शाम चार बजे बाद हाइवे के कुछ हिस्से को छोड़कर पुलिस ने बैरिकेट्स लगाकर हाइवे को ब्लॉक किए रखा. जिसके बाद रात करीबन 9 बजे यात्रा का 3-4 सदस्य राजस्थान पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए बॉर्डर पर आए लेकिन बातचीत विफल रही. जानकारी के मुताबिक गुजरात के अमहदाबाद से एक अगस्त को भीम रूदन यात्रा शुरू की गई थी. जो यात्रा राजस्थान के विभिन्न जिलों से होते हुए रविवार को हरियाणा के रास्ते दिल्ली रवाना होनी थी लेकिन राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर यात्रा को रोकने के लिए पुलिस तैनात कर दिया गया. भीम रूदन यात्रा की बाबा साहब और माहत्मा बुद्ध के चित्र से उकरे 1111 किलोग्राम के पीतल के सिक्के को संसद भवन में स्थापित करने की मांग है. यात्रा के आयोजकों का कहना है कि देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अजादी अमृत महोत्सव मना रहा है. लेकिन आज भी भेदभाव–छुआछूत की बीमारी देश में बनी हुई है. इसलिए वो समाज से एकत्रित किए गए सिक्कों को दिल्ली सौंपने जा रहे थे. उन्होंने कहा कि अगर पुलिस उन्हें रोकती है तो वो उसी जगह 24 घंटे रुकेंगे और वापिस लौट जायेंगे. फिलहाल राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर से करीबन 2 किलोमीटर दूर राजस्थान की सीमा में यात्रा रुकी हुई है. जिस यात्रा में करीबन 300 लोग बस और गाड़ियों में सवार है. वहीं हरियाणा में प्रवेश को लेकर हरियाणा पुलिस की सांस फूली हुई है. इसलिए अभी भी पुलिस फ़ोर्स बॉर्डर पर तैनात है और हाइवे पर जाम जैसे हालत बने हुए है. Post navigation हर-घर तिरंगा अभियान के नाम पर औच्छी राजनीति ! विद्रोही भारत छोड़ो आंदोलन : 9 अगस्त 1942 का दिन भारत की आजादी के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है : विद्रोही