राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर गुरुग्राम में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे राज्यपाल

गुरुग्राम, 7 अगस्त – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि भारत की उन्नति के लिए हर हाथ को काम मिलना चाहिए और यह लक्ष्य हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देकर प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गांवों में पहले हाथ से उत्पाद बनाने की परंपरा थी जिसने हमारी आर्थिक व्यवस्था को जिंदा रखा है। आज फिर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने की जरूरत है।

राज्यपाल श्री दत्तात्रेय रविवार को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के मौके पर गुरुग्राम में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में हस्तशिल्पयों द्वारा अपने हाथ से बनाए उत्पादों की लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। प्रदर्शनी को राज्यपाल ने रुचि लेकर देखा और हर स्टॉल पर रुक कर हस्तशिल्पकार से पूछा कि वह उत्पाद बनाने के लिए कच्चा माल कहां से लाते हैं, उत्पाद बनाने में कितना समय लगता है, उसके समूह में कितने व्यक्ति शामिल हैं, काम शुरू करने के लिए कितना पैसा लगाया था तथा उत्पादों की बिक्री की क्या व्यवस्था है। स्टॉल लगाने वाली ज्यादातर महिलाएं हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह में काम करने वाली महिलाएं थी। राज्यपाल ने इन महिलाओं से पूछा कि उन्हें हथकरघा से जुड़े अपना काम करने में क्या-क्या कठिनाइयां आ रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपना काम शुरू करने के लिए प्रशिक्षण देने के साथ-साथ बैंक से ऋण आदि की सुविधा भी दिलवाई जा रही है। किसी को दिक्कत हो तो वह उपायुक्त से मिल लें।

राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि हाथ से बनी वस्तुएं अच्छी होती हैं, उनमें कोई मिलावट नहीं होती इसलिए उनकी कीमत भी ज्यादा होती है। उन्होंने हथकरघा कार्यों से जुड़ी महिलाओं का आह्वान किया कि वे अपने उत्पादों में ऐसी गुणवत्ता लाएं कि उनके उत्पाद देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी निर्यात हों। साथ ही उन्होंने कहा कि सच्चाई व ईमानदारी से काम करें और धनराशि का लेनदेन बैंक के माध्यम से करें। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 45 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुलवाए थे। केंद्र व राज्य सरकार हथकरघा उद्योगों को बढ़ावा दे रही हैं। हरियाणा में पानीपत हथकरघा उद्योग का एक बड़ा केंद्र बन गया है। प्रदर्शनी में स्वयं सहायता समूह की लगभग 50 महिलाओं ने भागीदारी की थी, जिन्हें राज्यपाल ने ढाई लाख रुपए की राशि देने की घोषणा भी की।

उन्होंने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जिस परिवार की महिलाएं काम करती हैं, वह परिवार उन्नति अवश्य करता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में क्षमता होती है इसलिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने गांव व आसपास के क्षेत्र में सामाजिक वातावरण में भी सुधार करें। सामाजिक बुराइयों व समस्याओं को दूर करने के लिए महिलाएं आगे आऐं। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम जिला के गांव चंदू की महिला श्रीमती पूजा शर्मा ने गांव में रहते हुए खाने के ऐसे उत्पाद बनाए कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्हें राष्ट्रपति ने सम्मानित किया, वह महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है।

श्री दत्तात्रेय ने बताया कि हर वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2014 में जब भाजपा सरकार सत्ता में आई तो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 7 अगस्त 2015 को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य लघु और मध्यम बुनकरों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि हथकरघा भारत की विरासत है जिसे आधुनिक उपकरणों और मशीनीकरण के कारण लोग भूलते जा रहे थे। उन्होंने लोगों का भी आह्वान किया कि वे सूती और खादी के कपड़े पहने, हाथ से बनी वस्तुएं खरीदें जिससे हथकरघा उद्योग को बढ़ावा मिले।

इस मौके पर गुरुग्राम के उपायुक्त श्री निशांत कुमार यादव, डीसीपी ईस्ट श्री वीरेंद्र विज, चीफ प्रोटोकोल ऑफिसर वत्सल वशिष्ठ, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनु श्योकंद भी उपस्थित थे।

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