आरोपी के परिजनों की याचिका पर हुई सुनवाई
परिजनों ने की निजी अस्पताल में आरोपी के उपचार कराने की मांग
बोर्ड याचिका पर सोमवार को देगा फैसला

गुडग़ांव, 6 अगस्त (अशोक) : प्रिंस हत्याकांड के मामले की सुनवाई शनिवार को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष शुरु हुई। मनोचिकित्सक को अपनी रिपोर्ट बोर्ड के समक्ष  प्रस्तुत करनी थी, लेकिन किन्हीं कारणों से रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं हो सकी। जिसके लिए जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आगामी 18 अगस्त की तारीख निश्चित कर दी है। मनोचिकित्सक को आदेश दिए हैं कि इस
तारीख तक आरोपी भोलू से संबंधित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुनवाई के दौरान ही आरोपी भोलू के परिजनों ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष एक याचिका प्रस्तुत की। याचिका में कहा गया कि भोलू पिछले करीब 5 वर्षों से बाल सुधार गृह में बंद है जिससे उसकी मनोस्थिति सही नहीं है और उसको विभिन्न समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। सुधार गृह के प्रभारी ने उपचार हेतू फरीदाबाद के सिविल अस्पताल भेजा है, लेकिन उसको समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। सिविल अस्पताल के चिकित्सकों ने उसे उपचार के लिए दिल्ली रैफर किया है ताकि उसका उपचार किया जा सके।

परिजनों ने याचिका में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से गुहार लगाई है कि आरोपी भोलू की चिकित्सा के लिए फरीदाबाद व गुडग़ांव के निजी अस्पताल में उपचार कराने की अनुमति दी जाए। उसके उपचार का खर्चा परिजन स्वयं वहन कर लेंगे। इस याचिका पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने शनिवार को सुनवाई की।

सीबीआई व पीडि़त के अधिवक्ताओं ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी जघन्य अपराध का आरोपी है। निजी अस्पतालों में उसके उपचार न दी जाए।

दिल्ली के जिन अस्पताल में रैफर किया गया है, वहां भी उपचार संभव है। जस्टिस बोर्ड ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। संभवत: सोमवार यानि कि 8 अगस्त को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड आरोपी भोलू के परिजनों द्वारा दी गई याचिका पर अपना फैसला देगा।

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