भारत सारथी/ कौशिक
नारनौल। महेंद्रगढ़ के चामधेड़ा गांव में बनाया गया अस्थायी बांध टूटने से दोहान नदी का पानी सुबह लगभग नौ बजे डुलाना रोड स्थित डीएवी स्कूल और गोशाला में घुस गया। इससे स्कूल, गोशाला व मोदा आश्रम स्थित निचली बस्तियों, झुग्गी-झोपड़ियों में पानी घुस गया, जिससे की बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए।

डीएवी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाला गया एवं गोवंशी को भी सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। एसडीएम वकील अहमद ने सिचाई विभाग एवं संबंधित विभाग को तुरंत निर्देश जारी किए।

डीएवी स्कूल के प्राचार्य राजेंद्र, डा. भंवर सिंह कसाना, वार्ड नंबर चार के पार्षद प्रतिनिधि अश्वनी गोशाला प्रधान, अमित सैनी आदि लोगों के सहयोग से स्कूल व प्राचार्य निवास की दीवार में से रास्ता निकालकर पानी को बाहर निकाला गया। इस पानी की वजह से स्कूल परिसर में बने पुस्तक व कंप्यूटर कक्ष, लैब, लेखाकार कार्यालय में भी पानी घुस जाने से भारी नुकसान हुआ है। पानी का बहाव इतना तेज हो गया कि वहां बच्चों को भी एक ट्रैक्टर-ट्राली की मदद से वहां से निकाला गया।

बता दें कि जवाहर लाल नहर से डेरोली अहीर गांव के पास से दोहान नदी में यह पानी छोड़ा गया था। पानी छोड़ने की वजह महेंद्रगढ़ भूमिगत जलस्तर बढ़ाना है। गांव चामधेड़ा के नजदीक एक अस्थायी बांध बनाकर पानी को रोका गया था। शनिवार को नहर में ज्यादा पानी आने की वजह से यह अस्थायी बांध टूट गया। इससे बालाजी मंदिर, मोदाश्रम, गोशाला, डीएवी स्कूल सहित आस पास की कालोनियों में पानी भर गया।

प्राचार्य राजेंद्र का कहना है कि इसकी सूचना सुबह समय पर ही प्रशासन को दे दी गई थी, परंतु इतना कुछ होने के बावजूद भी उन्हें प्रशासन से कोई भी सहयोग नहीं मिला। सूचना स्थानीय एसडीएम को भी दे दी गई थी। शनिवार को यदि इन लोगों का सहयोग नहीं होता तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था।

इतना ही नहीं इस पानी ने डीएवी स्कूल के साथ लगती बुचियावाली गोशाला में भी हडकंप मचा दिया। पानी भरने से गोशाला के मुख्य द्वार के पास बने पार्क नष्ट हो गए। उसके अंदर लगभग 500 गायों पर खतरा मंडराने लगा है। बिजली विभाग द्वारा वहां बिजली संबंधित काट दिए गए हैं ताकि बहते इस पानी की वजह से कोई करंट आदि न आ जाए।

गोशाला प्रधान विनय गुप्ता का कहना है कि गोशाला के चारों ओर से पानी की वजह से रास्ते बंद हो गए हैं। जहां लोग गायों के लिए दान पुण्य कर रहे थे, वह आज से ही बंद हो गया है। गोशाला की व्यवस्था खराब हो गई है। उन्होंने प्रशासन से इन गायों के बचाव के लिए अपील की है कि इन्हें तुरंत प्रभाव से उचित स्थान पर भिजवाया जाए, ताकि इनका बचाव किया जा सके।

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