गुरुग्राम, 29 जुलाई – अमृतकाल चल रहा है आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है जहाँ भाजपा लाखों घर तिरँगा फहराने की घोषणा कर चुकी है हालांकि इनकी घोषणाएँ कितनी सफल हो पाई हैं यह किसी से छिपा नहीं है खैर… इन सब से परे माईकल सैनी आम आदमी पार्टी नेता गुरुग्राम चाहते हैं कि सभी सरकारी व निजी स्कूलों के क्षात्रों के मध्य देश को आज़ादी किस कीमत को चुकाने के बाद मिली विषय पर भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं जिससे उनमें राष्ट्रभक्ति का संचार हो और उनका इतिहास के बारे में भी ज्ञानवर्धन हो पाए !

देश की युवा पीढ़ी को जो आज गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस को महज छुट्टी का दिन समझ चुकी है जो उस समय की परिस्थितियों में हुए संघर्षों ,त्याग और बलिदानों के बारे में नहीं जानती है उसे ज्ञात होना चाहिए कि सुभाष चंद्र बोस ,शहीदे आज़म भगत सिंह , चंद्र शेखर आज़ाद , उधमसिंह ,राजगुरु, सुखदेव ,मंगल पांडे ,बटुकेश्वर दत्त जैसे वीर शहीदों को जन्म देने वाली उनकी माताएँ और उनके पिता कहाँ रहते थे ,क्या करते थे ,कैसे उन्होंने संघर्षो की शुरुआत की थी और कितने विशाल हृदयी थे उन्होंने अपने नोनिहालों को उस आज़ादी के महासंग्राम में कूदने से कभी क्यों नहीं रोका वह कोनसी बातें थी जिनसे प्रभावित और पडताडित हुए थे तथा झांसी की रानी लक्ष्मीबाई जी की तरह किन किन किन महिलाओं ने बर्तानिया हुकूमत के खिलाफ युद्ध लड़े और अपने प्राणों को न्यौछावर किया ?

महात्मा गांधी जी ,डॉ साहब भीमराव अंबेडकर जी , सरदार वल्लभ भाई पटेल , मोरारजी देसाई , लाला लाजपतराय , डॉ राजेंद्र प्रसाद जी जैसे विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा क्या भूमिका निभाई और किसने कितना योगदान दिया और उनकी उपलब्धियों से कितना लाभ मिला उनके बारे में ऐसी भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित होनी चाहिए जो जरूरी भी है ताकि उन्हें पता चले कितनी महान विभूतियों के अनमोल प्राणों की आहुतियों देकर आज़ादी की कीमत चुकानी पड़ी थी ।

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