सोहना में नकली मिठाई का कारोबार जोरों पर……. मिठाई विक्रेता बेच रहे मीठा जहर !
सोहना बाबू सिंगला
सोहना कस्बे में नकली मिठाइयों का कारोबार जोरों पर है। मिठाई विक्रेता लोगों को नकली मिठाइयाँ परोस कर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं। बताया जाता है कि उक्त मिठाइयाँ नकली घी, खोवा आदि की बनाई जाती है। जिससे लोगों के जीवन को खतरा है। किंतु इसके विपरीत सरकार व स्वास्थ्य विभाग ने पूर्ण रूप से चुप्पी साधी हुई है। जो ऐसे नकली मिठाई विक्रेताओं पर नकेल कसने में असमर्थ हैं। तथा प्रशासन से मिलीभगत करके दोनों हाथों से चाँदी कूट रहे हैं। कस्बे व क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों ने नकली मिठाइयों पर अंकुश लगाने को कहा है। जिससे लोगों का जीवन सुरक्षित रह सके।
एक ओर जहाँ सरकार व प्रशासन नकली मिठाइयों पर अंकुश लगाने का दावा ठोंक रही है, वहीं दूसरी ओर सोहना कस्बे में वर्षों से नकली मिठाइयों का कारोबार फलफूल रहा है। मिठाई विक्रेता ज्यादा कमाने की होड़ में लोगों को नकली मिठाई परोस रहे हैं। जिसके कारण मासूम लोगों का जीवन खतरे में है। सूत्र बताते हैं कि नकली मिठाइयाँ मेवात व बल्लभगढ़ से मंगाई जाती हैं। इसके अलावा स्थानीय हलवाई भी अपनी मिठाइयाँ नकली खोवा व घी से तैयार करते हैं। जो चंद घण्टों में ही खराब हो जाती हैं। जबकि ऐसी मिठाइयों की कीमत काफी महँगी होती है। कस्बे में लड्डू, बर्फी, कलाकंद, गुलाबजामुन, रसगुल्ला आदि सभी मिठाइयाँ नकली बेची जा रही हैं।
जब दुकान छोड़कर भागते हैं
प्रशासन द्वारा गाहे बगाहे जब कार्यवाही की जाती है तो अधिकांश मिठाई विक्रेता अपनी दुकानों को बन्द करके भाग जाते हैं। जो अधिकारियों की पकड़ से बाहर होते हैं। जिनका कारोबार बदस्तूर चलता रहता है।
आपसी सांठ गांठ का गोरख खेल
नकली मिठाइयों की बिक्री आपसी मिलीभगत से होती है। जिसके लिए दुकानदार सम्बंधित अधिकारियों को मोटा सुविधा शुल्क प्रदान करते हैं। बताते हैं कि जब विभागीय अधिकारी निरीक्षण के लिए बाजार में पहुंचते हैं तो दुकानदारों को पहले ही इत्तिला कर दी जाती है। जिससे दुकानदार चौकस हो जाता है। और कार्यवाही होने से बच जाता है। जिसकी एवज में मिठाई विक्रेता मोटा सुविधा शुल्क देते हैं। वहीं इस त्योहारी सीजन में तो नकली मिठाइयों की जमकर बिक्री की जाती है।