मानेसर में तेज हुआ अवैध रूप से रह रहे जिहादियों का वेरिफिकेशन.

वेरिफिकेशन के डर से झुग्गियां खाली कर गए अधिकतर मुस्लिम

जो सही हैं वो अभी भी आराम से रह रहे हैं मानेसर इलाके में

निगम सहित औद्योगिक इलाके मानेसर से पलायन करने लगे जिहादी

फतह सिंह उजाला

मानेसर। राजस्थान में कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के बाद तीन जुलाई को हुई हिंदू महापंचायत में बाहर से आए लोगों की वेरिफिकेशन की माग प्रशासन के सामने रखी गई थी। इसके बाद में गुरुग्राम के दूसरे नगर निगम सहित औद्योगिक मानेसर इलाके में हिंदू समाज की महापंचायत के बाद अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या, बंगला देसी, जेहादी रातों रात अपनी झुग्गियां खाली करके गायब गए। अब मानेसर क्षेत्र में करीब एक हजार झुग्गियां खाली पड़ी है।

विश्व के मानचित्र में अपनी छाप बनाए वाले साइबर सिटी गुरुग्राम में आजकल एक विशेष समुदाय का पलायन हो रहा है। दरअसल वाक्या गुरूग्राम के मानेसर इलाके का है । नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट करने पर राजस्थान में जिहादियों द्वारा कन्हैया लाल की निर्मम हत्या कर दी गई थी । इसी मुद्दे को लेकर बीती तीन जुलाई को मानेसर में हुई हिंदू समाज की महापंचायत के बाद अब लोग यहां से पलायन करने लगे हैं। यहां की ज्यादातर बस्तियां खाली होती जा रही हैं। एक तरफ जहां हिंदू समाज के लोग दावा कर रहे हैं कि उनकी पंचायत के बाद की जा रही रोहिंग्याओं, बांग्लादेश व जिहादियों की वेरिफिकेशन का असर है। वहीं, प्रशासन इस मामले में कुछ नहीं बोल रहा है। इस मामले में महापंचायत सदस्य डॉ धर्मेंद्र यादव ने बताया कि जो बुरी प्रवर्ती के लोग थे, वह यहां से रातो रात चले गए और जो सही है जिनके पास सभी डॉक्यूमेंट हैं , वह आज भी यहां आराम से रह रहे हैं। झुग्गियां ही नहीं बल्कि जिन्होंने कमरे भी किराए पर ले रखे थे , वो भी रातों रात यहां से चले गए।

इसके साथ-साथ धर्मेंद्र यादव ने यह भी कहा कि पंचायत का कोई भी सदस्य किसी भी दूसरे समुदाय के लोगों के पास ना तो डॉक्यूमेंट देखने और ना ही उनसे यह कहने की यहां से चले जाएं ? नहीं गया । बल्कि महापंचायत के बाद बुरी प्रवृत्ति के लोग अपने आप यहां से पलायन कर गए। उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी सही आदमी कमरा खाली करके जाता है , वह अपना सारा सामान साथ लेकर जाता है । लेकिन उनके अंदर क्या कमी थी कि वो अपना सामान भी वहीं छोड़ गए। डॉ धर्मेंद्र यादव ने कहा कि जो यहां से गए हैं अगर वह गलत नहीं है तो वह  क्यों गए। यह सवालिया निशान प्रशासन पर जरूर उठता है कि प्रशासन ने बिना जांच पड़ताल के ही करीब हजार झुग्गियों में लोगों को रहने की इजाजत दे दी। इसके साथ-साथ यह भी कहा कि अगर वह गलत तरीके से रह रहे थे तो प्रशासन को उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए और यह भी बताएं कि वहां पर एक आधार कार्ड की कॉपी मिली थी जो सरासर फर्जी थी, जिसकी जांच कराई गई थी। प्रशासन पर यह बड़ा आरोप लगाया कि वहां पर रहने वाले लोग फर्जी डाक्यूमेंट्स बनवा कर रह रहे । लेकिन प्रशासन ने कभी भी उनकी जांच नहीं की। इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा कि सांसद को भी धमकी भरा पत्र भी आदमियों की तरफ से भेजा गया है, क्योंकि सांसद ने कन्हैया लाल के परिवार को सहायता राशि देने की बात कही थी। इसलिए उनको भी जिहादियों की तरफ से जान से मारने की धमकी दी गई है।

उदयपुर और अमरावती में जिहादियों द्वारा की गई निर्मम हत्याओं के बाद गुरुग्राम के मानेसर में हुई महापंचायत के सदस्य उमेद यादव , डॉक्टर धर्मेंद्र यादव, महापंचायत सदस्य और ज्योति, झुग्गियों के पास किराए पर रहने वाली युवती ने झुग्गियों से हुए पलायन के बारे में बताया कि राजस्थान और महाराष्ट्र में पड़ोसी ने ही पड़ोसी की हत्या की थी , इसी को लेकर महापंचायत का आयोजन किया गया था कि हमारे आस आस रह रहे लोग किस प्रवृत्ति के हैं?  इस महापंचायत में कट्टरपंथियों के खिलाफ तो फैसले लिए ही गए हैं, बल्कि बाहर से आकर यहां रह रहे लोगों की आईडी वेरीफिकेशन करवाने की प्रशासन से मांग की थी । प्रशासन से यह मांग की थी कि जल्द से जल्द यहां रह रहे बाहरी लोगों की आईडी वेरीफिकेशन का कार्य शुरू करें। इस मामले में पंचायत ने अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा था , जिसमें कार्यवाही भी शुरू हो गई है। पंचायत सदस्य उमेश यादव ने यह भी बताया कि मानेसर में महापंचायत की गई तो उसी रात करीब 400 से 500 लोग जो झुग्गियों में रह रहे थे रातों-रात वहां से चले गए। उमेश यादव ने इस मामले को बहुत संगीन बताया है। उन्होंने कहा है कि महापंचायत में सिर्फ अभी तो बात ही हुई थी कि आईडी वेरीफिकेशन की जाए, बस इसी नाम से ही रातों-रात यहां से झुग्गियां खाली कर दूसरे समाज के लोग चले गए। यही बात प्रशासन पर सवालिया निशान उठाती है। इसके अलावा उमेश यादव ने यह भी कहा कि पहले इस एरिया में मुस्लिम हिंदू नाम रख कर अपनी दुकान चला रहे थे, लेकिन जो सही मुस्लिम हैं वह आप अपना नाम चेंज कर सही तरीके से अपनी दुकानें चला रहे हैं जिनसे हमें कोई एतराज नहीं है।

उमेद यादव, मानेसर, महापंचायत सदस्य ने कहा झुग्गी बस्ती कैसे खाली पड़ी है ? दूर दूर तक नजर आ रही  बस्तियों में कोई भी व्यक्ति नहीं रह रहा है। पहले जहां इन बस्तियों में हजारों लोग रह रहे थे, वहीं अब इन बस्तियों में ढूंढे से भी कोई नहीं मिल रहा है। लेकिन उनका कुछ समान अभी भी इन्ही झुग्गियों में पड़ा है।  हालांकि यहां पुलिसकर्मी भी यहां चक्कर लगा रहे हैं , ताकि पता लगाया जा सके कि इन लोगों ने अपना नया ठिकाना किस स्थान पर बनाया है। उधर, हिंदू संगठनों का दावा है कि उन्होंने मानेसर में अभियान को तेज किया है। वेरिफिकेशन के दौरान जब यहां सख्ती दिखाई गई तो यह लोग बौखला गए। केवल उन्हीं लोगों को मानेसर में रहने की अनुमति दी जा रही है जो सही हैं। हर घर में वेरिफिकेशन की जा रही है। इसके अलावा मानेसर में झुग्गी बनाकर रह रहे लोगों की भी जांच की जा रही है।

वीरेंद्र, झुग्गियों के पास में किराए पर रहने वाले के मुताबिक दरअसल, जुलाई माह के पहले रविवार को मानेसर में महापंचायत का आयोजन किया गया था। इस महापंचायत में तय किया गया था कि हिंदू समाज की तरफ से मानेसर में वेरिफिकेशन अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के दौरान उन रोहिंग्याओं, बांग्लादेशियों व जिहादियों को ढूंढ-ढूंढकर शहर से बाहर किया जाएगा जो अवैध रूप से यहां रह रहे हैं। उन लोगों की भी पहचान की जाएगी जिन्होंने सीएससी सेंटर वालों से मिलकर अपने फर्जी पहचान पत्र बनवाए हैं। इसके लिए उन्होंने पुलिस व प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई करने की मांग की थी। हिंदू समाज के पदाधिकारियों का दावा है कि जब से उन्होंने क्षेत्र में वेरिफिकेशन शुरू की है , तब से अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या, बांग्लादेशी व जिहादी बस्तियां खाली कर रातों रात भाग रहे हैं।