भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। यूं तो कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शिविर लगना कोई विशेष घटना नहीं है। पार्टियां अपने कार्यकर्ताओं को अपने नीति-निर्देश देने के लिए समय-समय पर यह करती रहती हैं और भाजपा तो अक्सर प्रशिक्षण शिविर लगाती रहती है परंतु इस बार इस प्रशिक्षण शिविर में कुछ विशेष है। 

एक तो यह शिविर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा लगाया गया है परंतु इसमें संपूर्ण सरकार की प्रतिभागिता है। यहां तक कि भाजपा के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को बुलाया गया है। सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि इसमें हरियाणा के संचालक पवन जिंदल भी उपस्थित रहे। तात्पर्य यह कि कल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, सरकार और प्रदेश संगठन के अधिकारियों को शामिल किया गया है।

प्रश्न मन में आता है कि यदि यह सब अधिकारी भी भाजपा के लिए अच्छे काम कर इन पदों पर पहुंचे हैं तो उन्हें प्रशिक्षण की क्या आवश्यकता हुई? मंत्री, विधायक जो जीते हैं और कई तो दो-चार-पांच दफा भी जीते हैं।

कहने का तात्पर्य यह कि वह सब जनता के बीच रह तपे हुए खिलाड़ी हैं तो उनको प्रशिक्षण देने का अर्थ यही समझ आता है कि भाजपा अपनी किसी विशेष रणनीति पर चलना चाहती है और वह रणनीति ही इन धुरंधरों को समझाई जाएगी, जिसे वह अपने कार्यकर्ताओं को समझा सकें, जिससे कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर जाकर जनता में उसी नीति से कार्य करें।

दो दिन के कार्यक्रम में जो बातें बाहर आईं उनमें ऐसा दिखाई दे रहा है कि सभी वक्ता केंद्र सरकार की उपलब्धियां और योजनाएं गिनाते नजर आए। हरियाणा की स्थितियों के बारे में अब तक कोई चर्चा हुई नहीं है। 

हां, आज जरूर प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि जनता के साथ रहोगे तो ही जनता तुम्हारे साथ रहेगी। अब इसके पीछे उनका तात्पर्य क्या है, कि कार्यकर्ता जनता में जाकर जनता के दुख-दर्द को जानें या फिर जनता में जाकर केंद्र सरकार की उपलब्धियों का गुणगान करें।

अब तक तो हरियाणा में भाजपा संगठन के सभी कार्य अपने संगठन के कार्यकर्ताओं तक ही सीमित रहते हैं। जनता से सरोकार तो मेरे विचार से भाजपा नेताओं का कम ही रहता है। इन सब बातों से ऐसा प्रतीत होता है कि अब हरियाणा का भाजपा संगठन केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनवाएगा, जिससे पीछे उनका लक्ष्य यह रहेगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा से दस सांसद बनाकर भेजें।

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