ग्रेट इंडियन नोटंकी कंपनी को यह जमीन 15 साल की लीज पर 36 लाख रुपये प्रति माह के किराए पर दी गई थी.
हालांकि कंपनी शुरू से ही डिफॉल्टर होती चली गई और उस पर करोड़ों रुपये का बकाया चढ़ गया.

गुरुग्राम – आखिरकार विश्व विख्यात सपनों का महल (किंगडम ऑफ ड्रीम्स) को सील कर दिया गया है. दरअसल, करोड़ों के बकाया के चलते एचएसवीपी विभाग किंगडम ऑफ ड्रीम प्रबंधन को लगातार नोटिस जारी कर रहा था. लेकिन किंगडम ऑफ ड्रीम प्रबंधन के कान पर ‘जू’ नहीं रेंग रही थी. लिहाजा,एचएसवीपी विभाग द्वारा सीलिंग के ऑर्डर के साथ किंगडम ऑफ ड्रीम पर कब्ज़ा लेने की परिक्रिया शुरू कर दी गयी है.

बता दें की किंगडम ऑफ ड्रीम्स प्रबंधन को यह जमीन 12 फरवरी, 2008 को एचएसवीपी के एस्टेट ऑफिसर टू ने ग्रेट इंडियन नोटंकी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड से केओडी निर्माण को लेकर लीज एग्रीमेंट किया था. तकरीबन 5.66 एकड़ जमीन इस कंपनी को दी गई और  2 साल के अंदर इस कंपनी ने केओडी को तैयार करना था. कंपनी को यह जमीन 15 साल की लीज पर 36 लाख रुपये प्रति माह के किराए पर दिया गया था.

कब्ज़े लेने की परिक्रिया शुरू कर दी है
अग्रीमेंट में यह भी शामिल किया गया कि हर तीन साल में 10 प्रतिशत किराए में इज़ाफ़ा किया जाएगा. लेकिन कंपनी शुरू से ही डिफाल्टर होती चली गयी. एचएसवीपी विभाग ने कंपनी प्रबंधन को आखरी नोटिस बीती 6 जुलाई 2022 को जारी किया था. लेकिन कंपनी प्रवंधन ने इस नोटिस को हल्के में लिया जिसके बाद आज मौके पर पहुंचे एचएसवीपी विभाग ने भारी विरोध के बीच सपनों के महल के पांचों गेट को सील कर कब्ज़े लेने की परिक्रिया शुरू कर दी है.

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