सोहना बाबू सिंगला 

सोहना नगर परिषद विभाग की बागडोर दूल्हा होने के बावजूद भी बगैर दूल्हे के होगी। जिसके काम काज का जिम्मा अधिकारीगण ही संभालेंगे। जबकि चेयर पर्सन व पार्षद कामकाज से दूर रहेंगे। जिनका हस्तक्षेप परिषद कार्यों में नहीं हो सकेगा। ऐसा होने से परिषद चुनाव जीत कर आए निर्वाचित पार्षद गण काफी मायूस है। जो किस्मत को कोसने में लगे हैं। बता दें कि सोहना परिषद का मामला माननीय हाईकोर्ट में लटक जाने से परिषद बोर्ड की स्थापना नहीं हो सकेगी उक्त मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जिसके कारण चेयर पर्सन व पार्षद गण शपथ नहीं ले सकेंगे।

सोहना नगर परिषद चेयर पर्सन की जीत का मामला माननीय हाईकोर्ट में पहुंच जाने से शपथ कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सकेगा। हालांकि सरकार ने नवनिर्वाचित चेयर पर्सन व पार्षदों का गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है परंतु अदालती अड़चन के कारण शपथ नहीं हो सकेगी तथा अधिकारीगण प्रशासक के नेतृत्व में परिषद का कार्य संभालेंगे। उक्त नगर परिषद का कार्यकाल 16 जून 2021 को समाप्त हो गया था।

सोहना नगर परिषद पूर्व में नगर पालिका का इतिहास काफी पुराना व रोचक है। परिषद में काफी मामले घटित हो चुके हैं। जिसके चलते उक्त परिषद काफी चर्चित रही है। पार्षदों की गुटबाजी से राजनीतिक उलटफेर भी कई बार हो चुकी है। इसी प्रकार नगर परिषद के संपन्न आम चुनावों में नवनिर्वाचित भाजपा प्रत्याशी अंजू देवी के खिलाफ शैक्षणिक योग्यता को लेकर आरोप लग रहे हैं। विरोधी आप पार्टी की उम्मीदवार ललिता ने अंजू देवी पर आरोप लगाकर कटघरे में खड़ा कर डाला है। तथा मामला माननीय हाईकोर्ट में पहुंच गया है। जिसके चलते नवनिर्वाचित भाजपा चेयर पर्सन की कुर्सी पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।

बगैर दूल्हे के बारात

सोहना नगर परिषद नगर परिषद का बोर्ड बगैर दूल्हे के होकर रह गया है। नवनिर्वाचित चेयर पर्सन पर आरोप लग जाने से पार्षद गण भी शपथ से वंचित होकर रह गए हैं। प्रशासन ने आज तक भी पार्षदों को शपथ लेने के लिए आमंत्रित नहीं किया है। पार्षद गण रह-रहकर प्रशासन को कोसने में लगे हैं। कई पार्षदों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है किंतु उनको आज तक भी शपथ नहीं दिलाई गई है। जिसके कारण वे किसी भी दस्तावेज को सत्यापित करने में असमर्थ हैं।

error: Content is protected !!