भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। आज स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता गुरुग्राम में थे। उन्होंने बेरी वाला बाग में पेड लगाकर हरियाली का संदेश दिया और साथ ही निगम की उपलब्धियां गिनवाईं लेकिन चर्चा का विषय यह बना रहा कि वहां के स्थानीय पार्षद कपिल दुआ उपस्थित नहीं थे।

निकाय मंत्री ने निकाय चुनाव प्रभारी बनकर गुरुकमल में पार्षदों की बैठक ली, जिसमें जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ भी उपस्थित थी। पार्षदों को मेयर द्वारा आमंत्रित किया गया था। वहां पार्षदों की संख्या सूत्रों के अनुसार 15 रही। प्रश्न यह खड़ा होता है कि वर्तमान में गुरुग्राम का सदन 35 पार्षदों का है और उपस्थिति मात्र 15 की।

उस बैठक में मंत्री कमल गुप्ता ने पार्षदों से अनुरोध किया कि टिकट तो किसी एक को ही मिलेगी। संभव है आपकी सीट पर किसी और का नंबर आ जाए तो भी पार्टी हित में आपको भाजपा उम्मीदवार का साथ देना चाहिए। 

उस बैठक में पार्षदों के अतिरिक्त पार्षद पति भी उपस्थित थे, जिस पर मंत्री जी ने कहा कि अगली बैठक जो मैं लूं उसमें पार्षदों से ही बात करनी है पार्षद पतियों से नहीं। स्मरण रहे कि निगम में पहले भी इस बात की शिकायतें होती रही हैं और कई बार आदेश भी पारित हुए हैं कि निगम में पार्षद ही रहें लेकिन पार्षद पुत्रों और पतियों का आना रूका नहीं। बात तो यहां तक सुनी गई हैं कि कई अधिकारी तो इसी बात से रूष्ट हैं कि उन्हें मेयर के अतिरिक्त उनके संबंधी आदेश देते हैं। शायद इसी बात की जानकारी मंत्री जी को लग गई होगी और इसीलिए यह बात कह रहे हैं परंतु विचारनीय यह है कि यह बात केवल बैठकों के लिए कह रहे हैं या निगम के लिए भी और सवाल यह भी उठता है कि सरकार और मंत्रियों को यह बात आज दिखाई दी, साढ़े चार साल से नहीं दिखाई दी?

डॉ. कमल गुप्ता स्थानीय निकाय मंत्री हैं या केवल चुनाव प्रभारी। जहां तक जनता का सोचना है वह यह कि प्रथम तो वह निकाय मंत्री हैं और उसके नाते उनका सबसे बड़ा कर्तव्य निकाय द्वारा जनता की सुविधाओं का जितना अधिक से अधिक ख्याल रखा जाए, वह रखवाना लेकिन आज किसी सूत्र या किसी विज्ञप्ति द्वारा यह ज्ञात नहीं हुआ कि मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहीं निगम के कार्यों के बारे में जानकारी हासिल करने का प्रयास किया हो। 

गुरुग्राम की जनता प्रसन्न हुई थी, जब उन्हें ज्ञात हुआ था कि निकाय मंत्री को ही गुरूग्राम का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। उन्हें यह विश्वास था कि मंत्री जी निगम में हो रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर संज्ञान लेंगे। अब देखने वाली बात यह है कि जब चुनाव प्रभारी होने के कारण उनका प्रवास गुरुग्राम में रहने वाला है तो क्या वह जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे?

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