जनवादी महिला समिति बढ़ती हुई महंगाई के विरोध में व सबके लिए खाद्य सुरक्षा के अधिकार के लिए हरियाणा में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी और 12 जुलाई को सभी जिलों में धरने प्रदर्शन आयोजित करेगी। उषा सरोहा, राज्य महासचिव गुरूग्राम। आज दिनांक 1 जुलाई को अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की जिला कमेटी की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता ओमवती ने की सचांलन भारती ने किया बैठक में राज्य महासचिव उषा सरोहा ने भाग लिया उन्होंने कहा कि पूरा देश आर्थिक मंदी, कोरोना महामारी की बदइंतजामी और भाजपा सरकार की नीतियों की वजह से गंभीर संकट से गुजर रहा है। बेरोजगारी और मंहगाई चरम पर है। ऐसे में जरूरत तो यह थी कि लोगों को राहत देने वाले कदम उठाए जाएं। राशन वितरण प्रणाली मजबूत हो ताकि हर व्यक्ति को बिना किसी शर्त भरपेट पौष्टिक भोजन मिले। सभी गैर-आयकर दाता परिवारों को 7500 रूपए नकद मिलें, आवश्यक वस्तु अधिनियम के माध्यम से मूल्य नियंत्रण सुनिश्चित हो, टैक्सों में घटोतरी हो लेकिन केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार शर्मनाक ढंग से बिल्कुल इसके उलट काम कर रही है। बेतहाशा बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और कमजोर होती राशन प्रणाली ने लोगों को भूखा मरने की कगार पर छोड़ दिया है। पहले से ही हमारा देश भारत वैश्विक भूख सूचकांक के अनुसार 116 देशों में 101वें स्थान पर आ गया है। हमारे सभी पड़ोसी देश श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार और पाकिस्तान इस मामले में हमसे बेहतर हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक भारत में हर साल दस लाख बच्चे कुपोषण के कारण मरते हैं। 57 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी का शिकार हैं और 77% लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। ऐसे में सार्वभौमिक राशन वितरण प्रणाली व खाद्य वस्तुओं के मूल्यों में कमी ही आम जनता को भूखमरी से बचाकर स्वस्थ्य जीवन दे सकती है। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार आम जनता को भुखमरी की तरफ धकेलने वाली और पूंजीपतियों को भारी मुनाफा देने वाली नीतियां अपना रही है। मोदी सरकार ने कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में गिरावट के बावजूद जनवरी 2021 के बाद से, पेट्रोल/डीजल की कीमतों में 54 बार बढ़ौतरी की है। पेट्रोल और डीजल पर टैक्स से केंद्र सरकार का राजस्व 125% बढ़ गया है। इस अभूतपूर्व बढ़ोतरी का आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। बढ़ी हुई परिवहन लागत से कीमतों में अनुमानित 10-15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दुसरी तरफ जमाखोरी व कालाबाजारी की खुली छूट है। जिसका नतीजा यह है कि अनाज, तेल, दालें, नमक, सब्जियां, फल, दूध आदि खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं। खाद्य तेल की कीमतें 60% तक बढ़ गई हैं।पिछले एक साल में रसोई गैस की कीमतों में 225 रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है। रसोई गैस पर सब्सिडी धीरे धीरे खत्म कर दी है। इस बढ़ती हुई महंगाई से आमजन की थाली में भोजन की मात्रा व पौष्टिकता निरंतर घट रही हैं। इसका सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों व महिलाओं पर पड़ रहा है। जिला सह सचिव आदितने कहा गरीबों को राहत पहुंचाने वाली सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली को भी लगातार कमजोर किया जा रहा है। 41 करोड़ परिवारों को सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली से बाहर कर दिया गया है। हरियाणा में पिछले 15 साल से गरीब परिवारों का राशन कार्ड बनाने के लिए कोई सर्वे नहीं किया गया है। राशन डिपो पर मिलने वाला तेल व चीनी भी बंद है। राज्य कमेटी सदस्य भारती ने कहा जनवादी महिला समिति आगामी दिनों में महंगाई के खिलाफ और खाद्य सुरक्षा के हक में हरियाणा भर में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी। 1 जुलाई से 26 जुलाई तक चलेगा। पूरे हरियाणा से हस्ताक्षर इकट्ठा करके राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन के साथ भेजे जाएंगे। 12 जुलाई को उपरोक्त मांगों को लेकर उपायुक्त कार्यालय पर एक दिवसीय धरना लगाया जाएगा Post navigation प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर किए गए चालान पिछड़े वर्ग के अधिकारों पर खट्टर सरकार का हंटर: कैप्टन अजय