सत्ता व जांच एजेंसियों के दुरूपयोग व विधायकों को खरीदकर व धांधली करके राज्यसभा चुनाव जीतना ही मोदी-भाजपा की रणनीति है। विद्रोही
जब तक कांग्रेस अवसरवादी, सिद्धांतहीन, सत्तालोलूप निजी स्वार्थो से प्रेरित नेताओं के खिलाफ कुलदीप बिश्नोई की तर्ज पर तत्काल कडा रख नही अपनाएगी तब तक विश्वासघाती लोग कांग्रेस को योहिं ही छलते रहेंगे। विद्रोही

12 जून 2022 – सत्ता, ईडी, आईटी, सीबीआई के दुरूपयोग व विधायकों की खरीद-फरोख्त, मतगणना में धांधली से हरियाणा की दोनो राज्यसभा सीटों पर हुई जीत को भाजपा नेताओं द्वारा मोदी की नीतियों की जीत बताने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि ऐसा कहकर भाजपा-संघी स्वयं स्वीकार कर रहे है कि सत्ता व जांच एजेंसियों के दुरूपयोग व विधायकों को खरीदकर व धांधली करके राज्यसभा चुनाव जीतना ही मोदी-भाजपा की रणनीति है। जब देश का प्रधानमंत्री व सत्तारूढ़ दल भाजपा विधायकों व सांसदों की सत्ता बल पर बांह मरोडक़र पैसा देकर अपने पक्ष में करने को ही चुनावी जीत का मंत्र मान रही है तो सहज अनुमान लगा ले कि लोकतंत्र व संविधान के सामने कितना बड़ा खतरा मुंह बाये खड़ा है।

मतगणना के प्रथम चक्र में भाजपा का एक वोट चुनाव अधिकारी रद्द किया जबकि कांग्रेस का कोई वोट रद्द नही हुआ था। भाजपा-जजपा की आपत्ति के बाद पुर्न मतगणना में चुनाव अधिकारी ने भाजपा का रद्द वोट तो मान्य कर दिया और कांग्रेस का एक वोट कांग्रेस की आपत्ति के बाद भी रद्द कर दिया जो खुली धांधली थी। हरियाणा में सत्ता, धन, आईटी, सीबीबाई, ईडी के नग्न दुरूपयोग से भाजपा-जजपा बेशक 0.66 प्वाईंट वोट बढ़त से राज्यसभा की दोनो सीटे जीतने में सफल हो गई, पर संघीयों के इस कुकृत्य से लोकतांत्रिक परम्पराओं, मर्यादाओं को जो गहरे घाव लगे है, उससे लोकतंत्र व संविधान क्षत-विक्षत हो गया। 

विद्रोही ने कहा कि ईडी, सीबीआई जांच से डरकर व धन प्रलोभन से जिस तरह कुलदीप बिश्नोई व कांग्रेस के एक अन्य विधायक ने मोदी-भाजपा के सामने घुटने टेककर कांग्रेस व जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है, उससे इनका नाम लोकतांत्रिक इतिहास में काले धब्बे के रूप में दर्ज हो चुका है। कांग्रेस नेतृत्व ने कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई करके इस सिंद्धातहीन, अवसरवादी, सत्तालोलूप, धोखेबाज विधायक को सही सबक सिखाया है। कांग्रेस विधायक होते हुए भी कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग करके भाजपा-जजपा के पक्ष में वोट देकर फिर साबित किया है कि यह व्यक्ति विश्वास के योग्य नही है व धोखेबाजी, सिद्धांतहीनता इसका मुख्य राजनीतिक चरित्र है जिसका प्रदर्शन वह कई बार कर चुका है। ऐसे व्यक्ति का कांग्रेस में सदैव के लिए बाहर रखने का निर्णय कांग्रेस नेतृत्व को करना चाहिए।

 वहीं विद्रोही ने मांग की कि कांग्रेस के जिस विधायक ने गलत निशान लगाकर राज्यसभा चुनाव में अपनी वोट रद्द करवाई है, उसका नाम पार्टी तत्काल सार्वजनिक करे ताकि जनता व आम कांग्रेस कार्यकर्ता भी उसका असली चाल-चरित्र देखकर जान सके कि यह अनजाने की गलती थी या सुनियोजित षडयंत्र था। ऐसे विधायक का चेहरा छिपाना न कांग्रेस हित में है और न ही हरियाणा और न ही स्वास्थ्य लोकतंत्र के हित में है। कांग्रेस नेतृत्व इस विधायक की भी विस्तृत जांच करके कोई निर्णय ले।

जब तक कांग्रेस अवसरवादी, सिद्धांतहीन, सत्तालोलूप निजी स्वार्थो से प्रेरित नेताओं के खिलाफ कुलदीप बिश्नोई की तर्ज पर तत्काल कडा रख नही अपनाएगी तब तक विश्वासघाती लोग कांग्रेस को योहिं ही छलते रहेंगे। पुरानी परम्पराओं को छोडकर अब कांग्रेस नेतृत्व को तत्काल ठोस कड़े निर्णय लेने की नई परम्परा अपमाने की जरूरत समय की मांग है। वहीं विद्रोही ने प्रदेश के तमाम कांग्रेस नेताओं से भी आग्रह किया कि जीवो और जीने दो के सिद्धांत को कडाई से अपनी राजनीतिक शैली का अंग बनाकर जितनी ताकत प्रदेश में कांग्रेस के पास है, उसका आपस में मिल-बाटकर प्रयोग करे न कि सारी ताकत खुद हथियाने की गलत सोच पर चलकर अपना, कांग्रेस व प्रदेश का भट्टा बैठाये।

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