विद्रोही ने दक्षिणी हरियाणा के लोगों से अपील की कि वे वोट की चोट की ताकत दिखाकर मुख्यमंत्री के भेदभावपूर्ण व्यवहार के प्रति रोष प्रकट करे। 19 जून को अवसर है, जब वे इस क्षेत्र से सम्बन्धित नगरपालिका व नगरपरिषदों के चुनावों में भाजपा के चुनाव चिन्ह व समर्थन से लड़ रहे सभी उम्मीदवारों को वोट की चोट से हराये : विद्रोही 13 जून 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने अहीरवाल-दक्षिणी हरियाणा से भाजपा चुनाव निशान पर जीते सासंदों व विधायकों से सार्वजनिक सवाल किया कि वे इस क्षेत्र के विकास व सामाजिक सरोकारों के मुद्दों को जोरशोर से उठाकर फं्रट फुट पर आकर मुख्यमंत्री के सामने आवाज उठाने की बजाय बैकफुट पर रहकर गिडगिड़ाते क्यों रहते है? विद्रोही ने कहा कि भाजपा सांसदों व विधायकों के इस दब्बूपन व निजी स्वर्थो से प्रेरित रवैये का ही यह दुष्परिणाम है कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर विगत सात सालों से न केवल अहीरवाल-दक्षिणी हरियाणा के साथ विकास कार्यो में भेदभावपूर्ण सौतेलो व्यवहार कर रहे है, अपितु वर्षो से जारी विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त बजट राशि न देकर सुनियोजित ढंग से उन्हे आधे-अधूरे निर्माण करके लटकाये हुए है। अहीरवाल के सांसदों व विधायकों ने विगत सात सालों में इस क्षेत्र के किसी भी विकास प्रोजेक्ट व सामाजिक सुरक्षा के सरोकारों को लेकर कभी भी एकजुट होकर हरियाणा के मुख्यमंत्री के सामने जोरदार पैरवी नही की। विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल क्षेत्र के प्रतिनिधियों की इस कमजोरी को भांपकर मुख्यमंत्री इस क्षेत्र के साथ राजनीतिक कारणों से लगातार भेदभावपूर्ण नीति अपनाकर जनभावनाओं को रौंद रहे हैै। मनेठी एम्स के निर्माण कार्य की पहली सीढ़ी जमीन अधिग्रहण मामले को जिस तरह खट्टर सरकार विभिन्न तकनीकी आपत्तियां लगाकर उसे लम्बा खींच रही है, वह इस क्षेत्र के साथ किये जा रहे भेदभाव व उपेक्षा का जीवंत प्रमाण है। सवाल उठता है कि जब एम्स जैसे अतिमहत्वपूर्ण स्वास्थ्य प्रोजेक्ट के प्रति खट्टर सरकार का ऐसा रवैया है तो अन्य विकास परियोजनाओं के प्रति क्या रवैया होगा, यह बताने की जरूरत नही। विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल से भाजपा के निर्वाचित जनप्रतिनिधि मीडिया में बयान बहादुर बनकर लम्बे-चौड़े दमगज्जे मारते है, पर मीडिया के सामने ठोके दावों को जमीन पर उतारने के प्रति कतई भी गंभीरता व आक्रमता नही दिखाते। अहीरवाल से चुने हुए भाजपा सांसदों व विधायकों को इस क्षेत्र की जनता को बताना चाहिए कि आखिर वे किन कारणों से विकास प्रोजेक्टों को पूरा करवाने की आवाज उठाने से डरते है? एम्स निर्माण के प्रति मुख्यमंत्री की कथनी-करनी में इतना अंतर क्यों है? विद्रोही ने दक्षिणी हरियाणा के लोगों से अपील की कि वे वोट की चोट की ताकत दिखाकर मुख्यमंत्री के भेदभावपूर्ण व्यवहार के प्रति रोष प्रकट करे। इसके लिए उनके पास 19 जून को अवसर है, जब वे इस क्षेत्र से सम्बन्धित नगरपालिका व नगरपरिषदों के चुनावों में भाजपा के चुनाव चिन्ह व समर्थन से लड़ रहे सभी उम्मीदवारों को वोट की चोट से हराये ताकि भाजपा-खट्टर को अहीरवाल के साथ किये जा रहे भेदभाव का करारा जवाब मिल सके। उल्लेखनीय है कि नारनौल नगरपरिषद, महेन्द्रगढ़ नगरपरिषद, सोहना नगरपरिषद व बावल नगरपालिका चुनाव 19 जून को होना है। Post navigation हरियाणा राज्यसभा चुनाव : लोकतंत्र व संविधान के सामने कितना बड़ा खतरा मुंह बाये खड़ा है ! विद्रोही दिल्ली पुलिस कांग्रेस सांसदों, विधायकों, नेताओं व कार्यकर्ताओं पर बर्बर आमानवीय व्यवहार कर रही : विद्रोही