भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार की हार में कुलदीप बिश्नोई की अंतरात्मा की आवाज का बड़ा महत्व है, जिसे कांग्रेस हाईकमान बड़ी गंभीरता से ले रहा है और आज कांग्रेस हाईकमान ने कुलदीप बिश्नोई को उनके सभी पदों से हटा दिया है। लगता है हाईकमान कठोर कदम उठाएगा। आज सोशल मीडिया पर यह चर्चा भी चल रही है कि कुलदीप बिश्नोई को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है परंतु ऐसा है नहीं। कुछ नियमों की मजबूरियां हैं कि कांग्रेस उन्हें तुरंत पद से निष्कासित नहीं कर सकती। यदि करती है तो वह कुलदीप बिश्नोई के लिए लाभ का सौदा हो जाएगा। यदि मैं गलत नहीं हूं तो नियम यह है कि यदि पार्टी किसी विधायक को पार्टी से निकालती है तो उसका विधायक पद बरकरार रहेगा। और यदि विधायक स्वयं पार्टी छोड़ दूसरे दल में जाता है तो उसका विधायक पद समाप्त हो जाएगा। इसी कारण पहले कांग्रेस पार्टी की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को पत्र जाएगा, कुलदीप बिश्नोई को विधायक पद से निष्कासित करने का और उनके निष्कासन के बाद ही उन्हें पार्टी से निकाला जाएगा, ऐसा मेरा विचार है। वर्तमान परिस्थितियों में जिस प्रकार कुलदीप बिश्नोई के भाजपा से संबंध दिखाई दे रहे हैं, उससे लगता है कि वह शीघ्र ही भाजपा में सम्मिलित हो जाएंगे। वैसे इसके इशारे कल ही मिल गए थे। कल हमने लिखा था कि राहुल गांधी ने इनसे मुलाकात करने से इंकार कर दिया और सूत्रों की जानकारी के अनुसार आज कुलदीप बिश्नोई अमित शाह व जेपी नड्डा से मिले हैं। अत: यह तय माना जा सकता है कि उनका भाजपा में जाने का विचार है। और यदि कांग्रेस अभी इन्हें पार्टी से निष्कासित करती है तो इनका विधायक पद कायम रहेगा तथा संभावना है कि मनोहर मंत्रीमंडल में इन्हें स्थान मिल जाए। किस कांग्रेसी की वोट कैंसिल हुई, यह अभी कांग्रेस की ओर से भी बताया नहीं गया है। अर्थात कांग्रेस में अत्याधिक उथल-पुथल होने की संभवाना है। वोट कैंसिल हुआ, जबकि ऑब्जर्वर के तौर पर कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल स्वयं वहां मौजूद थे और कांग्रेस द्वारा कार्यशाला भी लगाई गई थी। Post navigation गुरुग्राम पुलिस द्वारा चलाया गया नाईट डोमिनेशन अधिकारी ध्यान दें, इस बार की बारिश में ना डूबे गुरुग्राम: सुधीर सिंगला