गुडग़ांव, 10 जून (अशोक): कलासाधको को एक मंच पर लाने के लिए संस्कार भारती की स्थापना कर देश की संस्कृति को नए आयाम देते हुए युवा जगत को भारतीय संस्कृति से जोडऩा पद्मश्री बाबा योगेंद्र के जीवन का ध्येय रहा है। बाबा ने अपना समस्त जीवन भारतीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन केलिए समर्पित किया है। उनके निधन से कला जगत को भारी क्षति हुई है, जिसकी पूर्ति हो पाना सम्भव नहीं है। उक्त उद्गार हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने संस्कार भारती के संस्थापक पद्मश्री बाबा योगेंद्र के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि उनके निधन से न केवल कलाकार वर्ग आहत हुआ है, अपितु समाज भी प्रभावित हुआ है। अपने जीवनकालमें बाबा योगेंद्र अपने भरसक प्रयासों से समाज को नई दिशा देने के लिए सदैव तत्पर रहे। वह बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखा में जाने लगे थे। संघ का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक भी रहे। 98 वर्ष की आयु में भी पूरे देश का भ्रमण करते थे। उन्होंने कहा कि बाबा योगेन्द्र ऐसे व्यक्ति रहे, जिन्होंने असंख्य कलासाधकों को एक माला में पिरोने का कार्य कर दिखाया। वह कला परिषद के कार्यक्रमों में भी अपना आर्शीवाद देने के लिए आ ही जाते थे। शोक व्यक्त करने वालों में परिषद के मीडिया प्रभारी विकास शर्मा, धर्मपाल, मनीष डोगरा, सीमा काम्बोज, देवीदत्त, राजेश कुमार, जैकी शर्मा, तरुण जलोटा, सपना आदि शामिल रहे। Post navigation हरियाणा राज्यसभा चुनाव : वोट तो पड़ गए, गिनती नहीं हुई शुरू…….. असमंजस बरकरार मामला 15 करोड़ के सीजीएसटी रिफंड का