-कमलेश भारतीय

हरियाणा में राज्यसभा चुनाव का दूसरा दिन बड़ा दिलचस्प रहा । कांग्रेस ने क्राॅस वोटिंग के डर से अपने विधायकों को दिल्ली तलब कर लिया है और बाद में इन्हें राजस्थान या छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस शासित राज्यों का मेहमान बनाया जायेगा और ऐन चुनाव वाले दिन ही इनकी वापसी होगी । यह खेल गुजरात के राज्यसभा चुनाव से शुरु हुआ था और अब यह खेल राष्ट्रीय स्तर पर अपना मुकाम बना चुका है । सिर्फ आधी प्रतिशत वोट से जीते थे कांग्रेस के चाणक्य और भाजपा चाणक्य अमित शाह को आज तक इसका मलाल है जबकि भाजपा के ही एक विधायक ने क्राॅस वोटिंग की थी ।

हरियाणा के चुनाव में भी चाहे कांग्रेस हो या भाजपा या फिर जजपा सबको क्राॅस वोटिंग का खतरा है । इसलिये विधायकों की बाड़ेबंदी की जा रही है । विनोद शर्मा कभी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खासमखास हुआ करते थे । मंत्री भी रहे लेकिन बेटे मनु के चलते नाम बदनाम हुआ और मंत्री पद से भी गये । अपनी पार्टी बनाई लेकिन सफलता न मिली । अब ऐसा गेम खेल रहे हैं कि कांग्रेस की मुश्किल बढ़ जाये यानी बेटे कार्तिकेय को राज्यसभा चुनाव में उतार दिया । जजपा सहयोग देने आगे आ गयी । निर्दलीय का समर्थन भी लेने की कोशिश । इस तरह राज्यसभा चुनाव बहुत ही दिलचस्प हो गया है ।

दूसरी ओर भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ कह रहे है कि हमारे विधायक शेरों की तरह खुले घूम रहे हैं । अभी थोड़ा सब्र रखिए आप भी अपने विधायकों पर नजर रखोगे । यह तय है । ऐसा भी सुनने में आ रहा है कि दो तीन कांग्रेसी विधायक बाहर जाने से इंकार कर सकते हैं और सबसे पहला नाम कुलदीप बिश्नोई का हो सकता है । कैप्टन अजय यादव का बयान भी मुसीबत की ओर संकेत कर रहा है कि इस सीट पर शैलजा का हक था । क्या हाईकमान के फैसले पर एतराज है ? पंजाबी वोटर को साधने की कोशिश गलत है क्या ? बहुत सारी बातें सामने आती जायेंगी । अभी तो प्रो रामबिलास शर्मा कह रहे हैं कि अभय तो हमारा छोटा भाई है यानी अभय चौटाला की वोट के लिए भी शब्दजाल का उपयोग । खैर , जो भी हो ।।अब पेंच फंस गया है और जो भी जीतेगा , उसकी होगी बल्ले बल्ले ।
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

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