सोहना बाबू सिंगला

सोहना नगरपरिषद चुनाव के लिए उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दाखिल करके खाता खोल दिया है। नामांकन के तीसरे दिन कुल 6 नामांकन पत्र दाखिल हुए हैं। जिसमें एक उम्मीदवार ने दो नामांकन दाखिल किए हैं। उम्मीदवारों ने अपने नामांकन बगैर शोर शराबे के जमा किये हैं। जबकि एक महिला उम्मीदवार ने पूरे लाव लश्कर के साथ अपना पर्चा दाखिल किया है। उक्त प्रत्याशी का बाजार में जोरदार स्वागत भी किया गया था। वहीं प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद था। जिन्होंने अपनी पूरी तैयारी की हुई थी।बता दें कि नामांकन प्रक्रिया 4 जून तक चलेगी।

बुधवार को सुबह से ही उम्मीदवार नामांकन जमा कराने की तैयारी कर रहे थे। जिसकी भनक प्रशासन की भी थी जो पूरी तरह तैयार था। ताकि कोई परेशानी न हो। बुधवार को तीसरा दिन होने पर कुल 5 नामांकन दाखिल हुए हैं। जिनमें राजकुमार गोयल वार्ड नम्बर 15, सुनीता देवी वार्ड नम्बर 18, सचिन वार्ड नम्बर 17, अनिल गोयल वार्ड नम्बर 15 शामिल हैं। अनिल गोयल ने दो नामांकन दाखिल किए हैं। सभी उम्मीदवारों ने अपने नामांकन बगैर शोर शराबे के जमा कराए हैं।

जबकि वार्ड नम्बर 18 की उम्मीदवार सुनीता देवी ने पूरे लाव लश्कर के साथ नामांकन दाखिल किया है। जिनके साथ समर्थकों की भारी भीड़ थी। लोगों का हुजूम जब बाजारों में पहुंचा तो दुकानदारों ने सुनीता देवी का गर्म जोशी के साथ स्वागत किया। तथा उनको कई स्थानों पर मालाएं भी पहनाई गई। बता दें कि सुनीता देवी प्रमुख समाजसेवी व व्यापार मंडल सोहना के प्रधान अशोक गर्ग की धर्मपत्नी हैं। जिनके समर्थकों की भीड़ को देखकर विरोधी सोचने पर मजबूर हो गए हैं। उक्त नामांकनों की पुष्टि कृष्णपाल , रोहताश, दिनेश पटवारी आदि ने की है। जो अपनी जिम्मेवारी निभा रहे हैं।

महिला उम्मीदवार ने दिखाई ताकत ………..नामांकन पत्र जमा कराने के तीसरे दिन अधिकांश उम्मीदवार अकेले ही नामांकन करने पहुँच गए थे। तथा गुपचुप तरीके से अपना पर्चा जमा कराकर निकल गए। किन्तु इसके विपरीत वार्ड नम्बर 18 की महिला उम्मीदवार सुनीता देवी ने लोगों को अपनी ताकत का एहसास करा दिया। जिन्होंने अपने समर्थकों के साथ ढोल बाजे के साथ अपना नामांकन दाखिल किया था। जिनकी भीड़ को देखकर नागरिकों ने सुनीता देवी की जीत का आंकलन करना आरंभ कर दिया है।

इस अवसर पर मास्टर पारस नाथ, आनंद गर्ग, सुनील, कपिल, मनोज, नवीन गोयल, ताराचंद, त्रिलोक चन्द, जवाहर लाल सिंगला, सुरेंदर पालू,अशोक, बाबू सिंगला, मनीष जैन आदि के अलावा काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।

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