सोहना नगरपरिषद चुनाव में परिवारवाद व बिरादरीवाद हावी, संभावित उम्मीदवार एकजुट करने में लगे

सोहना बाबू सिंगला

सोहना नगरपरिषद के होने वाले चुनाव में कुनबावाद व बिरादरीवाद हावी होने लगा है। संभावित उम्मीदवार परिवार व बिरादरी की दुहाई देकर एकजुट करने में लगे हैं। कई कुनबों में तो चुनाव में तलखी आने की भी संभावना बनी हुई है। जिसका असर आने वाली पीढ़ियों पर दिखाई देगा।बता दें कि उक्त चुनाव 19 जून को होगा। जिसके कारण राजनीतिक उठापटक शुरू होने लगी है।

कस्बे में नगरपरिषद चुनावों का बिगुल बज गया है। उक्त चुनाव 19 जून को होगा। जिसके लिए संभावित उम्मीदवार 30 मई से 4 जून तक नामांकन दाखिल करा सकते हैं। किंतु नामांकन प्रक्रिया से पूर्व ही कस्बे में घमासान शुरू हो गया है। उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए तिकड़म भिड़ाने में लग गए हैं। तथा सबसे पहले अपने कुनबे व बिरादरी को एकजुट करने में लग गए हैं। जिसके लिए बैठकों का दौर आरम्भ हो गया है। ऐसी बैठकों में मतभेद उभर कर सामने आने की खबर है। सम्भावित उम्मीदवार परिवार की मॉन मनव्वल में लगे हुए हैं। किंतु अभी तक उम्मीदवारों की स्थिति स्पष्ट रूप से सामने नहीं आई है। चुनावों में कई पूर्व पार्षद भी चुनावी समर में कूदने का मन बना रहे हैं।

पुरानी तलखी आ रही सामने ………….नगरपरिषद चुनाव में नामांकन से पूर्व आयोजित बैठकों में पुराने मतभेद सामने आ रहे हैं। जिसके लिए उम्मीदवारों को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। किन्तु अभी तक भी उनको कामयाबी नहीं मिल रही है। कई वार्डों में तो एक ही परिवार से दो-दो उम्मीदवार आने की खबर है। जिससे चुनाव काफी रोचक बनने की संभावना है। 

बैठकों का दौर हुआ शुरू ………….नगरपरिषद चुनाव के लिए राजनीतिक समीकरण बनने लगे हैं। जिसके लिए संभावित उम्मीदवार रात रात भर बैठकों का आयोजन कर रहे हैं। जिनमें नामों का चयन किया जा रहा है। बता दें कि परिषद के 21 वार्डों में कई पूर्व पार्षद भी दोबारा से अपनी किस्मत आजमाने की फिराक में हैं। जबकि कई नए चहरे चुनावी समर में कूदने के लिए मतदाताओं का मन टटोल रहे हैं। चुनावों में एक सौ से भी ज्यादा उम्मीदवार उतरने का अनुमान है। 

गुरुओं का ले रहे आशीर्वाद ………….परिषद चुनावों में अपनी वैतरणी पार लगाने के लिए संभावित उम्मीदवार नामांकन से पूर्व अपने गुरुओं की शरण में पहुँचने लगे हैं तथा उनका आशीर्वाद लेने में लगे हैं। इसके अलावा कई उम्मीदवार तो परिवार मुखियाओं व बिरादरी के चौधरियों की जी हजूरी करने में लगे हैं। ताकि जीत सुनिश्चित की जा सके।

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