दावा कोरोना की चौथी लहर से निपटने का, अस्पताल का अता पता नहीं.
दो वर्ष से नागरिक अस्पताल से संबंधित फाइल चंडीगढ़ मैं ही अटकी हुई.
गुरुग्राम शहर में आम, गरीब आदमी फाइव स्टार अस्पताल के ही भरोसे.
सरकार और केंद्रीयमंत्री के कार्यकाल के पूरा होने में बचे मात्र दो ही वर्ष.
बड़ा सवाल क्या दो वर्ष में गुरूग्राम का बन जाएगा सरकारी अस्पताल

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । आखिर ऐसा क्या कारण है कि सरकारी प्रोजेक्ट और विकास परियोजना किंतु-परंतु या फिर तकनीकी दाव पेच का शिकार होकर आम जनमानस के लिए सुविधा से अधिक परेशानी का कारण बनती रहती हैं । इसी कड़ी में देश की राजधानी के दक्षिणी दिल्ली के हिस्से के साथ लगते हरियाणा की आर्थिक राजधानी कहलाने वाले और मेडिकल हब के रूप में विश्व विख्यात साइबर सिटी गुरुग्राम का एकमात्र सरकारी अस्पताल सीधे और सरल शब्दों में हरियाणा सरकार सहित सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के लिए चुनौती बन कर खड़ा हो गया है ।

चुनौती यही है कि क्या केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत और हरियाणा में बीजेपी सहित जेजेपी गठबंधन सरकार के कार्यकाल में गुरुग्राम के सरकारी नागरिक अस्पताल का निर्माण पूरा हो सकेगा ? इस बात में गुंजाइश नहीं के बराबर ही दिखाई दे रही है । इसका ठोस कारण है कि अभी तक अस्पताल भवन का ढांचा पुरानी बिल्डिंग को नहीं तोड़ा जा सका है । मंगलवार को भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा गुरुग्राम के पुराने नागरिक अस्पताल परिसर का तीसरी बार दौरा किया गया । इससे दो दिन पहले सीएम खट्टर के द्वारा हरियाणा प्रगति रैली के मंच से भी 2711 करोड़ रुपए की घोषणाओं में गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल का कोई जिक्र भी उनके द्वारा नहीं किया गया । जब भी स्वास्थ्य सेवाओं की बात चलती है , दावा किया जाता है कि कोरोना की संभावित चौथी लहर से निपटने के लिए साइबर सिटी गुरुग्राम पूरी तरह से तैयार है ।

हकीकत यह है कि यदि ऐसी कोई स्थिति बनी या फिर हालात बन गए तो फाइव स्टार महंगे अस्पताल के अलावा अन्य कोई भी विकल्प नहीं है।  आम आदमी गरीब मजदूर दिहाड़ी दार कामगार प्रवासी मजदूरों से लेकर धनाढ्य वर्ग सहित तमाम लोग पूरी तरह से प्राइवेट अस्पतालों के भरोसे ही हैं । मंगलवार को पुराने नागरिक अस्पताल का मुआयना और दौरा करने के उपरांत केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि यहां की फाइल बीते करीब 2 वर्ष से चंडीगढ़ सचिवालय में अटकी हुई है । बड़ा सवाल इस बात को लेकर है कि स्वस्थ रहना आम आदमी का मूलभूत अधिकार है और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना शासन प्रशासन सहित सरकार की प्राथमिकता में शामिल है । फिर आखिर ऐसे क्या कारण हैं और हो सकते हैं कि करीब 30 लाख की आबादी वाले गुरुग्राम शहर की पहली जरूरत यहां का नागरिक सामान्य अस्पताल से संबंधित फाइल चंडीगढ़ सचिवालय से वापस कब लौट कर आएगी ?

इस बात से इंकार नहीं की नगर निगम या फिर स्थानीय निकाय के चुनाव का बिगुल बज चुका है । विपक्ष गुरुग्राम के सरकारी नागरिक अस्पताल की मौजूदा हालत को लेकर मुद्दा बनाते हुए आम लोगों के बीच में जाने से बिल्कुल भी गुरेज नहीं करेगा । अस्पताल क्यों नहीं बन रहा ? इसके क्या कारण है, निर्माण में क्यों विलंब हो रहा है, ऐसे तमाम सवाल हैं जिसका आम लोगों के द्वारा यदि सत्तापक्ष समर्थक चुनाव के दावेदारों से जवाब मांगा जाएगा तो शायद ही किसी के पास इस सवाल का जवाब भी मिल सके।

एडवोकेट और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अभय जैन के मुताबिक सरकारी परियोजनाओं का लटकना या फिर लटकाया जाना अपने अपने गंभीर चिंता का विषय और जांच का मुद्दा बनता जा रहा है। उन्होंने सवाल और जवाब के अंदाज में कहा ऐसा क्या कारण रहा कि सत्ता पक्ष का शानदार करोड़ों रुपए का ऑफिस तो तय समय में बनकर तैयार हो गया। यहां पर सत्ता पक्ष के नेता और सरकार के मंत्रियों का आवागमन होने के साथ ही बैठकों का दौर भी आरंभ हो चुका है । सवाल यह है कि गुरुग्राम में रहने वाले गरीब मजदूर दैनिक वेतन भोगी बीपीएल परिवार सहित यहां रह रहे प्रवासी अनगिनत लोगों का क्या कसूर है कि उनको मुफ्त और सस्ती सरकारी चिकित्सा सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है । अभय जैन ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि शासन प्रशासन और सरकार को गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल को बनाने या इसका निर्माण करवाने में परेशानी हो रही है तो बनाए जाने वाले सरकारी नागरिक अस्पताल का नामकरण भी गुरु कमल नागरिक अस्पताल कर देना चाहिए । हो सकता है कि इसके बाद में अस्पताल निर्माण के कार्य में जो भी कोई बाधा बनी हुई है, वह दूर हो जाए।

गौरतलब है कि सुबे की सरकार सरकार के मुखिया, स्वास्थ्य मंत्री, केंद्रीय मंत्री यही कहते आ रहे हैं कि गुरुग्राम में विश्व स्तर का सरकारी अस्पताल बनाया जाएगा । इस प्रकार के दावे और बातें बीते 2 वर्ष से अधिक समय से की जाती है आ रही है । लेकिन जो कुछ भी काम हुआ है , वह आज सभी के सामने हैं । पुराना नागरिक का अस्पताल और सेक्टर 10 के नागरिक अस्पताल में विभिन्न प्रकार की जांच के लिए भी लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लगातार दौड़ लगानी पड़ रही है । एडवोकेट अभय जैन के मुताबिक क्या बिना किसी प्लानिंग और योजना के किसी भी कार्य को किया जाएगा । उसका इसी प्रकार का परिणाम देखने के लिए मिलेगा । जो हालात आज विश्व विख्यात साइबर सिटी गुरुग्राम के एकमात्र सरकारी नागरिक अस्पताल की सभी के सामने दिखाई दे रही है। इसी मामले में अन्य लोगों का भी कहना है कि केंद्र सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल प्रकरण में दखल देते हुए इस के निर्माण के लिए सरकार और हरियाणा स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिए जाने चाहिए। जिससे कि आम आदमी गरीब जरूरतमंद बीपीएल परिवार अन्य लोगों को सस्ता और निशुल्क उपचार सहित इसकी सुविधा उपलब्ध हो सके। 

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