2024 के लोकसभा एवं हरियाणा विधानसभा चुनावों में भ्रष्टाचार प्रमुख मुद्दा होगा

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल । भ्रष्टाचार को मिटाना है, हम भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर देंगे। ना मैं खाऊंगा ना मैं खाने दूंगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ हम जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाएंगे। भ्रष्टाचारियों की जगह अब जेल में होगी। भ्रष्टाचार सभ्य समाज के लिए अभिशाप है। भ्रष्टाचार करने वाले गद्दार हैं, हम देश के लिए गद्दारी नहीं होने देंगे। भ्रष्टाचार के खिलाफ यह नारे पढ़ने और सुनने में जितने खूबसूरत लगते हैं क्या वास्तविकता में किसी भी राजनीतिक दल् ने या नेता ने भ्रष्टाचार जैसे नासूर को, समाज से मिटाने के लिए कल से पूर्व ईमानदारी से कोई प्रयास  किया था, देश के अधिकांश लोगों का एक ही जवाब होगा नहीं-नहीं।

 भ्रष्टाचार आज समाज के अंदर अपनी इतनी गहरी पैठ बना चुका है कि आम आदमी को किसी भी क्षेत्र का कैसा भी कार्य आज अपने मेहनत और काबिलियत के आधार पर उसका काम बन जाएगा उसे विश्वास नहीं है, उसे देश के सिस्टम से गहरी नाराजगी है। भ्रष्टाचार ने जिस प्रकार अपनी जड़ें देश में जमा ली हैं, कि जब व्यक्ति अपने किसी भी छोटे से छोटे कार्य के लिए जब तक संबंधित अधिकारी, नेता या कोई भी व्यक्ति उसको पैसा नहीं देगा, उसे विश्वास नहीं होता कि उसका काम बन जाएगा। हर 5 साल के बाद जब भी चुनाव आते हैं तो राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में भ्रष्टाचार मिटाने की बातों को प्रमुखता से रखते तो हैं, परंतु सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार और भी तीव्र गति से सरकारी सिस्टम के अंदर फैलता जाता है। आज से 10 साल पहले जो कार्य हजार-दो हजार की रिश्वत देने पर बन जाता था, आज वही काम की रिश्वत लाख रुपए से ऊपर पहुंच गई है। कोई भी अधिकारी, कर्मचारी, नेता या व्यापारी जब पकड़ा जाता है, तो हम देखते हैं कि उसकी भ्रष्टाचार की काली कमाई को गिनने के लिए नोटों की मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है।  देश का युवा रोजगार के अभाव में बढ़ते हुए भ्रष्टाचार के कारण आज हताश और निराश है। उपरोक्त जुमले को लेकर शहर के सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र चौधरी ने नेताओं पर कटाक्ष किया है। 

उन्होंने कहा कि परंतु कल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा अपने कैबिनेट मंत्री विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर, उन्हें  तुरंत गिरफ्तार करा कर एक ऐसा नज़ीर उदाहरण देश के सामने पेश किया है कि, आज देश का हर व्यक्ति यह सोचने लगा है कि, यदि हमारे वो नेता भी जिनसे हम प्रेरणा लेते हैं, यदि वह भी अपने मन में ठान ले और दृढ़ निश्चय कर ले कि हम भ्रष्टाचार को जड़ से मिटा कर रहेंगे, तो देश से भ्रष्टाचार खत्म हो सकता है। 

2015 में दिल्ली के मुख्यमंत्री व आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इससे पहले भी अपने खाद्य आपूर्ति मंत्री आसिम अहमद को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त करके एक  उदाहरण देश के सामने प्रस्तुत किया था, परंतु उस वक्त सोशल मीडिया में इस खबर को ज्यादा तवज्जो ना मिलने के कारण यह मामला ज्यादा चर्चित नहीं हुआ था। परन्तु पंजाब में उन्हीं की सरकार के मुख्यमंत्री द्वारा अपने कैबिनेट मंत्री को बर्खास्त कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार कराके आप पार्टी व उनके संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज देश के अंदर एक साफ संदेश दिया है, यदि हम मन से कोई भी सामाजिक कुरीति को दूर करना चाहे तो वह अवश्य दूर हो सकती है। 

श्री चौधरी ने कहा कि इसके लिए हम आम जनता को भी मजबूत होना पड़ेगा। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए काफी प्रयास किए हैं, उन्हें इसमें शुरुआत में आंशिक सफलता भी मिली थी, परंतु भ्रष्टाचार में लिप्त व्यक्तियों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि उन्होंने हार नहीं मानी और  इसकी गति को और भी तेजी से बढ़ा दिया। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में होने जा रहे नगर निकायों के चुनावों में भी भ्रष्टाचार ही प्रमुख मुद्दा होगा। पिछले कुछ सालों में नगर निगमों,  नगर परिषदों, व नगर पालिकाओं में जिस प्रकार करोड़ों रुपए के घोटालों पर घोटाले उजागर हो रहे हैं, उसके कारण उसकी काली छाया इस चुनाव में भी अवश्य पड़ेगी। समय रहते यदि इस पर कंट्रोल नहीं पाया गया तो आने वाले 2024 के लोकसभा एवं हरियाणा विधानसभा चुनावों में भ्रष्टाचार प्रमुख मुद्दा होगा। वर्तमान भाजपा सरकार ने यदि देश में फैले इस भ्रष्टाचार रूपी कैंसर को समय रहते यदि जड़ से मिटाने का इलाज नहीं किया तो आप पार्टी अपनी भ्रष्टाचार की कल की कार्रवाई से जनता के दिलों में अपनी जगह बना लेगी।

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