पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा ने धरनारत कर्मचारियों को अपना समर्थन दिया

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल । जिले की सभी पालिका भवन के सामने सरकार की नीतियों के खिलाफ  नगर पालिका के कर्मियों ने फिर मोर्चा खोल दिया है तथा आज उनका धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। नारनौल नगर परिषद भवन के सामने भी आज कर्मचारियों का धरना जारी रहा। नगर परिषद कर्मचारियों को समर्थन देने के लिए पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा आज धरना स्थल पर पहुंचे।
कर्मचारियों ने नगर पालिका कर्मचारी संघ के आह्वान पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इतना ही नहीं, कर्मचारियों ने कल भी कामकाज बंद रखकर विरोध जताने का ऐलान किया है। कर्मचारी सोमवार को सुबह कामकाज बंद रखकर नगर पालिका कार्यालय के मुख्य गेट पर एकत्रित हो गए। यहां कर्मचारियों ने धरना देते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

हरियाणा नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य कैसियर महेंद्र सिंह चंगेलिया ने बताया कि हमारी कर्मचारी हरियाणा कौशल रोजगार निगम रद्द करने, समान काम समान वेतन, 2 वर्ष के अनुभव वाले कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने सहित अन्य कई लंबित मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं। नगर पालिका कर्मचारी संघ के सदस्य पुरुषोत्तम ने बताया कि सरकार कर्मचारियों की अनदेखी कर रही है। अगर जल्द संज्ञान नहीं लिया गया तो वे बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे। कर्मचारी मंगलवार को भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। 

नारनौल नगर परिषद भवन के सामने धरने पर बैठे कर्मचारियों को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा ने अपना समर्थन देते हुए कर्मचारियों की मांग को जायज बताया उन्होंने कहा कि सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है और कम कर्मचारियों की जायज मांग को जानबुझ कर अनदेखा कर रही है।

इस दौरान कनीना नगर पालिक के कर्मचारी प्रमोद, केशव, मनीष, जोगेंद्र, राकेश, अनूप, प्रदीप, विद्यानंद, बिजेंदर, दिल्लू राम, ममता, प्रीति, कैलाश, संजय, सचिन सहित अन्य लोग मौजूद रहे। वहीं इनेलो के वरिष्ठ युवा नेता अनिल यादव वह इनेलो नेता राव अभय सिंह यादव ने कहा कि कर्मचारियों के साथ सरकार ने जो दोगली नीति अपनाई है इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जब तक यह कानून रद्द नहीं हो जाएगा तब तक सरकार का विरोध किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा है कि सरकार गरीब कर्मचारियों की सुनें क्योंकि सरकार सदा राज नहीं करती है राज बदलते रहते हैं, इसलिए मुख्यमंत्री को गरीब लोगों के बारे में सोचना चाहिए और उनकी इस जायज मांग पर विचार करना चाहिए।

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