आख़िर वही हुआ जिसका डर था थोड़ी से बारिश से लोगों के घरों में घुस गया सीवर का पानी : धर्म सागर गुरुग्राम। उर्वा सेक्टर 4/7 की गत मीटिंग इस बात की चर्चा हुई थी तथा आयुक्त, नगर निगम को इस बाबत एक पत्र लिखकर सारे हालातों की जानकारी भी दी गई थी और हुआ भी ठीक वही जिसका अंदेशा था। वर्षा जलभराव के कारण पहले से बंद पड़े सीवर का पानी लोगों के घरों में भर गया जिसके चलते लोगों को भारी परेशानी तथा नुक़सान उठाना पड़ा। उक्त मीटिंग के बाद संस्था के अध्यक्ष धर्म सागर ने बताया कि हमने कई बार तकनीकी रूप ग़लत तरीक़े से बनाए जा रहे बरसाती नाले, आर सी सी सड़क के ऊँचे लेवल के विषय तथा बंद पड़े सीवर लाइन के विषय में निगम के उच्च अधिकारियों को पत्र लिख कर सूचित करके तुरंत कार्यवाही के कहा। कई निगम अधिकारियों को मौक़ा मुआयना भी कराया गया है। पूरे सेक्टर की वर्षा जल निकासी जी टी समेत मिट्टी से भरी पड़ी है, वर्षा संचयन कुआँ वर्षों से बंद पड़े है, लगभग पूरे सेक्टर के सीवर बंद पड़े है तथा सड़कों पर हर तरफ़ कूड़ा जमा है तो ऐसे हालतों में वर्षा का पानी सीवर से होकर घरो में घुसना ही था क्यूँकि इसकी कोई निकासी नहीं है। वार्ड 15 की पार्षद सीमा पहुजा के पास प्रतिदिन बंद सीवर, बरसाती नाले, सफ़ाई, पार्कों पीने के पानी की शिकायतें लगातार पहुँच रही है परंतु उनका तो पूरा ध्यान सामुदायिक केंद्र पर अपना क़ब्ज़ा बनाए रखने में केंद्रित है, उन्हें सेक्टर की समस्याओं से क्या लेना देना है और जब उर्वा सेक्टर 4/7 की टीम इन सभी विषयों पर उच्च अधिकारियों को पत्र लिखती है तो सत्ता के मद में चूर पार्षद सीमा पाहुजा सेक्टर 4/7 के लगभग 1700 सदस्यों वाली संस्था (उर्वा) के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह लगाती है। पूरे वार्ड 15 की व्यथा यही है परंतु सेक्टर 4 से तो जाने कौन सा बैर है कि उन्होंने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में इसके हालात एक अनाधिकृत कॉलोनी से भी बदतर बना दिये है। उर्वा सेक्टर 4/7 के महासचिव प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार यह निश्चित था कि बरसातों में वर्षा जलभराव के चलते भारी परेशानी होने होने वाली है। बरसाती नाले व जी टी मिट्टी व कूड़े से बंद हो चुकी है तथा सीवर ओवर फ़्लो कर रहे है तो यह बरसाती पानी के साथ मिलकर लोगों के घरों में पानी घुसना ही था। जब थोड़ी से बारिश से हालात इतने ख़राब हो गए कि हर तरफ़ जलभराव हो गया तो मानसून की बारिशों में क्या हाल होगा। बारिश के बाद सेक्टर में कई हिस्सों में बिजली व पीने के पानी की सप्लाई बंद पड़ी है। कभी मोटर ख़राब है तो कभी वाल्व खराब रहती है। जिसके चलते लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही। परंतु जाने कब प्रदेश के सबसे पुराने सेक्टर की सुध ली जायेगी और इसका कुछ भला होगा। Post navigation अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों को लेकर जिला परिषद् की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनु श्योकंद ने ली अधिकारियों की बैठक अनाधिकृत निर्माणों पर चला निगम का पीला पंजा