सांसद व केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह से भी आग्रह किया कि वे रेवाडी ब्यायज कालेज के लिए 12 एकड़ जमीन आवंटित करवाये और यदि भाजपा खट्टर सरकार जमीन आवंटित नही करती तो मंत्री पद छोड़े : विद्रोही
एबीवीपी द्वारा वर्तमान समय में अस्थायी रूप से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल रेवाडी मेें चल रहे ब्यायज कालेज के गेट पर भवन निर्माण की मांग को लेकर ताला लगाना एक सुनियोजित नौटंकी : विद्रोही

25 मई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि वे रेवाडी गर्वमैंट ब्यायज कालेज के भवन निर्माण के लिए रेवाडी के किसी सैक्टर में तत्काल 12 एकड़ जमीन आवंटित करे ताकि पांच सालों से अपने भवन के लिए तरसते इस सरकारी ब्यायज कालेज को अपना स्थायी भवन मिल सके। विद्रोही ने कहा कि लगता है कि पांच साल पूर्व रेवाडी में ब्यायज कालेज की कक्षाएं प्रारंभ करवाने के बाद मुख्यमंत्री खट्टर जी भूल गए कि यहां कोई कालेज भी शुरू हुआ था। मुख्यमंत्री का यह उपेक्षापूर्ण रवैया घोर चिंता का विषय है। वहीं यह भी दर्शाता है कि अहीरवाल-दक्षिणी हरियाणा के विकास सरोकारों के प्रति भाजपा व मुख्यमंत्री खटटर का क्या रवैया है। 

विद्रोही ने इस संदर्भ में सोमवार को आरएसएस-भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी द्वारा वर्तमान समय में अस्थायी रूप से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल रेवाडी मेें चल रहे ब्यायज कालेज के गेट पर भवन निर्माण की मांग को लेकर ताला लगाने को एक सुनियोजित नौटंकी बताया। एबीवीपी बताये कि वे अस्थायी कालेज गेट पर ताला जड़कर किससे भवन निर्माण की मांग कर रहे है? हरियाणा में तो आरएसएस-भाजपा की ही सरकार है व एबीवीपी आरएसएस का ही छात्र संगठन है। फिर ऐसी राजनीतिक नौटंकी करके मगरमच्छी आंसू बहाकर वे किसे ठगना चाहते है? एबीवीपी को ताला जडने की नौटंकी करके बजाय मुख्यमंत्री से कहकर इस कालेज के भवन निर्माण के लिए रेवाडी शहर में 12 एकड़ जमीन आवंटित करवानी चाहिए ताकि रेवाडी शहर के बढ़ते विस्तार व भविष्य के शिक्षा ढांचा की आवश्यकता अनुसार यहां भवन निर्माण हो सके और भविष्य में यदि कोई कालेज विस्तार होना हो तो वह भी हो सके।

विद्रोही ने स्थानीय सांसद व केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह से भी आग्रह किया कि वे रेवाडी ब्यायज कालेज के लिए 12 एकड़ जमीन आवंटित करवाये और यदि भाजपा खट्टर सरकार जमीन आवंटित नही करती तो मंत्री पद छोड़े। जब क्षेत्र के विकास कार्यो को भाजपा सरकार प्राथमिकता नही देगी तो ऐसी सरकार में मंत्री बने रहने का क्या औचित्य है? वहीं आमजन भी विचारे कि जो सरकार पांच साल तक कालेज भवन निर्माण के लिए जमीन तक आवंटित नही कर सकी, ऐसी अहीरवाल विरोधी भाजपा सरकार का साथ देकर अपने पैरों पर कुल्हाडी मारना कहां तक उचित है? 

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