जब कोई पूर्व विधायक, नेता भाजपा में शामिल होता है तो वह जनाधार वाला बड़ा लोकप्रिय नेता होता है, पर वही पूर्व विधायक व नेता भाजपा को छोडता है तो वह छुटभैया व आधारहीन नेता हो जाता हैै।विद्रोही 24 मई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि आठ पूर्व विधायकों के सोमवार को चंडीगढ़ में विपक्ष के नेता चौ0 भूपेन्द्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल होने से भाजपा में भारी बौखलाहट है जो भाजपा नेताओं के बयानों में साफ झलकती है। विद्रोही ने कहा कि जब कोई पूर्व विधायक, नेता भाजपा में शामिल होता है तो वह जनाधार वाला बड़ा लोकप्रिय नेता होता है, पर वही पूर्व विधायक व नेता भाजपा को छोडता है तो वह छुटभैया व आधारहीन नेता हो जाता हैै। भाजपा का यह गिरगिटी रंग ही बताता है कि भाजपाई-संघी किस चाल-चरित्र के लोग है व कितने मानसिक रूप से दिवालिये है। सोमवार को कांग्रेसे में शामिल होने वाली शारदा राठौर ने जब 2019 विधानसभा चुनावों में भाजपा का साथ दिया व परमिंदर ढुुल ने भाजपा टिकट पर जुलाना से विधानसभा चुनाव लडा था, तब ये बड़े जनाधार वाले लोकप्रिय नेता थे और जब उन्होंने भाजपा को टाटा-बाय-बाय करके कांग्रेस का दामन थाम लिया तो रातोरात आधारहीन नेता हो गए। ऐसी छोटी व गिरगिटी सोच संघीयों की ही संभव है। विद्रोही ने कहा कि सोमवार को कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व विधायक रामनिवास घोडेला ने 2019 विधानसभा चुनाव में अपने दम पर निर्दलीय चुनाव लडकर 19 हजार वोट लिए, वहीं नरेश शेरवाल ने भी अच्छी-खासी वोंट ली। राकेश कम्बोज ने इन्द्री से निर्दलीय चुनाव लड़कर 2019 विधानसभा चुनाव में 46659 वोट हासिल किए, फिर भी यदि भाजपा इन जनाधार वाले नेताओं को आधारहीन नेता बताती है तो यह भाजपा के मानसिक दिवालियेपन का द्योतक नही तो क्या है? वहीं भाजपा कल कह रही थी कि उक्त पूर्व विधायक तो कांग्रेसी थे, उनकी कांग्रेस में वापसी से क्या फर्क पडेगा। विद्रोही ने भाजपा से पूछा कि क्या उसने कभी अपने सांसदों, विधायकों की बैकग्रांऊड के बारे में सोचा है? आज कितने मूल भाजपाई-संघी हरियाणा में भाजपा के सांसद व विधायक है? हरियाणा से भाजपा के दस लोकसभा सदस्यों में से पांच पुराने कांग्रेसी है जो सभी 2014 तक कांग्रेस में थे। वहीं भाजपा के 40 विधायकों में से 20 से 25 विधायक क्या तो कांग्रेसी है या इनेलो नेता है जो 2014 के बाद भाजपा में शामिल हुए है? कल उक्त सांसद व विधायक भाजपा को छोडकर फिर से अपने मूल दल कांग्रेसी में चले जाएंगे तब भाजपा क्या कहेगी? हरियाणा में भाजपा ने कहीं का ईंट कहीं का रोड़ा इक्कठा करके जो सांसद व विधायक बनाये है, वे कब भाजपा को छोड देगे इसका कोई पता नही। विद्रोही ने कहा कि अभी तो शुरूआत है, बहुत से पूर्व विधायक, सांसद, वरिष्ठ नेता भविष्य में कांग्रेस में शामिल होगे और 2024 आते-आते कांग्रेस का पूरा कुनबा फिर से इक्कठा नजर आयेगा। वहीं भाजपा के वर्तमान सांसदों व विधायकों में कितने सांसद व विधायक 2024 तक भाजपा के साथ टिकते है, भाजपा इस पर अभी से चिंता करे तो यही भाजपा के लिए अच्छा होगा। हरियाणा की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों में कांग्रेस को जो जनसमर्थन मिल रहा है और भविष्य में मिलेगा उससे भाजपा का कथित मजबूत संगठन तार-तार होकर बिखर जायेगा। Post navigation नौकरी के नाम पर सात लाख रुपये की ठगी के आरोप में दो गिरफ्तार परिवहन निदेशक ने निजि संचालको के कहने पर किया मेरा तबादला : दोदवा