नारनौल नप चेयरपर्सन भाजपा की टिकट लडने वालों की सूची सबसे लंबी, कांग्रेस समर्थकों की रुचि ना के बराबर–मात्र दो माह में कुनबा बढ़ाने वाली आप पार्टी के टिकटार्थियों ने उडाई सबकी नींदनिर्दलीय भी रहेंगे प्रभावी नगर परिषद चुनाव मेंनगर परिषद चुनाव में पत्रकारों ने भी जताई दावेदारी अशोक कुमार कौशिक नारनौल। गत दिवस हरियाणा चुनाव आयोग द्वारा प्रदेश मे होने वाले निकाय चुनाव का शेड्यूल घोषित करने के साथ ही नारनौल नप के चेयरपर्सन का चुनाव लडने वाले प्रत्याशियों ने टिकट के लिए भागदौड़ तेज कर दी है। भाजपा, आम आदमी पार्टी, इनेलो व जेजेपी ने चिन्ह पर चुनाव लडऩे की घोषणा पहले ही कर दी है। जबकि कांग्रेस पार्टी ने अभी यह चुनाव चिन्ह पर लडऩे का निर्णय नहीं लिया है, जिसके चलते नारनौल से कांग्रेस विचारधारा वाले किसी ठोस टिकटार्थी ने चुनाव लडऩे का खुलकर जोरशोर से प्रचार नहीं किया है। जबकि भाजपा और आम आदमी पार्टी के टिकटार्थियों के बैनर से नारनौल शहर पिछले कई महीनों से अटा हुआ है। नगर परिषद चुनाव में सबसे रोचक पहलू यह भी रहेगा की टिकट न मिलने की सूरत में बहुत से लोग निर्दलीय भी मैदान में उतरेंगे जो समीकरण को बिगाड़ सकते हैं। नगर परिषद नारनौल के चुनाव में शहर के दो पत्रकारों की धर्मपत्नी या पुत्री भी टिकट मिलने पर अपना भाग्य आजमा सकती है। एक पत्रकार महेश गुप्ता ने अपनी धर्मपत्नी के लिए भाजपा से टिकट मांगी है, वहीं दूसरी ओर दूसरे पत्रकार रामचंद्र सैनी ने अपनी पुत्री के लिए आम आदमी पार्टी से मैदान में उतरने के लिए तैयार है। चेयरपर्सन का चुनाव भाजपा की टिकट पर लडने के इच्छा रखने वाले प्रत्याशियों की फेहरिस्त सबसे लंबी है। वहीं पंजाब चुनाव के बाद हरियाणा में एकदम सक्रिय हुई आम आदमी पार्टी के बढ़ते कुनबे ने भी सभी पार्टियों की नींद उडा दी है। पिछले ढाई माह के अंतराल में नारनौल के विभिन्न जनाधार वाले नेताओं व समाजसेवियों को पार्टी की सदस्यता दिलाने वाली आम आदमी पार्टी से टिकट से चुनाव लडने के इच्छुक टिकटार्थियों की सूची में कोई कम नहीं है। भाजपा से टिकट चाहने वालों की सूची में संगीता यादव, शीतल सैनी, भारती सैनी, मनीषा मित्तल, प्रीति शर्मा, उर्मिला गुप्ता, ममता शर्मा, मौसम शर्मा, सुनीता शर्मा वैध, रश्मि चौधरी, राजबाला यादव, सरिता यादव, ज्योति सैनी, लक्ष्मी सैनी व कृष्णा आर्य आदि शामिल है। जबकि आम आदमी पार्टी से कांता यादव, हर्षिता खेडा, तनुजा सैनी, डा.राज सुनेश यादव, सोनू सैनी, ज्योति सैनी, निवर्तमान पार्षद सुशीला सैनी व निर्वतमान पार्षद मीना सोनी आदि शामिल है। मीना सैनी निवर्तमान पार्षद है और वह राजनीतिक परिवार से संबंध रखती है जिनका नारनौल शहर में काफी दबदबा है और वह 1987 से नगर पालिका का चुनाव जीतते आ रहे है। आम आदमी के चुनावी टे्रंड को देखते हुए यहां हर्षिता खेडा, ज्योति सैनी व तनुजा सैनी युवा चेहेरे है। ज्योति सैनी की आंख में यह बात जाती है कि वह खुद सैनी और उसकी शादी अहीर बिरादरी में हुई है। वही कांता यादव, डॉ सुरेश यादव, सोनू सैनी अपनी अपनी जाति के साथ समाज में विशेष पैठ रखते हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी ने अभी सिंबल बारे कोई निर्णय नहीं किया है फिर भी अभी तक तीन प्रत्याशियों के नाम सामने आ गए हैं जो कांग्रेस टिकट के लिए अपनी ताल ठोक रहे हैं। इनमें कुसुम शर्मा, निर्वतमान पार्षद रिंकी सैनी व सीमा यादव मांदी शामिल है। हालांकि बड़े-बड़े फलेक्स और सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा व आम आदमी पार्टी के टिकटार्थी सबसे अधिक दावेदारी जता रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार की सहयोगी दल जेजेपी के नेता भी अंदरखाते नारनौल नप चेयरपर्सन की सीट जेजेपी के खाते में आने का दावा कर रहे हैं। जेजेपी के लिए एक प्रत्याशी ने सीमा यादव पटीकरा तो पिछले कई महीनों से अपना प्रचार तक जोरशोर से किया हुआ है।। इस टिकटार्थी सीमा यादव के अलावा जो प्रत्याशी अंदरखाते जेजेपी कोटे में आने पर टिकट के लिए एकदम सामने आ सकते हैं, उनमें नारनौल विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रही कमलेश सैनी, मंजु सैनी जमालपुरा, संतोष यादव आदि शामिल है। चर्चा यह भी यदि नारनौल सीट जेजेपी खाते में जाती है तो कुछ और भी उम्मीदवार या पैराशूट से दमदार उम्मीदवार भी मैदान में आ सकते हैं। नगर परिषद नारनौल के चुनाव में प्रभावी रहने वाले निर्दलीयों की बात करें तो सबसे मजबूत उम्मीदवार पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा की पुत्रवधू श्रीमती ममता शर्मा हैं। वह कुछ राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखती है जिसका राजनीति में काफी लंबा अनुभव रहा है और जिन्होंने ग्राम सरपंच से लेकर हरियाणा मंत्रिमंडल में भी स्थान प्राप्त किया। श्रीमती ममता शर्मा पढ़ी लिखी और सौम्य उम्मीदवार है और काफी लंबे समय से जनता के बीच जुड़ा बनाया हुआ है। टिकट न मिलने की सूरत में पूर्व पार्षद श्रीमती रश्मि चौधरी पत्नी किशन चौधरी भी निर्दलीय मैदान में रहेंगी। किशन चौधरी पूर्व में नगर पालिका के चेयरमैन और अग्रवाल सभा के भी प्रधान रह चुके हैं। जिला प्रमुख का चुनाव लड़ने वाले राव इंद्रजीत सिंह के खेमे से निवर्तमान जिला पार्षद राजेश मोदी अपनी पत्नी माया देवी को भी टिकट न मिलने की सूरत में निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़वाएंगे। सामाजिक कार्यकर्ता एवं राजनीतिक विश्लेषक सुरेंद्र चौधरी की नारनौल की जनता से अपीलजात-पात,परिवार व रिश्तेदार नहीं केवल सिर्फ केवल विकास-विकास- विकास पर ही मतदान करे शहरी नगर निकाय चुनावों की घोषणा हो चुकी है। 19 जून को सभी नगर निकायों चेयरमैनों के भाग्य का फैसला हो जाएगा । 22 जून को सभी सफल चेयरमैनों के नामों की घोषणा भी हो जाएगी। नारनौल नगर परिषद चेयरमैन की सीट सामान्य महिला के लिए है। चुनाव की घोषणा होने के बाद कई ऐसे लोकल एवं बाहरी उम्मीदवार मैदान में अपनी ताल ठोक रहे हैं, जिनका शहर के विकास में, सामाजिक स्तर पर, राजनीतिक स्तर पर व अन्य किसी भी क्षेत्र में योगदान शून्य यानी जीरो है। हरियाणा हैफेड के महाप्रबंधक तथा विधायक चौधरी फूसाराम के निजी सचिव रह चुके सामाजिक कार्यकर्ता एवं राजनीतिक विश्लेषक सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि नगर परिषद चेयरमैन के पद पर किसी महिला को ही चुना जाएगा। परंतु वर्तमान में कोई भी ऐसी महिला उम्मीदवार नहीं है, जो कि अपना वजूद या पहचान रखती हो, सभी महिलाएं अपने पतिदेव के नाम पर, या अपने परिवार के अन्य पुरुष रिश्तेदारों या उनकी पहचान के दम पर ही, इस चुनाव में भाग ले रही है। श्री चौधरी का कहना है कि केंद्र व प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के कारण, भाजपा की टिकट चाहने वाले उम्मीदवारों की संख्या हालांकि ज्यादा है, वे सोचते हैं कि भाजपा की टिकट पाने मात्र से वह यह चुनाव आसानी से फतेह कर लेंगे। यह मात्र उनका भ्रम है, क्योंकि हमारा यह सोचना है कि टिकट के साथ-साथ उम्मीदवार का व्यक्तित्व, उसके परिवार का पिछला इतिहास, पूर्व में जनता के लिए गए सामाजिक कार्य ही, उनके सपनों को सरकार करने में सहायक होंगे। देश में बढ़ती हुई महंगाई, बढ़ती हुई बेरोजगारी, बढ़ता हुआ भ्रष्टाचार व बढ़ते हुए अपराध से प्रदेश व नारनौल नगर की जनता, सरकार से पूरी तरह हताश एवं निराश हैं, इसलिए जनता के क्रोध का खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त भाजपा के स्थानीय जन-प्रतिनिधि जो कि यह दावा करते हैं कि पिछले पांच-छह सालों में उन्होंने शहर के विकास के लिए, नगर परिषद को खुले दिल से करोड़ों रुपए की ग्रांट मुख्यमंत्री से दिलाई है, परन्तु नगर परिषद के चुने हुए प्रतिनिधियों ने व नगर परिषद, नारनौल के अधिकारियों ने जैसा विकास शहर में करवाया है, वह आप आम जनता के सामने हैं। नगर की एक भी सड़क ऐसी नहीं जो टूटी फूटी ना हो जिसमें खड्डे ना हो । उन्होंने कहा कि महापुरुषों के चौराहों पर लगे रंगीन फव्वारे ठेकेदार की पेमेंट होने के बाद आज तक एक दिन भी नहीं चले, पार्कों में व सड़कों पर मिट्टी डालने के लाखों रुपए के फर्जी बिल डाले गए, स्ट्रीट लाइटें अपनी तय कीमत से दुगने रेटों पर खरीदी गई, सफाई के टेंपो व सफाई मशीन की खरीद में भारी गोलमाल किया गया, एनओसी एवं विकास शुल्क के नाम पर अवैध रूप से करोड़ों रुपए की राशि नगर की जनता से लूटी गई, शहर में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर, सड़कों पर बहता हुआ सीवरेज का खुला बदबूदार पानी चीख-चीख कर यह कह रहा है कि पिछले 5 सालों में हमारा कितना विकास हुआ है। “आइए और देखिए” और स्वयं देख कर के फैसला कीजिए। 30 से 35% तक जहां ठेकेदारों से कमीशन लिया गया हो, नगर परिषद की जमीनों पर प्रभावशाली लोगों द्वारा कब्जे किए गए या करवाए गए हो, फिर भी यह कहना कि हमने नारनौल का विकास करवाया है, इससे ज्यादा भद्दा मजाक जनता के साथ कोई और हो नहीं सकता। श्री सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि अब गेंद जनता के पाले में है, जनता खूब सोच विचार कर अपनी आत्मा को परमात्मा मानते हुए, बिना किसी दबाव के अपना स्वयं फैसला ले और ऐसे उम्मीदवार को चुने जो कि वास्तव में आपके शहर की पूरी ईमानदारी, निष्पक्षता व बिना भेदभाव के संपूर्ण नगर वह इसमें शामिल गांवों का पूरी तरह विकास करा सके। आपकी जरा सी भी चूक शहर व इसमें शामिल गांवों को विकास में 50 साल पीछे ले जाएगी। अगर गलत उम्मीदवार को आपने मतदान कर दिया तो फिर आपको और आपकी आने वाली पीढ़ियों को बहुत पछताना पड़ेगा। इसलिए सही उम्मीदवार को ही चुनिए और उसी उम्मीदवार को ही चुनिए जो जात-पात की नहीं परिवार व रिश्तेदार कि नहीं केवल सिर्फ केवल विकास-विकास- विकास की ही बातें करें। उन्होंने नारनौल की आम जनता से हाथ जोड़कर से यह अपील है कि वह 19 जून को मतदान अवश्य करने जाए, अपने सभी काम को छोड़कर पहले मतदान अवश्य करें क्योंकि आपका एक-एक वोट बड़ा ही कीमती है, आपका वही एक वोट अगले आने वाले 5 सालों के लिए आपके व आपके शहर का भविष्य निश्चित करेगा। इसलिए कोई गलती मत करना, अपने विवेक और आत्मा से ही फैसला लेना। Post navigation महाशक्तियां भी मान रही है भारत की कूटनीति का लोहा: रविंद्र रज्जू नगर निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस, 27 को श्रुति चौधरी आएंगी नारनौल : देवेंद्र हुडीना