पत्रकारिता में राष्ट्रहित सबसे ऊपर होना चाहिए: छाबड़ा देवर्षि नारद जयंती पर पत्रकार मिलन कार्यक्रम का आयोजन हांसी,22 मई। मनमोहन शर्मा देवर्षि नारद का ध्येय सदैव सर्वहित कारी, लोक मंगल व समग्र सृष्टि के कल्याण का ही रहा। इसलिए उन्हें सृष्टि का प्रथम पत्रकार माना जाता है। वे पत्रकारों के लिए आदर्श हैं। राष्ट्र के निर्माण में पत्रकारों की महती भूमिका रहती है। देवर्षि नारद दुनिया के प्रथम पत्रकार हैं, क्योंकि देवर्षि नारद ने इस लोक से उस लोक में परिक्रमा करते हुए संवादों के आदान-प्रदान द्वारा पत्रकारिता का प्रारंभ किया था। वे हमेशा तीनों लोकों में घूमते रहते हैं तथा देव-दानव और मानव को महत्वपूर्ण जानकारी देते रहते हैं। यह बात वरिष्ठ पत्रकार व मुख्यमंत्री के मीडिया को-ऑर्डिनेटर अशोक छाबड़ा ने देव ऋषि नारद जी की जयंती महोत्सव पर हांसी शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कही। भारत विकास परिषद व विश्व संवाद केंद्र द्वारा रविवार वैश्य पंचायती धर्मशाला में को आयोजित इस समारोह में बोलते हुए अशोक छाबड़ा ने कहा कि पत्रकारों को रिपोर्टिंग करते समय हमेशा देश और समाज के कल्याण को ध्यान में रखना चाहिए और देश में काफी पत्रकार ऐसा करते भी हैं। पत्रकारों को देशहित को ध्यान में रखना चाहिए। हमको पत्रकारिता ऐसी करनी होगी जिससे समाज का और देश का कल्याण के साथ साथ विकास हो सके। नारद जी की पत्रकारिता इसी शक्ति का प्रतीक है। शक्ति का उपयोग देश और समाज के हित में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकार के अंदर यह भावना रहनी चाहिए कि जिस समाज से जुड़े विषयों को वह उठा रहा है,वह उसका अपना है। उसका काम समाज को केवल समाचार देना नहीं बल्कि सावधान करना और अच्छे काम के लिए प्रोत्साहित करना भी है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय परंपरा में समाज संसाधन नहीं, बल्कि हमेशा मनुष्य को समाज का अंग माना जाता है। छाबड़ा ने कहा कि हमें समाचार बनाते समय ध्यान रखना चाहिए कि देश के गौरव,सम्मान,एकता और अखंडता को कोई नुकसान ना पहुंचे। अशोक छाबड़ा ने कहा कि देवऋषि नारद पत्रकारिता के जनक माने गए हैं। देवऋषि की पत्रकारिता लोक कल्याणार्थ रही। उन्होंने हमेशा जगत के कल्याण के लिए सूचनाओं का आदान प्रदान की। इसी परंपरा को बढ़ाते हुए वर्तमान पत्रकारिता समाज को दिशा दे रही है। अशोक छाबड़ा ने कहा कि नारद जी के चरित्र को वर्तमान में पत्रकार व पत्रकारिता लेखन से जुड़े लोगों को अपने जीवन में उतारना चाहिए। देवर्षि नारद धर्म के प्रचार तथा लोक-कल्याण हेतु सदैव प्रयत्नशील रहते थे। केवल देवता ही नहीं दानव भी उनसे परामर्श लिया करते थे। श्रीमद्भगवद् गीता के दशम अध्याय के 26वें श्लोक में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने इनकी महत्ता को स्वीकार करते हुए कहा है देवर्षियों में मैं नारद हूं। नारद मुनि पत्रकारिता के पितामाह थे,जिन्होंने समाज में संवाद का कार्य शुरू किया था। पत्रकारों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और मानवता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। आज सोशल मीडिया के जन्म के कारण पत्रकारिता के क्षेत्र में चुनौती बढ़ गई हैं। सोशल मीडिया ने आज प्रत्येक व्यक्ति को पत्रकार बना दिया है। विश्वसनियता को बनाए रखना पत्रकारों के लिए बड़ी चुनौती है। पत्रकारों को चाहिए कि वह बिना किसी दबाव में राष्ट्र हित को ध्यान में रखकर पत्रकारिता करें और अपनी कलम के माध्यम से समाज को नई दिशा देने का काम करें। चेतना उत्पन्न करना भी पत्रकारिता का दायित्वअशोक छाबड़ा ने कहा कि खोजी पत्रकारिता से पत्रकारों ने अनेक अनछुए विषयों का और मुद्दों का खुलासा किया, सामाजिक बुराइयों को दूर करने में पत्रकरिता का विशेष योगदान रहा। शासन की नीति का मूल्यांकन और उसका परीक्षण करने का भी दायित्व पत्रकार निभाते हैं। सकारात्मक व रचनात्मक पत्रकारिता जनता की विश्वसनीयता पर खरी उतरती है। हिंदी पत्रकारिता में साहित्यिक परिवेश से बाहर आकर जनमानस के मुद्दों को भी प्रमुखता दी। केवल सूचनाएं देना ही पत्रकारों का काम नहीं है,वरन जागरूकता व जन चेतना उत्पन्ना करना भी पत्रकारिता का दायित्व है जो हमारे देश के पत्रकार बखूबी निभाते हैं। अशोक छाबड़ा ने कहा कि हमें सभी विचारों का सम्मान करना चाहिए है। हर व्यक्ति अपनी विचारधारा पर काम करने के लिए स्वतंत्र है। कोई भी विचारधारा हो पत्रकारिता में निष्पक्ष होना बहुत जरूरी है। आपको किसी के पक्ष या विपक्ष में होने की जरूरत नहीं है। जो तथ्य है, उस तत्व के साथ होना है और तथ्यों के आधार पर ही विश्लेषण होना चाहिए। रिस्पांसिबल जर्नलिज्म की बहुत जरूरतअशोक छाबड़ा ने कहा कि पत्रकारिता में सत्य को लेकर जाना और सत्य के साथ कोई समझौता नहीं करना। किस सत्य को लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि उसमें लोक हित सर्वोपरि चाहिए। एक रिस्पांसिबल जर्नलिज्म की बहुत जरूरत है। नारद जी समाचार पहुंचाने के साथ-साथ समाधान भी बताते और उसका मार्ग भी दिखाते थे। मीडिया में सकारात्मकता की आवश्यकता पर जोर देते हुए छाबड़ा ने कहा की वातावरण में बदलाव आया है। आज भारत के लोग आकांक्षी बनकर आगे बढ़ना चाहते हैं, जो अनुकूल बात करता है वह लोगों को अच्छी लगती है प्रतिकूल बातें अच्छी नहीं लगती है। मीडिया में भी लोग सकारात्मकता से आगे बढ़ रहे हैं। मीडिया में जिम्मेदारी की आवश्यकता है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने समाचार पत्रों को लोक जागरण का माध्यम बनाया। वे स्वतंत्रता सेनानी हमारी पत्रकारिता के आदर्श है। वामपंथ विचारधारा ने देश का नुकसान कियाअशोक छाबड़ा ने कहा कि हमारा दुर्भाग्य रहा है कि अब तक हमको जो इतिहास के नाम पर पढ़ाया गया है, उसमें वामपंथी विचारधारा की झलक दिखती है, जिसके कारण हमारा समाज आज तक सही मायनों में खुद की सभ्यता और संस्कृति को समझ ही नहीं पाया है। आज धीरे धीरे इन चीजों से पर्दा हट रहा है और समाज और देश को वास्तव में जो इतिहास था उसको समझने और पढ़ने का मौका मिल रहा है। छाबड़ा ने कहा कि हमें समाचार बनाते समय ध्यान रखना चाहिए कि देश के गौरव,सम्मान,एकता और अखंडता को कोई नुकसान ना पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व भारत की भारतीयता को स्वीकार कर रहा है। विदेशी लोग भारत के संस्कार,नमस्कार,जीवनशैली खानपान आदि को अपना रहे हैं। वह बिना किसी दबाव में राष्ट्र हित को ध्यान में रखकर पत्रकारिता करें और अपनी कलम के माध्यम से समाज को नई दिशा देने का काम करें। उन्होंने तथ्यों पर आधारित पत्रकारिता करने का आह्वान करते हुए कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पत्रकारिता का बेस कंटेंट के बिना कुछ भी नहीं है इसलिए हमें राष्ट्रहित में जितना हो सके तथ्यों के साथ देश को मजबूत करते हुए अपना फर्ज निभाना चाहिए। नारद का अर्थ………..नारद मुनि का प्रमुख योगदानअशोक छाबड़ा ने कहा कि नारद मुनि भगवान विष्णु के परम भक्त है। उनका मुख्य उद्देश्य भक्तों की पुकार को भगवान श्री हरी तक पहुंचाना है। नारद मुनि नाम के पीछे भी अर्थ छुपा हुआ है। नार का अर्थ होता है जल और द का अर्थ है दान। ऐसा वर्णन मिलता है कि नारद मुनि सभी को जलदान, ज्ञानदान और तर्पण करने में मदद करते थे। इसी कारण से वे नारद कहलाए। हर युग में भगवान विष्णु के कार्यों को ठीक प्रकार से करने में नारद मुनि का प्रमुख योगदान रहा है। सतयुग और त्रेता युग में माता लक्ष्मी का विवाह भगवान विष्णु से, भगवान शंकर का विवाह देवी पार्वती से, भगवान भोलेनाथ द्वारा जालंधर का विनाश करवाना, महर्षि वाल्मीकि को रामायण की रचना की प्रेरणा देना, ध्रुव और प्रह्लाद को ज्ञान देकर भक्ति मार्ग की ओर उन्मुख करना यह सभी कार्य देन ऋषि नारद ने ही कराए हैं। ब्रम्ह ऋषि नारद द्वारा किये गए ये सभी कार्य सृष्टि संचालन में बहुत महत्व रखते हैं। इस अवसर पर उनके साथ कृष्ण जी नगर संघचालक, रामअवतार जी नगर सहसंचालक, रोहित जिला प्रचार प्रमुख, वेद दीपांकर नगर प्रचार प्रमुख, प्रवीण बंसल, राहुल सोनी, विश्वराज ,नवी, गीतांश, रविंद्र सहित शहर के वरिष्ठ पत्रकार मौजूद रहे। मंच संचालन मनमोहन तायल ने किया । समारोह में राहुल सोनी ने देश भक्ति के गीत को सुनाया । मुख्य अतिथि जे . पी यादव व अशोक छाबड़ा ने भारत मां व गणेश की पूजा _अर्चना के बाद संगांष्टी शुरु हुई । प्रधान जगदीश धमीजा ,कभमीरी लाल मनचन्द्रा , के . के ग्रोवर ,धर्म चन्द्र सतबीर कोशिक व भीम आदि लोग मौजूदइसमें वरिष्ठं पत्रकार संजय भुटानी , राजीव बंसल , इतिहसकार , शिक्षक व पत्रकार जगदीश सैनी व मनमोहन शर्मा ने पत्रकारिता के वर्तमान पर अपने विचार ररवें । भारत विकास परिषद् व विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा द्वारा हांसी व नारनौंद पत्रकारों को उनके सराहनीय कार्य को चलते स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया । कार्यक्रम का समापन जन गण मन गीत से किया गया Post navigation डाक्टर भीमराव अम्बेडकर पुस्तकालय का उद्घाटन : बलराज सिंह मेहरा योग ऋषि रामदेव ने किया हांसी के योगी की योग पुस्तक का विमोचन