-एसीपी ईस्ट संजीव बल्हारा ने कहा, यह काम भी बड़ी सेवा है
-बाकी पुलिस थानों में भी दाना-पानी घोंसले लगाने का किया आग्रह

गुरुग्राम। इंसानों के साथ बेजुबानों का जीवन बचाने के लिए इन दिनों नवकल्प फाउंडेशन शहर में जगह-जगह पर दाना-पानी घोंसले लगा रहा है। इसी कड़ी में रविवार को डीएलएफ फेज-1 के पुलिस थाना में एसीपी संजीव बल्हारा के हाथों ये घोंसले लगवाए गए। एसीपी ने स्टाफ के सभी सदस्यों को निर्देश भी दिए कि इनमें नियमित तौर पर दाना-पानी डालकर पक्षियों का जीवन बचाने में सहयोग करें। यह पुण्य का भी कार्य है।

घोंसले लगाने के बाद एसीपी ईस्ट संजीव बल्हारा ने कहा कि नवकल्प फाउंडेशन ये पंछियों के लिए जो यह दाना-पानी घोंसले लगाने का अभियान शुरू किया है, यह सबसे हटकर काम है। हर कोई इस तरह की सोच नहीं रखता या इस तरह से प्रयास नहीं करता। उन्होंने कहा कि इंसानों की सहायता के लिए तो वैसे भी लोग आगे रहते हैं। कोई खाना, कोई राशन तो कोई कपड़े वितरण करता, लेकिन बेजुबानों के लिए बहुत कम लोग या संस्थाएं काम में लगी हैं। उन्होंने नवकल्प की टीम को इसके लिए बधाई दी कि उन्होंने इतनी भयंकर गर्मी के बीच ऐसा नेक कार्य शुरू किया है। उन्होंने संस्था से आग्रह किया कि वे गुरुग्राम के सभी पुलिस थानों में दाना-पानी घोंसले लगवाएं। हमारे जवान इस सेवा कार्य को आगे बढ़ाएंगे। इस अवसर पर नवकल्प के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल, एसएचओ दिनेश कुमार, एमएचसी गजेंद्र व अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे। फाउंडर अनिल आर्य ने सभी का आभार व्यक्त किया।

लगातार आ रही है घोंसलों की डिमांड: प्रवीण अग्रवाल
नवकल्प फाउंडेशन के उपाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि दाना-पानी घोंसले को लेकर शहरभर से उनके पास लोग कॉल कर रहे हैं। लोगों में इसके प्रति जागरुकता आई है। पहले इस तरह से किसी ने भी नहीं सोचा। लोग अपने घरों की छतों पर भी दाना-पानी रखना भूल जाते थे, लेकिन अब लोगों ने नवकल्प की टीम के साथ सम्पर्क करके दाना-पानी घोंसले लगवाए हैं। नवकल्प का यही प्रयास है कि लोगों में बेजुबानों का जीवन बचाने के लिए जागृति आए। इसमें वे सफल भी हो रहे हैं।

घोंसलों को प्राकृतिक लुक देने का प्रयास: डा. सुनील आर्य
नवकल्प फाउंडेशन के महासचिव डा. सुनील आर्य ने कहा कि संस्था की ओर से तीन साल पहले एक प्रण किया था कि शरीर के अंदर तक झुलसाने वाली भीषण गर्मी में भूखे-प्यासे पंछियों के लिए दाना-पानी और आश्रय की व्यवस्था की जाए। पहले दो साल तो टीन के करीब 600 दाना-पानी बॉक्स वितरित किए गए। फिर यह सोचा गया कि टीन के बॉक्स तो गर्म हो जाते हैं और उनमें पानी भी गर्म हो जाता है। ऐसे में पक्षियों को काफी परेशानी आती है। इस बार बदलाव करके दाना-पानी बॉक्स के स्थान पर दाना-पानी घोंसले तैयार कराए गए। यानी घोंसलों को प्राकृतिक लुक देने का प्रयास किया गया है। इनमें पक्षी रह भी सकते हैं और खाना-पीना भी कर सकते हैं। विशेष तौर पर बनाए गए ये घोंसले इको फ्रेंडली हैं। इसमें मिट्टी के सकोरे रखे गए हैं और नारियल का घौंसला बनाया गया है। पहले तो लोगों को वितरित किए गए थे, लेकिन इस बार से संस्था ने मौके पर जाकर लगाने का काम किया है, ताकि शत-प्रतिशत घोंसले लगाए जा सकें। रिहायशी सोसायटी, पार्क, स्कूल, कंपनी, सार्वजनिक स्थलों, सड़कों किनारे ये घोंसले लगाए जा रहे हैं। अब तक करीब 400 घोंसले लगाए जा चुके हैं। कुछ विशेष लोगों के आग्रह पर उन्हें घोंसले दिए भी गए हैं। लक्ष्य 200 घोंसलों का था, लेकिन मांग लगातार बढ़ती जा रही है। 450 घोंसले की सूची तैयार है।

लेजरवैली पार्क में भी लगाए गए घोंसले
स्कूलों में घोंसले लगाने जिम्मा कला व संस्कृति कल्प की संयोजिका मीनाक्षी सक्सेना के पास है। उनके अनुसार दर्जन भर से अधिक स्कूल्स से मांग आ रही है।

लैजर वैली पार्क में पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया ने घौंसले लगाने की शुरुआत की। रोटरी क्लब के असिस्टेंट गवर्नर रविंद्र जैन, पार्क समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह गुर्जर, रोटरी ब्लड बैंक के चैयरमेन मुकेश शर्मा, निगम पार्षद अनूप सिंह, नवकल्प के फाउंडर अनिल आर्य, भूपेंदर सिंह, सूरज शर्मा, गजेंद्र त्यागी, मनोज यादव सहित काफी लोग मौजूद रहे।

मेफिल्ड गार्डन के एन-ब्लॉक में भी लगाए घोंसले
मेफिल्ड गार्डन के एन-ब्लॉक के सेंट्रल पार्क और आसपास घोंसले लगाए गए। वहां की पशु-पक्षी प्रेमी टीम का उत्साह गजब का रहा। पास में ही श्रमिकों के बच्चों का एक स्कूल भी है। वहां के बच्चों ने भी घोंसलों के प्रति खासी रुचि दिखाई। एन-ब्लॉक की महिला टीम ने बच्चों को घौंसलोंं की उपयोगिता की जानकारी दी और उनसे यह संकल्प कराया कि वो अपने जीवन में जीव जंतुओं और पंछियों के प्रति पूरी संवेदनशील हृदय से काम करेंगे। इस मौके पर वहां की आरडब्ल्यूए वाइस प्रेसिडेंट प्रज्ञाश्री, पूर्व अध्यक्ष अंजू बंदूनी, मालिबु टाउन आरडब्ल्यूए की पूर्व अध्यक्ष अलका दलाल, मंजू बंदूनी, खुशप्रीत कौर, नंदिनी, अनूप गुप्ता, अरविंद गोयल, रोटेरियन रविंद्र जैन भी उपस्थित रहे।

error: Content is protected !!