अधिकारियों की इच्छाशक्ति के अभाव में रिकॉर्ड नहीं पहुंच पा रहा है स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों तक
फौगाट ने प्रदेश सरकार से लगाई गुहार, रिकॉर्ड परिवारों को कराया जाए उपलब्ध

गुडग़ांव, 13 मई (अशोक): पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। अमृत महोत्सव पर देश के गुमनाम शहीदों को स्वतंत्रता सेनानियों का दर्जा दिलवाने की मांग भी प्रबल हो गई है। गुमनाम शहीदों की जानकारी एकत्रित करने में स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र श्रीभगवान फौगाट जुटे हुए हैं।

उन्होंने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री व अन्य उच्चाधिकारियों से भी आग्रह किया है कि ऐसे शहीदों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जाए। उनका कहना है कि वे पिछले कई वर्षों से सैकड़ों गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों का रिकॉर्ड आजाद हिंद फौज राष्ट्रीय अभिलेखागार कार्यालय से तलाश कर लाए थे और प्रदेश सरकार को उपलब्ध करा दिए गए थे। लेकिन यह रिकॉर्ड आज तक भी गुमनाम शहीदों के परिवारों तक नहीं पहुंच पाया है। अब उन्होंने इस रिकॉर्ड को ऐसे जवानों के परिवारों तक पहुंचाना शुरु कर दिया है। इन गुमनाम शहीदों में गुडग़ांव, फरीदाबाद, चरखी-दादरी, रोहतक व अन्य जिलों के स्वतंत्रता सेनानी भी शामिल हैं। उनका कहना है कि गुडग़ांव जिला प्रशासन के पास भी इन सेनानियों का रिकॉर्ड उपलब्ध है, लेकिन उसे परिवारों तक नहीं पहुंचाया जा सका है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार तो चाहती है कि इस रिकॉर्ड को गुमनाम शहीदों के परिवारों तक पहुंचा दिया जाए, लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों में इच्छाशक्ति के अभाव के कारण यह कार्य नहीं हो पा रहा है। प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों से आग्रह करती रही है कि रिकॉर्ड परिवारों को उपलब्ध कराया जाए, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि पलवल, फरीदाबाद, नूंह के भी स्वतंत्रता सेनानियों का रिकॉर्ड गुडग़ांव में पाया गया था, लेकिन उनके परिवारों को आज तक भी इसे उपलब्ध नहीं कराया गया है।

उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि गौरव पट्टों पर इन शहीदों के नाम भी अंकित किए जाने चाहिए ताकि उनके परिवार भी स्वयं को गौरान्वित महसूस कर सकें।

error: Content is protected !!