हांसी । मनमोहन शर्मा कांग्रेस नेता व राज्यसभा के सदस्य दीपेंद्र हुड्डा आज में ग्राम पंचायत ढाणी पाल, बीड़ फार्म और राजीव नगर में पहुंचकर कूड़े का ढेर हटवाने के लिये धरने बैठे गांव वालों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि शहर का कई मीट्रिक टन कचरा तीन गांवों ढाणी पाल, बीड़ फार्म और राजीव नगर में बिना किसी अनुमति के डाला जा रहा है। कूड़े के ढेर के बीच गांव वालों का जीना मुश्किल हो गया है। यहां दो स्कूल हैं जिनमें बच्चे पढ़ते हैं लेकिन उन्हें भी कूड़े के ढेर के बीच से स्कूल जाना पड़ता है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है सरकार लगातार गलत बयानी कर रही है कि उसने इस डंपिंग साईट को शिफ्ट करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। दीपेंद्र हुड्डा ने खुद चलकर पूरे इलाके का जायजा लिया और कहा कि यहां कूड़े-कचरे के चलते अमानवीय जीवन परिस्थितियां दिखायी दे रही हैं। सरकार केवल झूठ बोलती है। लोगों का विश्वास सरकार पर से पूरी तरह उठ गया है। उन्होंने कहा कि जब तक इलाके में कूड़े-कचरे की इस समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक वो ग्रामीणों के हर संघर्ष में साथ हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगाती है लेकिन स्कूल के पास कूड़े के ढेर की आड़ में बैठकर बेटी कैसे बचेगी और कैसे पढ़ेगी। पढ़ना तो दूर की बात बिमारी की चपेट में और आ जायेगी। सरकार एक ओर नारा दे रही स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत का लेकिन स्कूल के पास कूड़े का ढेर डालने से जब स्कूल ही स्वच्छ नहीं रहेगा तो बच्चे स्वस्थ कैसे रहेंगे? दीपेंद्र हुड्डा ने मांग करी कि अगर सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया है तो अधिकारी धरने पर आएं और नोटिफिकेशन की कॉपी गांव वालों को देकर जाएं। अन्यथा इस मुद्दे को कांग्रेस पार्टी विधानसभा में उठायेगी। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि वो अपनी कथनी और करनी में अंतर को समाप्त करे। इस दौरान पूर्व विधायक नरेश सेलवाल, पूर्व विधायक रणधीर धीरा, बलराम दांगी, धरमबीर गोयत, राजिंदर सूरा, जस्सी पेटवाड़, सुमन शर्मा, सतेंदर सहारण, अनिल मान, तेलुराम जांगड़ा, छत्रपाल सोनी, विजेंदर हुड्डा, रविंदर मलिक, अनिल समैन, कृष्णा नांगली समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्त्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे। सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज हिसार के कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान वे गाँव खेदड़ में चल रहे धरने पर पहुंचे और कहा कि यदि गांव वाले प्लांट की राख बेचकर गाय का पेट भरते हैं तो सरकार को इस बात से तकलीफ क्यों है। गाय के मुंह से निवाला छीनकर क्या सरकार का खजाना भर जायेगा? सरकार के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि वो गौरक्षा के लिये गंभीर नहीं है। सरकार के लिये गौमाता की जय और भारत माता की जय केवल चुनाव तक ही सीमित है। वोट बटोरने के बाद भाजपा के लोग गाय को भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि गाय की दुर्दशा जो इस सरकार में हुई उतनी पहले कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि चारे के बगैर गौमाता की रक्षा कैसे होगी और फौज में अफसरों व सैनिकों के लाखों पद खाली रहेंगे तो भारत माता की रक्षा कैसे होगी। आजाद भारत के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब 3 साल तक फौज में भर्ती ही न हो। उन्होंने सवाल किया कि गाय के मुंह से निवाला निकालकर करीब 3 लाख करोड़ का जो कर्ज सरकार पर है वो क्या चुकता हो जायेगा। खेदड़ धरनास्थल पर पहुंचे सांसद दीपेंद्र हुड्डा को धरनारत लोगों ने बताया कि जब थर्मल प्लांट के पास राख के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं थी तब लाखों रुपये की मशीनें लगाकर गोशाला कमेटी ने व्यवस्था संभाली थी। इतना ही नहीं, 5 साल पहले थर्मल प्लांट से जो राख निकलती थी उससे आस पास के गांवों में न केवल फसल खराब हो जाती थी बल्कि गांव वालों को वायु प्रदूषण का भी सामना करना पड़ता था। अब जबकि इस राख से गौशालाओं का खर्च निकलने लगा तो सरकार गाय के मुंह से निवाला भी छीन लेना चाहती है। अगर निजी कंपनियों को राख का टेंडर किया गया तो गोशाला कमेटी की सारी मशीनें बेकार हो जाएंगी और गोशाला घाटे में चली जाएगी तथा हजारों गायों के पालन-पोषण का संकट पैदा हो जायेगा। Post navigation बिजली कर्मचारीयों ने सरकार के खिलाफ आन्दोलन का फैसला किया: यादव स्टोन लाइन जोड़ने समय एक दर्दनाक हादसे में फोरमैन की मौत ,एक घायल मजदूर को हिसार रफेर