सोहना बाबू सिंगला सोहना कस्बे व क्षेत्र में अवैध कालोनियों का कारोबार जोरों पर है। कालोनाइजर भोले भाले लोगों को गुमराह करके जमकर चांदी कूट रहे हैं। क्षेत्र में करीब एक दर्जन स्थानों पर अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। जिनमें मूलभूत सुविधाओं का पूर्णतः अभाव है। वहीं ऐसा होने से सरकार को राजस्व का घाटा उठाना पड़ रहा है। सरकार व प्रशासन ऐसी अवैध कालोनियों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह असमर्थ साबित हो रहा है। सोहना क्षेत्र में अवैध कालोनियों को स्थापित किये जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भूमाफिया कृषि योग्य भूमि को औने पौने दामों में खरीदकर उसमें प्लाटिंग करने में लगे हुए हैं। जबकि उक्त भूमि में प्लाटिंग करना कानूनी अपराध है। परंतु कालोनाइजर बेख़ौफ़ होकर उक्त कार्य को करके मोटा पैसा कमा रहे हैं। क्षेत्र में करीब एक दर्जन स्थानों पर अवैध कालोनियां काटी जा रही हैं। जिनमें मूलभूत सुविधाओं का पूर्णतः अभाव है। परंतु कालोनाइजर भोले भाले लोगों को सब्ज बाग दिखाकर प्लॉटों की बिक्री कर रहे हैं। जिनमें दलालों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। कैसे होता है यह खेल………….कालोनाइजर किसानों व जमीदारों की कृषि भूमि को औने पौने रेटों में खरीद कर उसकी ड्राइंग बनवा लेते हैं। उसके बाद दलाल लोग भोले भाले लोगों को फांस कर उनको प्लाट बिक्री करते हैं। जिसकी एवज में दलालों को कमीशन दिया जाता है। ऐसी कालोनियों में सुविधाओं का अभाव रहता है। बाद में लोगों को पता लगने पर वे विचलित रहते हैं। तथा इधर उधर घूमते रहते हैं। भोले भाले हो रहे गुमराह ………….कालोनाइजर अपने माल को बेचने के लिए भोले भाले लोगों को गुमराह करने से भी नहीं चूकते हैं। तथा उनसे एक मुश्त राशि न वसूलकर किश्तों में पेमेंट वसूलते हैं। इसके अलावा पूरा पैसा आने के बाद भी उनकी रजिस्ट्री नहीं कराई जाती है। खरीदार अपने पैसों के लिए धक्के खाते घूमते रहते हैं। यहाँ हो रही प्लाटिंग…………….. क्षेत्र में पलवल मार्ग, नूह मार्ग,मंडावर,नुनेरा,बल्लभगढ़ मार्ग, खरोदा, सिलानी, बालूदा मार्ग, भोंडसी, नंगली , संचौली आदि स्थानों पर कालोनाइजर अवैध कालोनियां काटने में लगे हैं। जिसके लिए सोशल मीडिया, पम्पलेट, दलालों का सहारा लिया जाता है। Post navigation स्कूल में मारपीट विवाद : दमदमा में पंचायत का आयोजन, गेंद शिक्षा मंत्री के पाले में……… शिक्षा विभाग की अनदेखी…….सोहना सरकारी स्कूल की इमारत जर्जर, खुले में ही पढ़ रहे बच्चे।