मोदी सरकार रसोई गैस सिलेंडर, पैट्रोल, डीजल, पीएनजी, सीएनजी पर जिस तरीके से अंधाधुंध भाव बढा रही है, उससे आमजन का जीना दूभर हो गया और महंगाई डायन ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। विद्रोही 8 मई 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने रसोई गैस सिलेंडर के भाव 50 रूपये बढाकर प्रति सिलेंडर एक हजार रूपये करने की कठोर आलोचना करते हुए इसे आमजनों की लूट बताया। विद्रोही ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार रसोई गैस सिलेंडर, पैट्रोल, डीजल, पीएनजी, सीएनजी पर जिस तरीके से अंधाधुंध भाव बढा रही है, उससे आमजन का जीना दूभर हो गया और महंगाई डायन ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। मोदी सरकार का यह व्यवहार समझ से परे है। रसोई गैस सिलेंडर की कीमत एक हजार रूपये और कर्मिशियल गैस सिलेंडर की कीमत 2355 रूपये प्रति सिलेंडर अपने आप में प्रमाण है कि संघी सरकार आमजन को दो वक्त का भरपेटे भोजन भी नही कर सके, इसके जुगाड़ में लगी रहती है। जो सरकार पेट भरने के समान पर भाव बढाकर महंगे करने पर उतारू हो, वह सरकार आमजन की हितैषी, लोकतांत्रिक सरकार कैसे हो सकती है? विद्रोही ने कहा कि मई 2014 में जब कांग्रेस ने सत्ता छोडी थी, तब रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 414 रूपये थी जो आज 485 रूपये बढकर एक हजार रूपये हो चुकी है। मोदी सरकार ने रसोई गैस सिलेंडर कांग्रेस शासन की तुलना में लगभग 120 प्रतिशत ज्यादा महंगा कर दिया। यह एक तरह से खुली लूट है। देश में जिस तरह महंगाई तेजी से बढ़ती जा रही है, उसके चलते आमजन का जीना दूभर हो गया है। बेरोजगारी, भूखमरी, गरीबी, महंगाई, भ्रष्टाचार का चौतरफा हमला आमजन पर हो रहा है। विद्रोही ने कहा कि अब तो आमजन भी मोदी-भाजपा-संघ से यह प्रश्न पूछने को मजबूर हो गए कि क्या मोदीजी ने इन्ही कथित अच्छे दिनों को लाने के नाम पर उनकी वोट हडपी थी। अब तो लोग कहने लगे है कि मोदी जी के कथित अच्छे दिन नही चाहिए, हमे तो कांग्रेस जमाने के पुरानेे दिने ही लौटा दो। विद्रोही ने कहा कि गैस सिलेंडर भावों में बढोतरी व हरियाणा में शराब सस्ती करना बताता है कि संघी सरकार की प्राथमिकता आमजन की जेब काटकर लूटने की है। रसोई गैस सिलेंडर, पैट्रोल, डीजल, पीएनजी, सीएनजी के भाव बढ़ाकर महंगाई करके लोगों की जेब काटो व शराब सस्ती करके जो थोडा बहुत पैसा गरीब की जेब में बचता है, उसे भी लूटकर आमजन को बुरी तरह से आर्थिक बदहाली की ओर धकेल दो। Post navigation सोता हूँ माँ चैन से, जब होती हो पास !! 9 मई – रवींद्रनाथ टैगोर जयंती…….भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में टैगोर का योगदान अतुलनीय