7 मई 2022, शनिवार को सलवान पब्लिक स्कूल, गुरुग्राम में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित 126 वर्षीय योगी स्वामी शिवानंद जी पधारे। ‘संजीव योग- आत्मानुशासन और योग जीवन शैली की शिक्षा’ विषय पर स्वामी जी के साथ स्कूल के छात्रों, शिक्षकों और अधिकारियों के लिए संवाद व योग सत्र का आयोजन किया गया ।

स्वामी शिवानंद जी का जन्म 8 अगस्त 1896 को हुआ है और इन्हें विश्व का  सबसे वृद्ध व्यक्ति माना जाता है, इनकी जीवन चर्या में योग का प्रमुख योगदान है, जिसके लिए स्वामी जी को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इस वर्ष मार्च में देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिया गया है । बहुत ही सादा जीवन जीने वाले स्वामी शिवानंद जी पृथ्वी पर सभी की सेवा करने के उद्देश्य से पूरी दुनिया को अपना घर मानते हैं। 

कार्यक्रम का प्रारंभ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच  स्वामी जी के करकमलों द्वारा  दीप प्रज्ज्वलन एवं छात्रों के द्वारा गणेश वंदना की प्रस्तुति  के साथ किया गया | सलवान एजूकेशन ट्रस्ट के एमारेटस चेयरमेन श्री शिवदत्त सलवान जी ने स्वामी जी का फूल माला पहनाकर व पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया |  इस अवसर पर ट्रस्टी एवं फाउंडर प्रिंसिपल डॉ. इंदु खेत्रपाल, ट्रस्टी लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. अरविन्द महाजन, विद्यालय के प्रबंधक कमिटी के सदस्य श्री माइकल डायस , ब्रिगेडियर श्री आनंद शर्मा, श्री जे एन चोपड़ा, विद्यालय की प्रिंसिपल श्रीमती रश्मि मलिक, सिस्टर स्कूलस् के प्रिंसिपलस्,अध्यापक गण, छात्र एवं अन्य गणमान्य अतिथि  उपस्थित थे |   

मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए विद्यालय की प्रधानायार्या  श्रीमती रश्मि मलिक ने स्वामी जी के सादगी पूर्ण जीवन शैली एवं योग साधना की भूरी-भूरी सराहना की| जिज्ञासु विद्यार्थियों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए छात्र के जीवन में गुरु के महत्व पर बल दिया | उन्होंने शिक्षक से प्रेम और उनका आदर करने की बात कही | उन्होंने सर्वांगासन एवं पवन मुक्तासन प्रतिदिन तीन-तीन बार करने का परामर्श दिया | अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए स्वामी जी ने ईश्वर और प्रकृति के सानिध्य में रहने की बात की| उन्होंने कहा कि हमारी भारतीय परंपरा की जड़ें  बहुत गहरी हैं और साथ ही सभी धर्मों में मानवता को उसका मूल मन्त्र बताया | योग को जीवन में अपनाकर ही सुख और शांति प्राप्त की जा सकती है | कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की ओर से दुशाला ओढ़ा एवं स्मृति चिह्न भेंटकर स्वामी जी का  सामान किया गया | विद्यालय के सभी विद्यार्थी आह्लादित एवं गौरान्वित महसूस कर रहे थे |   

error: Content is protected !!