नहर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ किसान व ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

-सुखी पड़ी राता माइनर में उतरे किसान
-सरकार पर जिले में नहरी पानी आपूर्ति में भेदभाव करने का लगाया आरोप
-ग्रामीणों ने पहले मुंडियाखेडा व दौंगड़ा जाट के जोहड़ भरने की उठाई मांग
किसानों और ग्रामीणों ने सरकार को चेताया कि समान वितरण जलापूर्ति न होने पर विरोध करने को होंगे किसान मजबूर

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। सिहमा खंड के गांव दौंगडा जाट व मूंडियाखेड़ा गांव के दर्जनों किसानों ने बुधवार सुखी पड़ी राता माइनर में उतर कर नहर विभाग के अधिकारियों व सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर नारेबाजी की और जिले में नहर आधारित जलापूर्ति में भेदभाव करने का आरोप लगाया। दौंगडा जाट निवासी चौधरी होशियार सिंह, बिल्लू पंच, बलबीर सिंह, मुकेश, कालूराम, शुभराम नंबरदार, रणधीर, मातूराम ने बताया कि उनके क्षेत्र के गांवों के जोहड़ सूखे पड़े है वहीं मवेशियों के लिए पानी की भारी समस्या खड़ी हो गई है। जिले में राता माइनर को छोड़कर बाकि की सभी नहरों में जलापूर्ति बेरोक टोक की जा रही है वहीं उनके क्षेत्र के गांव मूंडियाखेड़ा, दौंगड़ा जाट, भालखी और राता गांव के किसानों के साथ नहरी पानी वितरण के मामले में भारी भेदभाव किया जा रहा है। गांव मूंडियाखेड़ा के किसान रविंद्र यादव, फूलचंद, राजीव पंच, कृष्ण, ओमप्रकाश, पप्पू नंबरदार, बलवान सिंह ने सरकार पर पानी के मामले में जिले में भेदभाव करने के आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब से एसवाईएल का पानी लाने के दावे करने वाली सरकार पहले जिले में उपलब्ध नहरी पानी का समान रूप से वितरण करें। जिले के अंदर ही नहर विभाग के अधिकारी गांवों के जोहड़ो और माइनर में पानी छोड़ने में मामले में भारी भेदभाव कर रहे है। किसानों और ग्रामीणों ने सरकार से पहले सुखी पड़ी राता माइनर में पानी छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि मूंडियाखेड़ा, दौंगडा जाट आदि गांवों के जोहड़ो को भरे ताकि यहां के पशुओं व खेतों को पानी मिल सके। किसान और ग्रामीणों ने सरकार को प्रदर्शन कर चेताया कि दो दिन के अंदर सुखी पड़ी राता माइनर में पानी छोड़कर मुंडियाखेड़ा, दौंगड़ा जाट क्षेत्र के सूखे पड़े जोहड़ों को पानी से नही भरा गया तो किसान और ग्रामीण एकजुट होकर सरकार का विरोध करने को मजबूर होंगे।

-क्या कहना है नहर विभाग के जेई का-
-जितेंद्र कुमार जेई ने बताया कि मुख्य नहर में पानी कम आ रहा है सरकार के आदेश है कि पहले नारनौल व नांगल चौधरी क्षेत्र में सूखे पड़े टैंकों व जोहडों को भरा जाए उसकी बाद सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाएगा।

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