-अधिकारियों से लेकर मंत्री तक कई बार लगा चुका पीड़ित गुहार-चूड़ियां बेचकर पहले हो जाता था गुजारा लेकिन लकवे के बाद हो गया पैसे पैसे के लिए मोहताज-6 माह से सरकारी दफ्तरों की चौखट पर पीड़ित चप्पल घींसने को हो रहा मजबूर भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। बुढ़ापा पेंशन के लिए गत 6 माह से सरकारी दफ्तरों की चौखट पर सीहमा का लकवा ग्रस्त किशोरीलाल लखेरा चप्पल घींसने को मजबूर हो रहा है लेकिन अभी तक उसकी कहीं सुनवाई नही हुई है। इसको लेकर पीड़ित किशोरीलाल लखेरा ने बुधवार को दोबारा सीएम विंडो नारनौल पर शिकायत दर्ज करवाई है लेकिन अब भी उसे जिला प्रशासन से उसकी सुनवाई होने की कम ही उम्मीद है। 66 वर्षीय पीड़ित ने जिला प्रशासन पर उल्टे सवाल दागते हुए कहा कि जब पीड़ित द्वारा सीएम विंडो पर समस्या कि शिकायत करने के बाद समाधान नही होता तो पीड़ित उसके बाद कौन सी विंडो पर शिकायत दर्ज करें जिससे समस्या का समाधान हो सके। पीड़ित ने बताया कि उसे पांच साल से लगातार बुढ़ापा पेंशन मिल रही थी लेकिन गत वर्ष परिवार पहचान पत्र आईडी बनाते वक्त स्कूल के एक अध्यापक ने गलती से उसके परिवार की सालाना आय 50 हजार की जगह पांच लाख दर्ज कर दी उसके बाद समाज कल्याण विभाग ने उसकी बुढ़ापा पेंशन बंद कर दी। पहले वह चूड़ियां आदि बेचकर गुजारा कर लेता था लेकिन उसको लकवा लगने के बाद उसका वह काम भी बंद हो गया उसके पास ना ही तो कोई खेती की जमीन है और ना ही कोई दूसरा रोजगार। पीड़ित ने बताया कि वह 6 माह से पेंशन बंद होने के बाद पैसे पैसे के लिए मोहताज हो रहा है। अपनी पीड़ा को लेकर वह समाज कल्याण विभाग के उच्च अधिकारियों से लेकर समाज कल्याण मंत्री ओमप्रकाश यादव तक कई बार उसकी इस मामले में मदद करने की गुहार लगा चुका है लेकिन अभी तक उसकी इस समस्या का कोई समाधान नही हुआ है। Post navigation नारनौल नगर परिषद के परिसीमन के बाद नये जातिगत आंकडों ने उडाई सत्तारूढ दल की नींद बार एसोसिएशन का संघर्ष लाया रंग, एसपी का हुआ तबादला