हरियाणा को अपने थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन करने के लिए हर रोज 15 रैक कोयला चाहिए जबकि केन्द्र सरकार से प्रदेश को केवल 10 रैक ही कोयला मिल रहा है।
  कांग्रेस ने 2014 में सत्ता छोडते समय जहां प्रदेश को बिजली में आत्मनिर्भर बनाकर सत्ता छोडी थी, उस क्षमता को आगे बढ़ाना ता दूर का सपना, भाजपा खट्टर सरकार उस बिजली उत्पादन क्षमता को बरकरार रखने में भी अक्षम रही है।

15 अप्रैल 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया किे भाजपा-जजपा खट्टर सरकार कुप्रबंधन व भ्रष्टाचार के चलते हरियाणा में बिजली का संकट गहराता जा रहा है। इस समय गर्मी की शुरूआत में ही प्रदेश के पास बिजली उपभोक्ताओं की मांग से लगभग 2 हजार मेगावाट बिजली की कमी है। विद्रोही ने कहा कि इस समय प्रदेश को लगभग 8 हजार मेगावट बिजली रोज चाहिए, पर बिजली केवल 6 हजार मेगावाट ही उपलब्ध है। जब गर्मी की शुरूआत में ही मांग से लगभग 2 हजार मेगावट बिजली कम उपलब्ध है तो सहज अनुमान लगा ले कि मई-जून की भयंकर गर्मी में क्या स्थिति होने वाली है। एक ओर भाजपा सरकार उपभोक्ताओं की मांग के अनुसार जरूरी बिजली की व्यवस्था नही कर पा रही है, ऊपर से प्रदेश के थर्मल प्लांटों के लिए पर्याप्त कोयला भी उपलब्ध नही हो पा रहा है। हरियाणा को अपने थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन करने के लिए हर रोज 15 रैक कोयला चाहिए जबकि केन्द्र सरकार से प्रदेश को केवल 10 रैक ही कोयला मिल रहा है। 

विद्रोही ने कहा कि इस तरह आवश्यकता से एक तिहाई कम कोयला आपूर्ति इस बिजली संकट को और बढ़ायेगा। यह हालत तो तब है जब हरियाणा अपने खेदड़, हिसार, यमुनानगर, पानीपत व झाड़ली थर्मल प्लांटों को उनकी क्षमता के अनुसार चलाने में असमर्थ है। हरियाणा के थर्मल प्लांट अपनी क्षमता से कही आधे से कम बिजलीे उत्पादन कर रहे है। प्रदेश में जान-बूझकर भाजपा सरकार बिजली उत्पादन क्षमता को विगत आठ सालों से सुनियोजित ढंग से गिरा रही हैे ताकि मोदी मित्रों की तिजौरियां भरने के लिए गौतम अडानी जैसे निजी बिजली उत्पादकों से महंगी बिजली खरीदकर उनकी तिजौरियां भरी जा सके। भाजपा खट्टर सरकार सत्ता मिलने के पहले ही दिन से हरियाणा के थर्मल प्लांटों को बंद करके उनकी क्षमता को गिरा रही है, साथ में उन्हे खराब भी रख रही है।

विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस ने 2014 में सत्ता छोडते समय जहां प्रदेश को बिजली में आत्मनिर्भर बनाकर सत्ता छोडी थी, उस क्षमता को आगे बढ़ाना ता दूर का सपना, भाजपा खट्टर सरकार उस बिजली उत्पादन क्षमता को बरकरार रखने में भी अक्षम रही है। अपने बिजली थर्मल प्लांटों की क्षमता को कमजोर करने व निजी बिजली उत्पादकों को लाभ पहुंचाने की भ्रष्टाचारी सोच के चलते आज हरियाणा में यह बिजली संकट पैदा हुआ है। जब-जब बिजली की मांग देशभर में बढ़ती है, निजी बिजली उत्पादक कम्पनियां अपने पुराने करारों के अनुसार बिजली सप्लाई नही करती और प्रदेश को महंगी बिजली खरीदने को बाध्य करती है। इस तरह महंगी बिजली खरीदकर प्रदेश के राजस्व को भाजपा खटटर सरकार भारी चूना व भ्रष्टाचार से संघीयो एवं मोदी मित्रों की तिजौरियां भर रही है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार की इस भ्रष्टाचारी सोच के चलते प्रदेश केे आमजन बिजली संकट से घिर गए है। 

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