राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की 73 वीं कोर्ट की बैठक।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 14 अप्रैल : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कोर्ट की 73 वीं बैठक हरियाणा के राज्यपाल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में ऑफलाइन व आनलाईन माध्यम से सम्पन्न हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षा, शोध, खेल सहित हर क्षेत्र में आगे है। विश्वविद्यालय के पास सशक्त एल्यूमनी है जो यूनिवर्सिटी के स्तर को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है। हमें इस परम्परा को आगे बढ़ाना है ताकि विश्वविद्यालय के एल्यूमनी विद्यार्थियों के सामने रोल मॉडल बन सकें।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हमें नई शिक्षा नीति का रोड मैप भविष्य के लिए तैयार होगा। हम सभी को मिलकर नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए आगे आना होगा तभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालय में हम इसे पूर्णतः लागू कर पाएंगे। कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने कुलपति सोमनाथ सचदेवा को बधाई देते हुए कहा कि कोरोना काल में विश्वविद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों ने विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षा व परीक्षाएं सफलतापूर्वक करवाई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में रिसर्च, पेटेंट, जर्नल सभी अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कौशल विकास की मांग है तथा विद्यार्थियों के शोध के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में ई-गवर्नेंस लागू होने से कार्य में पारदर्शिता आएगी व हर कार्य शीघ्रता से सम्पन्न होंगे। उन्होंने कुवि द्वारा शुरू किए गए ऑनलाइन कोर्सो की प्रशंसा भी की।

इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने विश्वविद्यालय कोर्ट की अध्यक्षता कर रहे हरियाणा के राज्यपाल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय का स्वागत करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक व गौरव का पल है कि कुलाधिपति विश्वविद्यालय कोर्ट की अध्यक्षता कर रहे हैं।

कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने विश्वविद्यालय कोर्ट की 73 वीं बैठक में विश्वविद्यालय के विजन को समक्ष रखते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों एवं आगामी योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय के निर्देशन व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विजन अनुसार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने में प्रदेश का अग्रणी विश्वविद्यालय बन चुका है। उन्होंने कहा कि 2022-23 के सत्र से कैम्पस के सभी यूजी कोर्स एनईपी के तहत संचालित किए गए हैं वहीं अगले सत्र से सभी पीजी पाठ्यक्रमों व संबंधित कॉलेजों के कोर्सिज को भी नई शिक्षा नीति 2020 के तहत संचालित किया जाएगा।

कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में केजी टू पीजी स्कीम को सबसे पहले लागू किया गया है।उन्होंने बताया कि बेसिक सर्टिफिकेट कोर्स इन जैपनीज लैंग्वेज में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दाखिला लेकर 100 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कक्षाएं लगाई हैं। कुवि कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय ने रिसर्च के क्षेत्र में सात बेस्ट रिसर्चर अवार्ड घोषित किए हैं तथा पेटेंट करने के कार्य भी सरल बनाया गया है।

इस बैठक में कार्यकारिणी परिषद की 265 वीं बैठक में पारित हुआ बजट भी पास किया गया तथा लोक सम्पर्क विभाग द्वारा तैयार की गई वार्षिक रिपोर्ट को भी पारित किया गया। सर्वसम्मति से कुवि के जूलोजी विभाग के अध्यक्ष व कोर्ट के सदस्य डॉ. दीपक राय बब्बर को एकेडमिक कौंसिल का सदस्य बनाने की अनुशंसा की गई। इस बैठक में विधायक निर्मल रानी, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. मंजूला चौधरी, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनिल वशिष्ठ सहित कोर्ट के सदस्य मौजूद थे।

हरियाणा के राज्यपाल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में स्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व अन्य अधिकारियों के साथ श्रद्धासुमन अर्पित किए।

इस मौके पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर 20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तकों में से एक रहे हैं। वे एक ओजस्वी लेखक व यशस्वी वक्ता थे। उन्होंने महात्मा बुद्ध, कबीर, संत रविदास और महात्मा ज्योतिबा फुले की परम्परा को आगे बढ़ाया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर का जीवन आज की युवा पीढ़ी के लिए आदर्श है। उन्होंने अपने जीवन में प्रतिकूल परिस्थितियां होने के बाद भी संघर्ष किया और वे दुनिया में अमर हो गए।

इस मौके पर कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. मंजूला चौधरी, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनिल वशिष्ठ, प्रो. सीसी त्रिपाठी, डॉ. सुरेश कुमार, प्रो. शुचिस्मिता, प्रो. सीआर जिलोवा, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक डॉ. ब्रजेश साहनी, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया, उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. चेतन शर्मा, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. प्रीतम सिंह, डॉ. हुकम सिंह व डॉ. अंकेश्वर प्रकाश सहित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

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