गुडग़ांव, 9 अप्रैल (अशोक): निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. डीएन भारद्वाज की अदालत ने निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा है कि उपभोक्ता पर बिजली निगम द्वारा लगाया गया बिजली चोरी का आरोप गलत है। बिजली निगम को आदेश दिए कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि एक लाख 63 हजार 795 रुपए 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से वापिस किए जाएं।

उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरस्वती कुंज सैक्टर 53 के रामपाल पर वर्ष 2017 की 25 जून को बिजली निगम ने आरोप लगाया था कि वह बिजली की लाईन से बिजली की परोक्ष रुप में चोरी कर रहा था और उस पर एक लाख 63 हजार 795 का जुर्माना भी लगा दिया था। जुर्माने का भुगतान उपभोक्ता ने नहीं किया था, जिस पर बिजली निगम ने उसका बिजली का कनेक्शन काट दिया था। बाद में उसने जुर्माने का भुगतान निगम को कर दिया था और
वर्ष 2017 की 15 जुलाई को बिजली निगम के खिलाफ अदालत में केस भी डाल दिया था। तत्कालीन अतिरिक्त सिविल जज अभिषेक फुटेला की अदालत में इस मामले कीसुनवाई हुई थी और उन्होंने बिजली निगम के पक्ष में फैसला दे दिया था।

उपभोक्ता ने इस फैसले को जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी। जिस पर अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता अब बिजली निगम पर ह्रासमेंट करने का केस भी डालने की तैयारी कर रहा है।
उपभोक्ता का कहना है कि उस पर बिजली चोरी का आरोप गलत लगाया गया था। जिसके कारण वह मानसिक रुप से परेशान रहा।

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