मुख्यमंत्री ने केजरीवाल और भगवंत मान से की मांफी की मांग, तो प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश भर में रोष प्रकट करने का ऐलान किया। -दोनों नेताओं ने कहा: आम आदमी पार्टी की संविधान विरोधी मानसिकता उजागर हांसी ,2 अप्रैल । मनमोहन शर्मा पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर हरियाणा में राजनीतिक पारा लगातार चढ़ता दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर और प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने तल्ख स्वर में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा विशेष सत्र बुलाकर पास किए गए प्रस्ताव को संघीय ढांचे पर प्रहार बताया है। इसके साथ ही ओमप्रकाश धनखड़ ने ऐलान किया कि पंजाब विधानसभा में पास प्रस्ताव का विरोध हरियाणा भाजपा द्वारा जिला स्तर किया जाएगा। आज चंडीगढ़ में संगठनात्मक बैठकों के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को लेकर पास किए गए प्रस्ताव पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने जो किया है वह निंदनीय है। लोकतंत्र की एक व्यवस्था होती है, लेकिन भगवंत मान सरकार ने एकतरफा कार्रवाई की है, वह निंदनीय है। इस तरह के फैसलों की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं। ऐसे कई मुद्दे हैं जिनका बातचीत से हल निकाला जाता है। आज तक एसवाईएल का मुद्दा बना हुआ है। जिसका हल पंजाब की तरफ से निकाला जाना चाहिए। पंजाब का हिंदी भाषी एरिया भी एक मुद्दा है, जो अभी तक हरियाणा को नही मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान को हरियाणा के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। मनोहरलाल ने मांग की कि अरविंद केजरीवाल इस पर निंदा प्रकट करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक तरफ पंजाब में हरियाणा के हिस्से का पानी रोकने की बात करते हैं तो दूसरी तरफ हरियाणा से दिल्ली के लिए पानी मांगते हैं, जिससे केजरीवाल का दोहरा रवैया स्पष्ट होता है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है, हरियाणा व पंजाब दोनों की राजधानी है। उपरोक्त प्रस्ताव के बहाने से, चंडीगढ़ पर अकेले पंजाब का हक़ जताने का निंदनीय प्रस्ताव पारित करना गैर वैधानिक हैं। चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी हक़ व सदैव रहेगा । धनखड़ ने कहा कि हरियाणा भारतीय जनता पार्टी पंजाब के हक़ मारने के प्रस्ताव की घोर निंदा करती है तथा सभी हरियाणा वासियों को अपने हक़ के लिये डट कर खड़ा होने का आह्वान करती हैं। धनखड़ ने कहा कि हरियाणा सरकार चंडीगढ़ पर हरियाणा के हक के लिये दृढ़ संकल्पबद्ध है। एसवाईएल पर भी अनेक झंझट व विभिन्न रुकावटों के बाद सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय हरियाणा के पक्ष में आ चुका है। अब केवल कैनाल का बनना शेष है। पंजाब की नई सरकार को तुरंत पंजाब क्षेत्र में एसवाईएल नहर का निर्माण कर हरियाणा के किसानों के हित का 19 लाख एकड़ फुट पानी देना चाहिए। धनखड़ ने कहा कि हरियाणा लगातार 40 लाख एकड़ फुट पानी घाटा सहन कर रहा है। हर हरियाणावासी व हरियाणा सरकार भी इस पानी को लाने के लिये हर स्तर पर लड़ने के लिये संकल्प बद्ध है। पंजाब के किसान संगठनों ने भी आंदोलन के समय हरियाणा के किसानों के हक़ का पानी दिए जाने के पक्ष में अभिव्यक्ति की थी। लेकिन आम आदमी पार्टी हरियाणा का हित नहीं चाहती, इसलिए पंजाब में सरकार बनते ही आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ को भी हरियाणा से छीनने की कोशिश में जुट गई है। ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी उक्त दोनों मुद्दों पर जन जागरण करेगी । Post navigation लैटिन अमेरिका देशों क्यूबा और चिली ने हरियाणा से बासमती चावल खरीदने में दिखाई रूचि हरियाणा सरकार ने सार्वजनिक स्थानों और कार्यस्थलों पर मास्क पहनने की अनिवार्यता को लिया वापिस- स्वास्थ्य मंत्री