भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत पर अधिवक्ता परिषद ने किया हवन

-जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश बंसल, न्यायाधीश व अधिवक्ताओं ने दी आहूति

नारनौल । अधिवक्ता परिषद की जिला इकाई ने अधिवक्ता परिषद के जिला अध्यक्ष मनीष वशिष्ठ एडवोकेट के संयोजन में भारतीय नव वर्ष के अवसर पर अधिवक्ता चैम्बर परिसर में हवन का अयोजन किया। हवन चैम्बर परिसर में स्थित श्री हनुमान मंदिर के समक्ष आयोजित किया गया। हवन में पूर्णाहुति जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश बंसल ने दी। हवन में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुधीर जीवन, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. अब्दुल माजिद, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमनदीप दीवान, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विरेन्द्र मलिक, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. अशोक कुमार, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी आर्या शर्मा, न्यायिक दण्डाधिकारी नेहा गोयल, न्यायिक दण्डाधिकारी अमनदीप, जिला बार एसोसिएशन के प्रधान यशवंत यादव एडवोकेट, अधिवक्ता चैम्बर सोसाईटी के प्रधान राकेश महता एडवोकेट भी उपस्थित रहे। हवन में नरेन्द्र सिंह आर्या एडवोकेट व धीरज कालरा एडवोकेट ने सपत्नीक हवन में आहूति दी।

अधिवक्ता परिषद, नारनौल इकाई के जिला अध्यक्ष मनीष वशिष्ठ एडवोकेट ने बताया कि विक्रम संवत 2079 आज चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन प्रारंभ हुआ है, इस अवसर पर अधिवक्ता परिषद ने अधिवक्ता चैम्बर परिसर में हवन का आयोजन करके नव वर्ष मनाया। हवन में हवनाचार्य पंडित महेन्द्र शास्त्री थे। प्रात: 8 बजे प्रारंभ हुए हवन को गणेश पूजा, नव ग्रह, षोडस मात्रिका व अग्रि देव की अराधना करते हुए वेद मंत्रोचार द्वारा सम्पन्न किया गया। हवन के पश्चात अधिवक्ताओं, न्यायिक कर्मचारी व आम जनता को पेडे व केले का प्रसाद वितरित किया गया।

भारतीय नव वर्ष के अवसर पर अधिवक्ता परिषद के जिला प्रधान मनीष वशिष्ठ ने कहा कि विक्रम संवत चक्रवर्ती सम्राट विक्रमाद्वित्य द्वारा प्रारंभ किया गया था। उन्होंने बताया कि 12 महीने का एक वर्ष तथा सप्ताह में 7 दिन रखने का चलन विक्रम संवत से ही प्रारंभ हुआ है। इसमें महीने का हिसाब सूर्य व चन्द्रमा की गति से लगाया जाता है। बारह राशियां 12 सौर मास हैं तथा पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा जिस नक्षत्र में प्रवेश करता है उसके अनुसार मास का नाम होता है। चन्द्रमा के चित्रा नक्षत्र में प्रवेश करने से चैत्र मास का नामकरण हुआ। प्रधान मनीष वशिष्ठ ने कहा कि चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को विक्रम संवत प्रारंभ होने के अलावा भी अनेकों महत्व हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि की रचना प्रारंभ की। भगवान राम का राज्यभिषेक, धर्मराज युधिष्ठिर का राजतिलक, नवरात्रों का प्रथम दिन, आर्य समाज की स्थापना, सिक्खों के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव का जन्म दिवस तथा सिंघ प्रांत के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार संत झूलेलाल भी इसी दिन प्रकट हुए थे।

इस अवसर पर प्रेम चन्द गुप्ता एडवोकेट, कृष्ण कुमार शर्मा, हेमंत कृष्ण शर्मा, बजरंग जांगड़ा, प्रमोद ताखर, मांगेराम सैनी, जयंत यादव, महेश दीक्षित, अनिल बवानिया, महावीर गुर्जर, आशुतौष शुक्ला, मनीष गुप्ता, गणेश राव, अनिल भारद्वाज, विकाश शर्मा, मोहित भारद्वाज, हर्षद शर्मा, कृष्ण शर्मा धोलेडा, रवि यादव सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे।

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