-कलेक्टर ने सम्मन में किया पांच अप्रैल को अंदल दंपति को तलब
-नगर परिषद ने माना था अंचल अस्पताल भवन निर्माण में अवैध कब्जा, एसडीएम कोर्ट में की थी अपील
-धर्मशाला की 604 वर्गगज भूमि पर कई सालों से कब्जा जमाए बैठने का भी देना होगा हर्जाना

भिवानी, 01 अप्रैल। दिनोद गेट स्थित अंचल नर्सिंग होम भवन निर्माण की भूमि पर नगर परिषद ने भी अपना दावा किया है। इस दावे के अनुरूप नगर परिषद भिवानी के एसडीएम कोर्ट में डाले गए केस में कलेक्टर भिवानी ने सम्मन जारी किया है। ये सम्मन डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल को जारी किया है। सम्मन में दोनों को कलेक्टर भिवानी ने पांच अप्रैल को तलब किया है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने मामले की शिकायत जिला उपायुक्त को की थी। जिसमें भिवानी के राजस्व विभाग की पैमाइश रिपोर्ट का हवाला देते हुए अंचल नर्सिंग होम भवन निर्माण में 604 वर्ग गज जगह पर अवैध कब्जा दर्शाया गया था। इसी मामले में नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने भिवानी एसडीएम कोर्ट में अपील भी की थी। नगर परिषद अधिकारियों ने इस भूमि को शामलात भूमि माना और इस पर अवैध रूप से बने अंचल नर्सिंग होम को खाली कराने व निर्माण हटाने के लिए भिवानी एसडीएम कोर्ट में अपील कर दी। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने एसडीएम कोर्ट में की अपील के अंदर स्पष्ट तौर पर कहा था कि अंचल नर्सिंग होम धर्मशाला की भूमि पर बना हैं, जिसे कब्जा व निर्माण हटवाकर खाली कराने के लिए कई बार नोटिस भी दिया गया था, लेकिन फिर भी अवैध कब्जा व निर्माण नहीं हटा रहा है। इसीलिए भिवानी एसडीएम कोर्ट की शरण ली गई। 

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि इस मामले में उन्होंने अपनी शिकायत का हवाला देते हुए एडीएम कोर्ट में नगर परिषद द्वारा डाले गए केस में भी तुरंत प्रभाव से संज्ञान लिए जाने की गुहार गाई। इस मामले में अब कलेक्टर भिवानी ने अंचल नर्सिंग होम के संचाक डॉ विनोद अंचल व डॉ अनीता अंचल को सम्मन जारी कर पांच अप्रैल को तलब किया है। 

तहसीलदार की पैमाइश में ये हैं धर्मशाला की भूमि पर कब्जाधारी

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि संगठन की ओर से भिवानी तहसीलदार के समक्ष धर्मशाला की कुल भूमि की पैमाइश कराए जाने की मांग की थी। जिस पर भिवानी तहसीलदार ने सेवानिवृत्त गिरदावर व पटवारी की एक कमेटी का गठन किया। इस कमेटी द्वारा धर्मशाला भूमि की डीजीपीएस मशीन की सहायता से पैमाइश कराई गई। जिसके बाद कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार खानदान कालोकिया धर्मशाला की भूमि पर रवि पुत्र श्रीभगवान ने 111 वर्ग गज भूमि पर अवैध कब्जा दर्शाया है। जबकि राजेंद्र प्रजापति ने 24 वर्गगज भूमि कब्जाई हुई है। अंचल नर्सिंग होम भवन बनाने के लिए 604 वर्गगज धर्मशाला की भूमि पर अवैध कब्जा सामने आया है।  बिरजू देवसरिया 137 वर्गगज पर अवैध कब्जा किया हुआ है। इस तरह ये सभी कब्जाधारी धर्मशाला की कुल 875 वर्गगज भूमि पर कई सालों से अवैध कब्जा जमाए बैठे हैं। जिन्हें अब खाली कराने की कवायद शुरू हो चुकी है। राजस्व विभाग की पैमाइश की संगठन ने प्रमाणित रिपोर्ट भी तहसील कार्यालय से प्राप्त कर ली है।

 ऐसे किया फर्जीवाड़ा

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि असियान पाना की कालोकिया धर्मशाला की भूमि पर अवैध कब्जा जमाने वालों ने धोखाधड़ी से 22 सितंबर 1997 में रजिस्ट्री कराई थी। पवन अंचल और उसकी पत्नी सरिता अंचल के नाम से साजबाज होकर अंचल बंधुओं ने रजिस्ट्री कराई थी। इसमें 400 वर्गगज की रजिस्ट्री पवन अंचल व 27 वर्गगज की रजिस्ट्री पत्नी सरिता अंचल के नाम से कराई गई थी। जबकि 1860  से लेकर 2000 तक राजस्व विभाग व नगर परिषद रिकार्ड में ये भूमि धर्मशाला के नाम से चली आ रही है। मगर नगर परिषद अधिकारियों से साजबाज होकर 2001 में इसकी फर्जीवाड़ा कर अलग अलग यूनिट बना दी और इनमें फर्जी असेसमेंट के आधार पर 10 से 12 रजिस्ट्रियां भी धोखाधड़ी से करा दी गई। 16 जून 2014 को सरिता अंचल ने अपने नाम रजिस्ट्री आंखों में धूल झोंकने के लिए अपने पति पवन अंचल के नाम करा दी। फिर 16 जून 2014 को ही 400 वर्गगज की रजिस्ट्री पवन अंचल ने अपने भाई विनोद अंचल के नाम ब्लड गू्रप में करा दी।

2015 में 250 वर्गगज की रजिस्ट्री धर्मशाला को हथियाने के लिए फर्जी तरीके से कराई गई। धर्मशाला की जगह पर अवैध कब्जा करते हुए 2017 में अधिकारियों से मिलीभगत कर शोरूम का नक्शा पास कराया और फिर शोरूम के नक्शे पर ही अवैध रूप से अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम का अवैध भवन की बुनियाद खड़ी कर डाली। अंचल नर्सिंग होम की अस्पताल के नाम से किसी भी संबंधित विभाग से भी कोई एनओसी नहीं ली गई। भिवानी नगर परिषद की भवन ऊंचाई की अनुमति 48 फूट की है, जबकि अवैध रूप से अंचल नर्सिंग होम की ऊंचाई 66 फूट तक गलत तरीके से बढ़ाई गई है। सरकार को चूना लगाते हुए लोगों को गुमराह कर आंखों में धूल झेंकने के लिए कई बार ये रजिस्ट्री ब्लड ग्रूप में ही एक दूसरे के नाम होती रही। जिससे ये साबित किया जा सके कि ये जमीन कई बार बिक चुकी है। जबकि राजस्व विभाग के रिकार्ड में आज भी ये खसरा नंबर 504 धर्मशाला कालोकिया खानदान आसियान पाना के नाम से दर्ज है। 

error: Content is protected !!