तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए किसानों ने दिल्ली के बॉर्डर्स पर साल भर से ज्यादा समय आंदोलन चलाया था. अंत में पीएम मोदी की अपील के बाद आंदोलन को कुछ शर्तों के साथ स्थगित किया गया.

भिवानी. तीनों कृषि कानूनों को लेकर साल भर से ज्यादा समय तक धरना प्रदर्शन करने वाले किसान एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं. इस बार किसान सरकार द्वारा किए गए वादे पूरा नहीं करने से नाराज हैं. इसे लेकर भारतीय किसान यूनियन ने प्रदेश में प्रदर्शन किया. किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ग्रुप ने प्रदेश भर में जिला स्तर पर अपना विरोध जताया. उन्होंने  केस वापसी, फसलों का मुआवजा व महंगाई का मुद्दा उठाया. साथ ही मांग पूरी करने के लिए डीसी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा. उन्होंने कहा कि वादे के बाद भी केंद्र सरकार केस वापस नहीं ले रही है.  प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार से दो टूक कहा कि मांग पूरी नहीं हुई तो फिर होगा राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन.

बता दें कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए किसानों ने दिल्ली के बॉर्डर्स पर साल भर से ज्यादा समय आंदोलन चलाया था. अंत में पीएम मोदी की अपील के बाद आंदोलन को कुछ शर्तों के साथ स्थगित किया गया. लेकिन अब उन शर्तों यानि वादे को अब तक पूरा नहीं होने पर किसान नेताओं में रोष है. इसी रोष के चलते किसान नेता गुरनाम चढूनी ग्रुप ने भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले प्रदेश भर में जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया.

विरोध प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे
भिवानी में सड़कों पर उतरे भाकियू नेता विरोध प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंच. यहां सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की और डीसी के माध्यम से सीएम मनोहर लाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया.  भाकियू के जिला अध्यक्ष राकेश आर्य ने कहा कि आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमा वापस लेने की सहमति बनी थी पर अब तक केन्द्र सरकार ने केस वापस नहीं लिया. वहीं बर्बाद फसलों का मुआवजा नहीं मिला है. इसके साथ ही उन्होंने निमजीवाली गांव में बिजली के टॉवर बिना मुआवजा दिये लगाने का भी विरोध किया. वहीं युवा किसान प्रवीण बुरा ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि साल 2022 में किसानों की आय दो गुणा होगी लेकिन इसके उलट सरकार ने खाद, बिजली के दाम बढ़ा कर 134a को खत्म कर दिया जो सही नहीं है.

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