विज़न डॉक्युमेंट बनाने को लेकर की चर्चा कहा, कार्यों की प्राथमिकताएँ तय कर समय सीमा निर्धारित करें, समयबद्ध तरीक़े से करवायें प्रोजेक्ट पूरे
प्रोजेक्ट लागू करने में ना हो विलम्ब

गुरुग्राम, 26 मार्च । हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने शनिवार को गुरुग्राम पहुंचकर गुरुग्राम मंडल के अंतर्गत पड़ने वाले जिलों के उपायुक्तों के साथ उनके जिला का विजन डॉक्युमेंट बनाने को लेकर बैठक की जिसमें उन्होंने कहा कि यह विजन डॉक्युमेंट ऐसा हो जिसमें आप अपने जिला में करवाए जा सकने वाले कार्यों की प्राथमिकता तय करते हुए सूची बनाएं । इसमें लघु अवधि से लेकर दीर्घ अवधि तक पूरे होने वाले कार्य शामिल हों। कुछ कार्य जो 3 महीने में हो सकते हैं, तो कुछ कार्य 6 महीने की अवधि में और कुछ कार्य एक साल में या उससे ज्यादा समय में पूरे करवाए जा सकते हों। श्री कौशल ने कहा कि परियोजनाओं को प्लान करते समय हर पड़ाव या स्तर की उदारता से समय सीमा निर्धारित करें परंतु उस प्लान को लागू करते समय निर्धारित की गई समय सीमा का दृढ़ता से पालन करें ताकि प्रोजेक्ट निर्धारित समय अवधि में पूरा हो और उसमें किसी प्रकार की अनावश्यक देरी ना हो।

यह बैठक गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह के सभागार में आयोजित की गई थी। बैठक में अपने अनुभव सांझा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि विजन डॉक्युमेंट तैयार करने का विचार उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से आया, जब वे राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मुख्य सचिवों को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि डीसी के पद पर रहते हुए आप पूरा दिन व्यस्त रहते हैं, लेकिन उन तमाम व्यस्तताओं के बावजूद भी आप को अपने जिला में कुछ ऐसा करना है जिसे यहां से जाने के बाद आप याद करके अपने ऊपर गर्व महसूस कर सकें कि मैं यहां काम करते हुए यह अच्छा बदलाव ला पाया। उन्होंने कहा कि अपनी प्राथमिकता तय करते समय एक चीज का जरुर ध्यान रखें कि आपके जिला में किस चीज की जरुरत है अर्थात आपका जिला कौन से पैरामीटर में पीछे है और आप क्या करना चाहोगे कि उसमें भी आपका जिला आगे आए। उन्होंने कहा कि आप बड़ा सोचें, उसको प्लान करें और लागू करें। हर स्तर के लिए समय सीमा निर्धारित करें और ध्यान रखें कि प्रोजेक्ट में कहीं भी विलंब ना हो। उन्होंने कहा कि जब आपका उस जिला से तबादला हो तो अपने उत्तराधिकारी को हैडिंग ओवर नोट देकर जाएं कि ये कार्य प्रगति पर हैं और मैंने इनके लिए यह समय सीमा निर्धारित की हुई है। उन्होंने कहा कि लोगों को भी पता होता है कि आप अच्छा काम कर रहे थे, तो आप इस प्रकार एक विरासत छोड़ जाते हैं।

मुख्य सचिव ने उपायुक्तोंं को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के तौर तरीके भी बताए और कहा कि किसी भी प्रोजेक्ट को लागू करते समय आप अपनी मैथोडोलॉजी या क्रियाविधि विकसित कर सकते हैं। आज के दिन हर चीज के लिए सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं, पावरफुल टेक्नोलॉजी आपके पास है। इसके अलावा, कोविड काल में हमने टेक्नोलॉजी के पावरफुल टूल ‘वीडियो कांफ्रेंस’ को जाना, हालांकि यह पहले भी उपलब्ध था, पर इतना इस्तेमाल नहीं हुआ था। अब आपको किसी से भी बैठक करने के लिए उसके पास जाने की जरुरत नहीं है, आप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठ कर सकते हैं। इससे आपका समय बचेगा। मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि सरकारी सेक्टर में भी आपके पास बेस्ट ब्रेंस हैं अर्थात विभिन्न विषयों के अच्छे विशेषज्ञ हैं, उनकी विद्वता का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि आज की बैठक का मूल उद्देश्य आपकी विचार प्रक्रिया को केंद्रित करना था।

बैठक में गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव, अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, रेवाड़ी के डीसी यशेंद्र सिंह, महेंद्रगढ़ के डीसी श्याम लाल पूनिया, फरीदाबाद स्मार्ट सिटी की सीईओ गरिमा मित्तल ने अपनी प्राथमिकताओं का उल्लेख किया, जिन पर मुख्य सचिव ने अपने सुझाव भी दिए। इस अवसर पर चीफ प्रोटोकॉल ऑफिसर वत्सल वशिष्ठ, जीएमडीए से सुभाष यादव, प्रदीप कुमार, राजेश बंसल, एनडी वशिष्ठ सहित कई वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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