-कमलेश भारतीय

बडबोले बोल बोलकर हमेशा विवाद में रहने वाली कंगना रानौत ने एक मानहानि के केस में कोर्ट में पेशी पर स्थायी छूट मांगी तो कोर्ट ने याद दिलाया कि भले ही मशहूर हो लेकिन कानून से ऊपर नहीं हो आप । आप यह याद रखें कि एक केस में आरोपी हैं और पेशी से आपको स्थायी छूट नहीं दी जा सकती ।

याद रहे कि प्रसिद्ध संवाद लेखक व फिल्मी गीतकार जावेद अख्तर ने कंगना रानौत पर मानहानि का केस दायर कर रखा है । इसी केस से अपनी फिल्मी व्यस्तताओं का हवाला देते हुए कंगना ने कोर्ट में पेशी से स्थायी छूट देने की अर्जी लगाई थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया । मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आर आर खान ने यहां तक कहा कि आरोपी इस मामले की सुनवाई के लिए अपनी शर्तें तय कर रही हैं । आरोपी अधिकार के रूप में स्थायी छूट का दावा नहीं कर सकता । आरोपी को जमानत बांड के नियमों व शर्तों का पालन करना होगा ।

उल्लेखनीय है कि जावेद अख्तर ने नबम्बर , 2020 में कंगना रानौत द्वारा एक टीवी साक्षात्कार में उनके खिलाफ मानहानिकारक बयान देने का आरोप लगाया था जिससे उनकी प्रतिष्ठा कथित रूप से धूमिल हुई थी ।

कंगना रानौत का यह पहला मामला नहीं है । कंगना को अपने बड़बोलेपन से अनेक बार विवादों में फंसते देखा गया है लेकिन कंगना है कि मानती नहीं । फिर कुछ नये से नया कह जाती है । अब आप सब जानते हैं कि पद्मश्री मिलने के तुरंत बाद जो पहला इंटरव्यू दिया उसमें कह दिया कि महात्मा गांधी को आजादी भीख में दे गये थे अंग्रेज । असली आजादी तो सन् 2014 में आई । इस तरह बुरी तरह विवाद में घिर गयी थी कंगना । यही नहीं किसान आंदोलन पर टिप्पणी की तो मनाली से चंडीगढ़ लौटते समय इनका घेराव कर लिया गया और माफी मांग कर चंडीगढ़ पहुंच कर बोलीं कि कोई माफी नहीं मांगी मैंने । ऐसी फितरत है कंगना की ।

इससे भी पहले मुम्बई की शिवसेना सरकार से भिड़ गयी थीं कंगना और क्या फिल्मी संवाद कि आज मेरा घर तोड़ा है , कल तुम्हारा घमंड भी टूटेगा । कंगना रानौत ने अनेक फिल्मों में नि:संदेह बेहतरीन अभिनय किया । कुछ बोल्ड किस्म के किरदार भी निभाये तो झांसी की रानी भी बनीं । फिर भी बिना विवाद के जैसे कंगना रह नहीं पातीं । माना कि एक युवती को जिसका फिल्मी दुनिया में कोई गाॅडफादर नहीं था , बहुत से करण जौहर जैसे लोग ईर्ष्या करते दिख जाते हैं और कंगना खुलेआम भिड़ंत करती है । यह इनका एक बढ़िया पहलू है लेकिन महात्मा गांधी तक भीख की बात करने से तो छवि और समझ धूमिल ही होती है । इसमें कोई शक नहीं । अब जावेद अख्तर के मामले में भी ऐसा ही कुछ हुआ होगा कि कोर्ट में चक्कर लगाने पड़ रहे हैं । यदि पहले ही थोड़ा बोलने पर नियंत्रण रखें तो स्थायी छूट वैसे न मिल जाये कोर्ट कचहरी से ?

मजेदार बात कि जो रुख कंगना ने ऋतिक रोशन के साथ दिखाया वह भी चर्चा में रहा लेकिन वह बहुत बढ़िया और साहसी कदम था । ऐसे ही ड्रग्स सेवन को लेकर व अपने शोषण को लेकर खुलेआम बातें कहीं जो कंगना को चर्चा में रखती आईं लेकिन आपको किसी की मानहानि का हक तो नही न कंगना जी । तो थोड़ा तो मोल के बोल बोलिए न ।
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

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