माजरा एम्स : मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, भाजपा सरकार व प्रशासन चाहता क्या है ? विद्रोही

किसान जब जमीन देने को तैयार है और सरकार जमीन लेने को तैयार है, फिर भी जमीन को लेने का काम विगत छह माह से क्यों लटका पडा है? विद्रोही
एम्स निर्माण का पहला कदम उठाने में ही इतनी अनावश्यक देरी क्यों? विद्रोही
सरकार स्पष्ट क्यों नही बताती कि माजरा के किसानों की जमीन लेने व सम्बन्धित किसानों को जमीन का तय मुआवजा देने में आखिर अडचन क्या है? विद्रोही

20 मार्च 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से सवाल किया कि अक्टूबर 2021 को चंडीगढ में उनके द्वारा आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में माजरा में एम्स निर्माण का फैसला करने व किसानों-सरकार के बीच बनी सहमति के आधार पर एम्स के लिए प्रस्तावित जमीन का अधिग्रहण करने कथित मुआवजा राशी रिलीज करने के बाद भी आज तक माजरा के किसानों को जमीन क्यों नही अधिग्रहित की गई? विद्रोही ने पूछा कि छह माह पूर्व चंडीगढ़ की कथित उच्च स्तरीय बैठक के बाद भी एम्स के लिए माजरा के किसानों द्वारा दी जा रही जमीन को एम्स के नाम से रजिस्ट्रीया करवाकर किसानों को आपसी सहमति से जमीन मुआवजा देने का काम क्यों नही शुरू किया? किसान जब जमीन देने को तैयार है और सरकार जमीन लेने को तैयार है, फिर भी जमीन को लेने का काम विगत छह माह से क्यों लटका पडा है? भाजपा सरकार मनेठी-माजरा एम्स निर्माण का पहला कदम उठाने में भी कछुआ गति से क्यों काम कर रही है? सरकार स्पष्ट क्यों नही बताती कि माजरा के किसानों की जमीन लेने व सम्बन्धित किसानों को जमीन का तय मुआवजा देने में आखिर अडचन क्या है? 

विद्रोही ने आरोप लगाया कि मनेठी माजरा एम्स निर्माण को जिस तरह प्रक्रिया पूरी करने के नाम पर लटकाया जा रहा है, वह भाजपा सरकार की नीयत पर सवाल खडे करता है। मेरी निजी जानकारी अनुसार अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने भी एम्स निर्माण के लिए माजरा की प्रस्तावित जमीन के लिए एलओआई-इच्छापत्र देने में देरी क्यों लग रही है? वहीं विद्रोही ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार भाजपा सरकार को किसानों की जमीन लेने के लिए माजरा पंचायत की जो जमीन किसानों को देती है, उस जमीन का स्थानातंरण भी पंचायत विभाग ने अभी तक नही किया है। माजरा गांव की पंचायत की जमीन को हरियाणा सरकार के नाम पर स्थानातंरण करने में अनावश्यक देरी क्यों हो रही  है। वहीं एक ओर सरकार के मंत्री-संतरी आये दिन अखबारों में दावा करते है कि एम्स के लिए माजरा की जमीन किसानों से खरीदने के लिए सरकार द्वारा रिलीज 81 करोड़ रूपये का फंड प्रशासन के पास आ चुका है। जब जमीन अधिग्रहित करने के लिए मुआवजा रेवाडी प्रशासन के पास का चुका है तो उक्त जमीन का मुआवजा माजरा के सम्बन्धित किसानों को देकर जमीन की रजिस्ट्री एम्स के नाम पर अभी तक शुरू क्यों नही की? 

विद्रोही ने कहा कि जब माजरा के किसानों की सहमति के बाद भी जमीन की रजिस्ट्री एम्स के नाम पर करवाने में ऐसी कछुआ गति प्रशासन अपना रहा है तो भाजपा सरकार की नीयत पर सवाल तो उठेंगे ही? आखिर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, भाजपा सरकार व प्रशासन चाहता क्या है? उनकी मंशा क्या है? एम्स निर्माण का पहला कदम उठाने में ही इतनी अनावश्यक देरी क्यों? विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से आग्रह किया कि वे स्वयं मेरे उक्त सवालों का जवाब दे ताकि दक्षिणी हरियाणा-अहीरवाल के आमजन जान सेक कि मनेठी माजरा एम्स निर्माण के प्रति देरी क्यों हो रही है और भाजपा सरकार की इस संदर्भ में मंशा क्या है? 

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