-दामाद की मौत के बाद दोयता की आंखों का ऑपरेशन करवाने के लिए आर्थिक सहायता के लिए मंत्री से मिला था बच्चे का नाना-मंत्री ने एम्स अस्पताल दिल्ली अपने खर्चे पर करवाया लवकेश का ऑपरेशन, परिजनों का नहीं है कोई खुशी का ठिकाना भारत सारथी/ कौशिक नारनौल,19मार्च। गांव पालड़ी पनिहारा से एक बुजुर्ग देवदत्त सितम्बर-2021 में मंत्री ओमप्रकाश यादव से नारनौल कैंप कार्यालय में मिला। देवदत्त ने मंत्री से कहा कि बेटी नीतू के पति देवास निवासी राजकुमार का सड़क दुर्धटना में देहांत हो चुका है। यह विधवा बेटी ससुराल में कोई सहारा न होने की वजह से इन दिनों मायका में मेरे पास ही रहती है। बेटी नीतू की संतान यानि मेरा दोहता लवकेश को जन्मजात दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता। छोटा बच्चा होने की वजह से किसी अनहोनी के डर से उसके पास 24 घंटे किसी ना किसी को रहना पड़ता है। वह अक्सर कहता है, नानू मैं भी कभी किताब पढ़ पाउंगा। इस दुनिया को देख पाउंगा। इस नौ साल की दोयते के यह शब्द रोजाना 24 घंटे कानों में गुंजते है और आंखे भर आती है। देवदत्त की यह बात सुन भावुक हुए मंत्री ओमप्रकाश यादव ने वायदा किया कि जो प्रयास वह कर सकते है, करेंगे। देश के अच्छे से अच्छे अस्पताल में बच्चे की आंखों का ऑपरेशन करवाएंगे ऑपरेशन के लिए जो धन राशि लगेगी उसको वे वहन करेगे बाकी भगवान की मर्जी है। यह आश्वासन देकर देवदत्त को मंत्री ने वापस घर भेज दिया। इसके बाद मंत्री का काम शुरू हुआ। स्टाफ को निर्देश देकर ऑपरेशन से जुड़े बच्चे के कागजात मंगवाने के लिए कहा। कागजात आने के बाद चिकित्सकों से रायशुमारी हुई और फिर दिल्ली के एम्स अस्पताल में बच्चे का ऑपरेशन करवाया। ऑपरेशन के बाद बच्चे को दिखाई देने लगा। समय बीता तो रोजमर्रा की तरह फरियादियों के दुख दर्द में जुट गए। अब शुक्रवार शाम को इसी गांव पालड़ी पनिहारा में मेला कार्यक्रम था कार्यक्रम में मंत्री ओम प्रकाश यादव को भी जाना था गांव का नाम सामने आते ही मंत्री को ध्यान आया कि देवदत्त की दोयते का हाल कैसा है? कार्यक्रम के बाद वहां मौजूद लोगों से मंत्री ने देवदत्त के घर जाने की इच्छा जताई। देवदत्त के घर पहुंचने पर लोगों ने मंत्री के बारे में बताया। फिर मंत्री बच्चे लवकेश से मिले और पूछा…बेटा अब आपकी आंखें कैसी है? देवदत्त व उसकी बेटी नीतू ने नन्हीं बच्चे के कानों में धीरे से बताया कि यह वहीं है जिन्होंने आपका ऑपरेशन करवाया। यह सुनकर बच्चे की आंखों में चमक आ गई और बोला…थैंक्यू मंत्री जी। आपकी वजह से वह यह दुनिया देख पाया है। किताबें भी पढ़ता है। अब इन किताओं को पढ़कर वह भी आपकी जैसा बड़ी नेता बनेगी। यह सुनकर मंत्री जी भी भावुक हो गए और उस बच्चे को गले लगा लिया। इस दौरान देवदत्त व उनके परिजनों ने मंत्री का आभार जताया और कहा कि यह पल उनके जीवन का अहम यादगार पल रहेगा। मंत्री ओमप्रकाश यादव द्वारा किए गए सराहनीय कार्य की महेंद्रगढ़ जिले में सब जगह प्रशंसा हो रही है उल्लेखनीय है कि मंत्री ओम प्रकाश यादव की छवि महेंद्रगढ़ जिले के साथ-साथ पूरे प्रदेश में एक पंचायती नेता की है। Post navigation अपनी संस्कृति की स्वर लहरियों से सराबोर रहा होली महोत्सव नारनौल कैंटीन में अप्रैल माह से शुरु होगी ऑनलाइन टोकन बुकिंग सुविधा : मेजर शिव कुमार