कोरोना के बाद श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचेंगे माता के दर्शन करने

गुडग़ांव, 19 मार्च (अशोक): गुडग़ांव में माता शीतला का भव्य मंदिर है। माता शीतला की देश-विदेश में बड़ी मान्यता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी कराने के लिए माता के दर्शन करने के लिए आते रहे हैं। वर्ष में 2 बार मेला भी लगाया जाता है। कोरोना काल में इस प्रकार के आयोजनों को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब कोरोना की स्थिति सामान्य हो
जाने के कारण अब ये आयोजन भी शुरु हो गए हैं।

आगामी 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्र भी शुरु हो रहे हैं। शीतला माता श्राईन बोर्ड ने चेत्र नवरात्रों पर मेले का आयोजन भी शनिवार से शुरु कर दिया है। दूर-दराज के प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए श्राईन बोर्ड प्रबंधन ने पूरी व्यवस्था कर ली है। मंदिर के अधिकारी यज्ञदत शर्मा का कहना है कि परिसर के अधिकांश हिस्से में नए मंदिर का निर्माण चल रहा है। इसलिए केवल रैंप के सहारे श्रद्धालु पंक्तियों में माता शीतला के दर्शन कर सकेंगे। चैत्र मेला शनिवार से आगामी 16 अप्रेल तक चलेगा। श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए चौबीसों घंटे मंदिर को खुले रखने की व्यवस्था की गई है। उनका मानना है कि कोरोना महामारी के बाद चैत्र मेले में श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक होगी, ऐसी संभावनाएं हैं।

कोरोना काल में श्रद्धालुओं को माता के दर्शन करने की छूट तो अवश्य दी गई थी, लेकिन वे प्रसाद नहीं चढ़ा सकते थे। कोरोना का प्रभाव कम होने के कारण अब श्रद्धालु प्रसाद भी चढ़ा सकेंगे और मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठान भी हो सकेंगे। उनका ये भी कहना है कि मेले में प्रबंध के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और होमगार्ड के जवानों की सेवाएं भी ली जा रही हैं। श्रद्धालुओं को स्वच्छ पेयजल मिल सके, इसकी भी व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य सेवाएं भी श्रद्धालुओं को मिल सकेंगी। एंबूलैंस व चिकित्सक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात रहेंगे।

बताया जाता है कि शीतला माता की प्रतिमा को मंदिर के जीर्णोद्धार के कारण वर्तमान में सत्संग हॉल में रखा गया है। वहीं पर
श्रद्धालु कतारों में लगकर माता के दर्शन करते हैं। माता शीतला का यह मंदिर महाभारत कालीन बताया जाता है। माता शीतला को कृपाचार्य की पत्नी कृपि का रुप बताया जाता है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के कार्यकाल में इस मंदिर का सरकार ने अधिग्रहण कर लिया था। मुख्यमंत्री भी इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। नए मंदिर का निर्माण करोड़ों रुपए खर्च
किया जा रहा है।

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