मुख्यमंत्री की नाक के नीचे हर सप्ताह करोड़ रूपये की वसूली का खेल तो पूरे हरियाणा में आलम क्या होगा ! विद्रोही

जब एक अदना सा डीटीपी मुख्यमंत्री के खुद के निर्वाचन क्षेत्र में ठीक उनकी नाक के नीचे हर सप्ताह एक करोड़ रूपये की अवैध वसूली करना हो तो सहज अनुमान लगा ले कि पूरे हरियाणा में अफसरशाही हर सप्ताह कितने अरबों रूपये की वसूली सुनियोजित ढंग से करती होगी। विद्रोही

13 मार्च 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही आरोप लगाया कि जब मुख्यमंत्री के खुद के निर्वाचन क्षेत्र करनाल में खट्टर जी की नाक के नीचे एक अदना सा डीटीपी अवैध कालोनी व अवैध मकानों पर हर सप्ताह एक करोड़ रूपये की वसूली का खेल खेल रहा हो तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि पूरे हरियाणा में अवैध वसूली व भ्रष्टाचार का आलम क्या होगा व अफसरशाही किस तरह अवैध वसूली व भ्रष्टाचार को अंजाम दे रही है।

विद्रोही ने कहा कि उन्होंने सार्वजनिक बयान देकर कई बार आरोप लगाया था कि हरियाणा में सत्तारूढ़ संघीयों के सरंक्षण में अवैध कालोनियां काटने व बिल्डरों के साथ मिलकर ना केवल वन व पहाडी क्षेत्र अपितु सरकारी जमीन भी सुनियोजित तरीके से हडपी जा रही है। अवैध कालोनिया काटकर सत्तारूढ़ संघी व अफसरशाही मिलकर अरबों रूपये के वारे-न्यारे कर रही है, पर न तो मीडिया और न ही भाजपा खट्टर सरकार ने मेरी व मेरे जैसे अन्य लोगों की उठाई इस चिंता पर कान धरा। अब सत्तारूढ़ नेताओं के खासमखास लोगों से रिश्वत लेने के बाद आखिरकार अवैध उगाही के नाम पर करनाल डीपीटी धरा गया और उसकी गिरफ्तारी के बाद बहुत से राज सामने आ रहे है।

विद्रोही ने सवाल किया कि जब मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को अपने खुद के निर्वाचन क्षेत्र करनाल में अवैध कालोनियों व अवैध मकानों के नाम पर एक डीपीटी द्वारा हर सप्ताह की जा रही एक करोड़ रूपये की अवैध वसूली की गंध नही मिली तो इसके दो ही अर्थ है कि क्या तो खट्टर जी एक नकारा मुख्यमंत्री है या फिर सबकुछ उनकी जानकारी में होने के बाद भी अज्ञात कारणों, स्वार्थो के कारण उन्होंने आंखे मंूदना ही उचित समझा। और जब स्थिति बेकाबू हो गई तो मजबूरी में कार्रवाई करनी पड़ी, जिस तरह सरकारी भर्तीयों की जोब ऑन सेल कांड में कार्रवाई करनी पडी थी।

विद्रोही ने कहा कि चाहे मुख्यमंत्री नकारा हो या भ्रष्टाचार में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लिप्त हो, दोनो ही स्थितियां प्रदेश के लिए चिंताजनक है। जब एक अदना सा डीटीपी मुख्यमंत्री के खुद के निर्वाचन क्षेत्र में ठीक उनकी नाक के नीचे हर सप्ताह एक करोड़ रूपये की अवैध वसूली करना हो तो सहज अनुमान लगा ले कि पूरे हरियाणा में अफसरशाही हर सप्ताह कितने अरबों रूपये की वसूली सुनियोजित ढंग से करती होगी। मेरा तो विगत पांच सालों से लगातार आरोप रहा है कि संघी उच्च स्तर की मलाईदार पोस्टों की खुली बोली लगाकर ट्रांसफर व पोस्टिंग के नाम पर अरबों रूपये का उद्योग चला रहे है जिसे कोई अंधा भी हर रोज ताश की पत्तों की तरह फेंटी जा रही आईएएस, आईपीएस, एचसीएस व प्रथम श्रेणी की ट्रांसफर व पोस्टिंग में देख सकता है। विद्रोही ने कहा कि प्रदेश को संघी सुनियोजित ढंग से लूट रहे है तभी तो सात साल पूर्व जो संघी भूखेे, नंगे व फटेहाल थे, आज वे मालामाल हो गए, जिसे कोई भी आमजन अपने शहर, कस्बे व गांव में महसूस कर सकता है।

जिस तरह सात सालों में भाजपा-संघ की तिजौरियां रातो-रात लबालब भरी है, भाजपा-संघ की पूरे हरियाणा के हर शहर में आलिशान कार्यालय खड़े हुए है, उनके लिए आसमान से तो दौलत आने से रही। साफ है कि यह सारी दौलत सत्ता भ्रष्टाचार से आई है। विद्रोही ने मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि यदि वे सच्चे-सुच्चे व ईमानदार है तो हरियाणा के भाजपाई-संधीयों, सांसदों, विधायकों, नेताओं, प्रदेश के आईएएस, आईपीएस, एचसीएस व प्रथम श्रेणी के अधिकारियों व उनके परिवार वालों की विगत सात साल में अर्जित चल-अचल सम्पत्ति की जांच पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में एक विशेष जांच दल से करवा ले तो पता चल जायेगा कि खट्टर राज में संघीयों ने सत्ता दुरूपयोग से कितने भारी पैमाने पर लूट की है। 

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