सोनभद्र के एसडीएम भी निलंबित व बरेली के एसडीम का तबादला भारत सारथी लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना से पहले वाराणसी में ईवीएम को लेकर हुए बवाल के बाद बुधवार को निर्वाचन आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। ईवीएम के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए वाराणसी एडीएम आपूर्ति नलिनी कांत सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही गुरुवार को मतगणना स्थल पर भी उनके जाने पर रोक लगा दी गई है। अब ईवीएम के नोडल अधिकारी एडीएम वित्त एवं राजस्व संजय कुमार को बनाया गया है। हालांकि, सुभासपा ने भारत निर्वाचन आयोग से जिलाधिकारी को हटाने की मांग की थी। EVM ट्रांसपोर्टेशन में पाई गई लापरवाही जानकारी के मुताबिक, प्रशासन ने भी माना कि वाराणसी की पहड़िया मंडी स्थित मतगणना स्थल से मंगलवार को बिना किसी सूचना के प्रशिक्षण के लिए ईवीएम ले जाई गई थी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने विवाद के बाद जांच कराई। वहीं, रिपोर्ट को चुनाव आयोग भेजा गया था। वहां से मिले निर्देश के बाद नलिनी कांत सिंह को निलंबित कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने माना है कि ईवीएम के ट्रांसपोर्टेशन में प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया है। नोडल अधिकारी की ओर से लापरवाही कई गई है। इसके बाद चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई की है। क्या था मामला मंगलवार की शाम पहड़िया मंडी स्थित मतगणना स्थल के पास सपाइयों ने प्रशिक्षण के लिए जा रही ईवीएम लदी पिकअप गाड़ी पकड़ने के बाद हेराफेरी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था। मंडी के मेन गेट समेत परिसर में जगह-जगह सपाई धरने पर बैठ गए थे। बैरिकेडिंग तोड़कर ईवीएम वाले स्ट्रांग रूम में दो बार घुसने की कोशिशों में सुरक्षाबलों से धक्का-मुक्की हुई थी। नारेबाजी के बीच मंडी के सामने पांडेपुर-पहड़िया रोड पर जाम लगा दिया था। पथराव भी किया गया था। शाम छह बजे के आसपास शुरू हुआ प्रदर्शन। बवाल पहड़िया से पीलीकोठी तक पहुंच गया था। वहां भी प्रदर्शन हुआ था। वाराणसी में विभिन्न अधिकारियों द्वारा हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए ईवीएम को तीन वाहनों में भरकर ले जाया जाना बताया गया लेकिन आज उनके द्वारा वीडियो के माध्यम से ट्रेनिंग करते दिखाया गया। सबसे मुख्य बात है कि ट्रेनिंग लेते हुए मात्र तीन लोग दिखाई दिये। सवाल यह है कि मात्र तीन लोगों की ट्रेनिंग के लिए तीन वाहनों में भरकर ईवीएम की जरूरत कैसे पड़ सकती है? और जब वीडियो से ट्रेनिंग की व्यवस्था उपलब्ध थी तब बिना सुरक्षा एवं प्रोटोकॉल का पालन किये ईवीएम क्यों ले जाई जा रही थी? मंशा पर संदेह तो होना ही है। और विभिन्न जिलों में जो पर्चियां, बैलेट पेपर, चुनाव सामग्री मिलने की घटनायें सामने आ रही हैं वो सभी संदेह ही पैदा कर रही हैं कि सब कुछ सही नहीं चल रहा है। और अब तक बरेली सोनभद्र वाराणसी तथा बरेली में एडीएम या एसडीएम के खिलाफ हुई कार्यवाही से इतना तो स्पष्ट है कि प्रशासन की ओर से गलती तो हुई है। दूसरी गाज सोनभद्र के एसडीएम के ऊपर गिरी उन्हें भी निलंबित कर दिया गया। इसके बाद बरेली के एसडीएम का तुरंत प्रभाव से तबादला कर दिया गया। Post navigation अब आए दिन बाड़ेबंदी के देश में पहली बार एयरलिफ्ट होंगे कांग्रेस विधायक ताकि पार्टी से न टूटें